कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के क्षेत्रीय अस्पताल में पिछले वर्ष 12 हजार 614 लोगों को फिजियोथेरेपी दी गई, जिससे मरीजों को काफी लाभ मिला है. वहीं, जिला दिव्यांगता पुनर्वास केंद्र कुल्लू की ओर से यह निशुल्क फिजियोथेरेपी सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में रेड क्रॉस सोसाइटी (Regional Hospital Kullu) के द्वारा जिला दिव्यांगता पुनर्वास केंद्र में फिजियोथेरेपी यूनिट स्थापित की गई है.
इस केंद्र में डॉक्टर सीमा ठाकुर के द्वारा जोड़ों के दर्द, कमर, गर्दन, एडी, गठिया मांसपेशियों के दर्द सहित कई अन्य समस्याओं का इलाज किया जाता है. डॉ. सीमा ठाकुर ने बताया कि निजी सेक्टर में अगर किसी को फिजियोथेरेपी की सेवा लेनी हो तो उसे एक सत्र के ₹300 खर्च करने पड़ते हैं, जबकि यहां पर यह सभी चीजें निशुल्क प्रदान की जाती हैं. यहां पर कई ऐसे मामले आए हैं, जिसमें मरीज बिस्तर पर ही पड़ गया था, लेकिन 3 माह के उपचार के बाद अधरंग के मरीज भी अब खुद चलना शुरू हो गए हैं.
![physiotherapy treatment in Kullu Regional Hospital](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-kul-fijiotherepy-center-img-7204051_01042022162853_0104f_1648810733_1102.jpg)
उन्होंने बताया कि व्यायाम के जरिए शरीर की मांसपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय रखने की विद्या को फिजियोथेरेपी कहा जाता है. मौजूदा समय में अधिकतर लोग दवाइयों के झंझट से बचने के लिए फिजियोथेरेपी की ओर रुख कर रहे हैं और इसका फायदा उठा रहे हैं, क्योंकि इस पद्धति के दुष्प्रभावों की आशंका न के बराबर है और व्यायाम के जरिए शरीर की मांसपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय कर लोगों का उपचार किया जाता है.
![physiotherapy treatment in Kullu Regional Hospital](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-kul-fijiotherepy-center-img-7204051_01042022162853_0104f_1648810733_1071.jpg)
डॉ. सीमा ठाकुर ने बताया कि जिला दिव्यांगता पुनर्वास केंद्र में फिजियोथेरेपी (Physiotherapy in rehabilitation center) के अलावा केंद्र के माध्यम से विकलांगों को चिन्हित कर उनकी विकलांगता का आकलन कर यूआईडी पहचान पत्र भी जारी किए जा रहे हैं. इसके अलावा मानसिक तनाव जैसी समस्याओं का भी काउंसलिंग के माध्यम से निदान किया जा रहा है. वहीं, स्पीच थेरेपिस्ट के द्वारा हकलाना, तुतलाना व बोलने की समस्याओं के लिए भी निशुल्क सेवा उपलब्ध करवाई जा रही है. इसके अलावा गरीब लोगों के लिए व्हीलचेयर, बैसाखी, कृत्रिम अंगों की आवश्यकता को भी पूर्ण करने के लिए वार्षिक आय सीमा के आधार पर उन्हें निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है.
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