कुल्लू: मनाली की कल्पना ठाकुर (plantation by kalpana thakur of manali) पिछले 14 साल से एक पेड़ को राखी बांधती आ रही हैं. वहीं, अब हिमाचल की ये बेटी हिमालयी इलाकों में भी विशेष अभियान चलाने जा रही है. कल्पना बीते दिन हेलीकॉप्टर हादसे में (Bipin Rawat martyred in helicopter crash) शहीद हुए सीडीएस बिपिन रावत व अन्य सैन्य अधिकारियों को श्रद्धांजलि (Plantation in memory of Bipin Rawat) देंगी और हिमालयी इलाकों में 3 हजार जंगली फलों के पौधों को भी रोपेंगी. कल्पना ठाकुर ने अपने पिता पर्यावरणविद किशन लाल के साथ मिलकर मनाली से इस अभियान की शुरुआत कर दी है. वहीं, यह अभियान जिला कुल्लू, लाहौल स्पीति व लेह लद्दाख में भी चलाया जाएगा. कल्पना का कहना है कि सैन्य अधिकारियों के शहीद होने से देश भर के लोग शोक में हैं और उन्हें कई संस्थाओं के द्वारा श्रद्धांजलि भी दी जा रही है.
ये भी पढ़ें- Coonoor helicopter crash : हादसे में सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बचे जिंदा, इसी साल शौर्य चक्र से हुए थे सम्मानित
ऐसे में अब वे भी पौधारोपण (Plantation for bipin rawat in kullu) कर सैन्य अधिकारियों को श्रद्धांजलि देने जा रही हैं, ताकि अन्य लोग भी इस कार्यक्रम के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की ओर जागरूक हो सकें. मनाली की रहने वाली कल्पना ठाकुर जब 3 साल की थीं तो अपना भाई न होने के कारण उसने पेड़ों को अपना भाई बनाना शुरू कर दिया. 16 वर्षीय कल्पना अपने पिता राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किशन ठाकुर के नक्शे कदम पर चल रही हैं. कल्पना हर साल उस पेड़ को रक्षाबंधन पर राखी बांधती हैं जिसे उसने बचपन में पहले भाई बनाया था.
कल्पना ठाकुर का कहना है कि लोग अधिक से अधिक पेड़ (Kalpana will plant three thousand saplings) लगाने के लिए आगे आएं और वन विभाग द्वारा चिन्हित स्थान बाड़बंदी के बाद ही पौधे लगाएं, ताकि इनका संरक्षण भी आसानी से हो सके. कल्पना का कहना है कि वह पढ़ाई पूरी कर भारतीय सेना में जाना चाहती हैं और देश सेवा करना चाहती हैं. कल्पना को पर्यावरण एवं वन्य प्राणी सुरक्षा समिति सहित मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट्री सहित ठाकुर वेदराम मैमोरियल सोसायटी, हिम उत्कर्ष साहित्य अकादमी, सुर संगम कला अकादमी, भुटि्टको कुल्लू सम्मानित कर चुके हैं.
ये भी पढ़ें- coonoor helicopter crash : हादसे से चंद मिनट पहले वीडियो बनाने वाले जोई ने बयां किया हाल
कल्पना के पिता किशन लाल का कहना है उनकी बेटी को बचपन से ही पेड़ पौधों से काफी (lahual laddakh plantation News) लगाव है और वह उनके साथ मिलकर हर काम करती है. कल्पना का कहना है कि भाई-बहन का रिश्ता सबसे खूबसूरत रिश्तों में से एक माना जाता है. लड़ाई-झगड़े, नोक-झोंक के बावजूद हर भाई-बहन के लिए ये रिश्ता खास होता है. कई लोग जानवरों को भी राखी बांधते हैं. जैसे हिन्दू धर्म में गोवर्धन पूजा के दौरान गाय को रक्षा सूत्र बांधा जाता है. इन सभी रिवाजों के पीछे अपने आस-पास के पशु-पक्षियों के साथ बैलेंस बनाए रखने की सोच रही है.
वहीं, कल्पना ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हिमालयी इलाकों में बढ़ रही जलविद्युत परियोजनाओं से हिमालय क्षेत्रों के पेड़ों को मेरी नजर में सबसे ज्यादा खतरा है. इनके निर्माण के लिए हजारों पेड़ों की बलि दी जाती है, जो गलत है. परियोजनाओं को ऐसी जगह लगाया जाए जहां पेड़ों का कटान न के बराबर हो. कल्पना ने कहा कि सबको पता है कि पेड़ हमारे लिए बहुत जरूरी हैं, लेकिन इसके बारे में कोई नहीं सोच रहा है.
ये भी पढ़ें- Liquor and non veg ban in malana: मलाणा गांव में शराब और नॉनवेज पर प्रतिबंध, ग्रामीणों ने देवता के आदेशानुसार लिया निर्णय