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लिटल रेबल एडवेंचर संस्था ने 11 हजार भेड़-बकरियों को सुरक्षित निकाला, डीसी कुल्लू ने की प्रशंसा

पार्वती घाटी की साहसिक संस्था लिटल रेबल एडवेंचर ने सोमवार को उपायुक्त आशुतोष गर्ग से मुलाकात की और गत 26 अगस्त को दूरवर्ती पथरीली घाटी में 11 हजार भेड़-बकरियों को सुरक्षित निकालने के अभियान की जानकारी दी. उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने लिटल रेबल एडवेंचर के साहस की सराहना की और कहा कि जान बचाना एक बड़ा पुण्य का काम है. टीम ने गडरियों के करोड़ों का नुकसान होने से बचा लिया. इसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र है.

Little Rebel Adventure Society rescued 11 thousand sheep and goats in kullu
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Published : Sep 20, 2021, 6:33 PM IST

कुल्लू: पार्वती घाटी की साहसिक संस्था लिटल रेबल एडवेंचर ने सोमवार को उपायुक्त आशुतोष गर्ग से मुलाकात की और गत 26 अगस्त को दूरवर्ती पथरीली घाटी में 11 हजार भेड़-बकरियों को सुरक्षित निकालने के अभियान की जानकारी दी.

उपायुक्त ने बताया कि बीते 25 अगस्त को उन्हें दूरभाष और जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के माध्यम से जानकारी मिली कि मणिकर्ण से काफी अंदर पथरीली घाटी और ठाकुर कुंआ व डिभी नाला के पास के क्षेत्रों में चंबा, कांगड़ा व मंडी के गडरियों की 11000 से अधिक भेड़ व बकरियां ग्लेशियर के कारण फंस गई हैं और यदि तत्काल कोई मदद नहीं मिली तो जान-माल का बहुत भारी नुकसान हो सकता है.

उपायुक्त ने पार्वती घाटी के लिटल रेबल एडवेंचर के निदेशक शिवराम से सम्पर्क करके बकरियों को बचाने का आग्रह किया. लिटल रेबल एडवेंचर संस्था शिवराम के नेतृत्व में चुनी लाल, महेन्द्र सिंह, सुरज महंत, धर्मेन्द्र ठाकुर, दिशु ठाकुर व सुनील नेगी सभी लोग तुरंत से पथरीली घाटी के लिए रवाना हुए और काफी लंबी दूरी पैदल तय करने के बाद जब ठाकुर कुंआ व डिभी क्षेत्रों में पहुंचे तो देखा कि बरसात और ग्लेशियर के कारण कहीं पर भी रास्ता नहीं रह गया था और नाले से होकर गुजरना जान को जोखिम में डालने जैसा था.

शिवराम बताते हैं कि ऐसे में अपनी जान को बचाने की भी चुनौती सामने थी. बकरियों को निकालना तो अब बाद की बात हो गई. शिवराम की पूरी टीम ने अपने साथ ले गए औजारों से पथरीली घाटी में नाले के साथ पत्थर डालकर रास्ता बनाया जहां से बामुश्किल लाइन में केवल एक-एक भेड़ निकल सकती थी.

टीम के सभी सदस्यों ने एक-एक भेड़ व बकरी को अस्थाई रास्ते से पकड़ कर निकाला और इस तरह से उन्होंने लगभग 11 हजार भेड़ बकरियों की जान बचाई. उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने लिटल रेबल एडवेंचर के साहस की सराहना की और कहा कि जान बचाना एक बड़ा पुण्य का काम है. टीम ने गडरियों के करोड़ों का नुकसान होने से बचा लिया. इसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र है.

ये भी पढे़ं- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में खुशखबरी, हिमाचल में 85 फीसदी जनता में एंटी बॉडी विकसित: सीरो सर्वे

कुल्लू: पार्वती घाटी की साहसिक संस्था लिटल रेबल एडवेंचर ने सोमवार को उपायुक्त आशुतोष गर्ग से मुलाकात की और गत 26 अगस्त को दूरवर्ती पथरीली घाटी में 11 हजार भेड़-बकरियों को सुरक्षित निकालने के अभियान की जानकारी दी.

उपायुक्त ने बताया कि बीते 25 अगस्त को उन्हें दूरभाष और जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के माध्यम से जानकारी मिली कि मणिकर्ण से काफी अंदर पथरीली घाटी और ठाकुर कुंआ व डिभी नाला के पास के क्षेत्रों में चंबा, कांगड़ा व मंडी के गडरियों की 11000 से अधिक भेड़ व बकरियां ग्लेशियर के कारण फंस गई हैं और यदि तत्काल कोई मदद नहीं मिली तो जान-माल का बहुत भारी नुकसान हो सकता है.

उपायुक्त ने पार्वती घाटी के लिटल रेबल एडवेंचर के निदेशक शिवराम से सम्पर्क करके बकरियों को बचाने का आग्रह किया. लिटल रेबल एडवेंचर संस्था शिवराम के नेतृत्व में चुनी लाल, महेन्द्र सिंह, सुरज महंत, धर्मेन्द्र ठाकुर, दिशु ठाकुर व सुनील नेगी सभी लोग तुरंत से पथरीली घाटी के लिए रवाना हुए और काफी लंबी दूरी पैदल तय करने के बाद जब ठाकुर कुंआ व डिभी क्षेत्रों में पहुंचे तो देखा कि बरसात और ग्लेशियर के कारण कहीं पर भी रास्ता नहीं रह गया था और नाले से होकर गुजरना जान को जोखिम में डालने जैसा था.

शिवराम बताते हैं कि ऐसे में अपनी जान को बचाने की भी चुनौती सामने थी. बकरियों को निकालना तो अब बाद की बात हो गई. शिवराम की पूरी टीम ने अपने साथ ले गए औजारों से पथरीली घाटी में नाले के साथ पत्थर डालकर रास्ता बनाया जहां से बामुश्किल लाइन में केवल एक-एक भेड़ निकल सकती थी.

टीम के सभी सदस्यों ने एक-एक भेड़ व बकरी को अस्थाई रास्ते से पकड़ कर निकाला और इस तरह से उन्होंने लगभग 11 हजार भेड़ बकरियों की जान बचाई. उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने लिटल रेबल एडवेंचर के साहस की सराहना की और कहा कि जान बचाना एक बड़ा पुण्य का काम है. टीम ने गडरियों के करोड़ों का नुकसान होने से बचा लिया. इसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र है.

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