लाहौल स्पीतिः जिला की लाहौल घाटी के मरीजों के लिए इस साल अटल-टनल राहत बनकर आई है. इस साल इलाज के लिए मरीजों को आसमान की राह नहीं ताकनी पड़ रही है. टनल के रास्ते मरीजों को इलाज के लिए घाटी से बाहर ले जाया जा रहा है. इस सर्दी के मौसम में लाहौल घाटी के 39 मरीजों को इलाज के लिए कुल्लू अस्पताल पहुंचाया गया है.
इससे पहले लाहौल घाटी के मरीजों को हेलीकॉप्टर की उड़ान का इंतजार रहता था और मौसम की खराबी के कारण कई बार उड़ान नहीं हो पाती थी, जिस कारण कई मरीज जान गंवा देते थे. वहीं, अब टनल ने मरीजों को काफी राहत दी है.
तीन अक्तूबर को अटल टनल उद्घाटन
गौर रहे कि पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन अक्तूबर को अटल टनल रोहतांग को जनता को समर्पित किया था. उस दिन से लाहौल से उपचार के लिए रेफर मरीजों को घाटी से बाहर निकालने में किसी तरह की परेशानी नहीं रही.
अब तक 39 मरीजों का इलाज
टनल के रास्ते उद्घाटन के बाद अब तक 39 मरीजों को घाटी से बाहर निकाला गया है. टनल बनने से पहले लाहौल घाटी में सर्दी के मौसम में छह माह तक बाकि क्षेत्रों से कट जाती थी. बर्फबारी में रोहतांग दर्रा यातायात के लिए ठप पड़ जाता था. ऐसे में मरीजों को घाटी से बाहर निकालने का एकमात्र जरिया हेलीकॉप्टर सेवा थी.
108 एंबुलेंस कर्मियों ने 39 रेफर मरीजों को टनल के रास्ते कुल्लू पहुंचाया
खराब मौसम में कई बार समय पर हेलीकॉप्टर सेवा न मिलने से रेफर मरीज की मौत तक हो जाती थी. अब मरीजों को हेलीकॉप्टर सेवा का इंतजार नहीं करना पड़ रहा है. एंबुलेंस की मदद से रेफर मरीज को घाटी से बाहर निकाला जा रहा है.
इस बार यहां तैनात 108 एंबुलेंस कर्मियों ने 39 रेफर मरीजों को टनल के रास्ते क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू पहुंचाया है. 108 एंबुलेंस के प्रभारी आशीष ने कहा कि अटल-टनल रोहतांग के रास्ते अब तक 39 गंभीर रेफर मरीजों को घाटी से बाहर निकाला गया है.
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