कुल्लू: उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने जिला के समस्त एसडीएम, तहसीलदार व खण्ड विकास अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. इस दौरान शहरी निकायों व पंचायती राज संस्थानों के चुनाव की प्रक्रिया पर विस्तारपूर्वक चर्चा की. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिला में निर्वाचन शांतिपूर्ण व निष्पक्ष ढंग से संपन्न करवाने के लिए चुनाव से जुड़े कार्यों का सही ढंग से निष्पादन करें और प्रत्येक पहलू का बारीकी से ख्याल रखा जाए.
ट्रेनिंग में 50 से अधिक अधिकारी व कर्मचारी शामिल नहीं होंगे
डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में सीटों का आरक्षण पहले की किया जा चुका है और नामांकन प्राप्त करते समय रोस्टर का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए. पंचायत स्तर पर सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को अलग-अलग चरणों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और इस दौरान संबंधित एसडीएम व खण्ड विकास अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि चुनाव सामग्री प्रशिक्षण से पूर्व संबंधित स्थानों पर पहुंच जानी चाहिए. प्रशिक्षण का समय व स्थान समय पर निश्चित किया जाना चाहिए और प्रशिक्षण के दौरान एक स्थान पर 50 से अधिक अधिकारी व कर्मचारी नहीं होंगे. प्रशिक्षण स्थल पर सेनिटाइजर की समुचित व्यवस्था की जाए और पैकेड फूड वितरित करने की व्यवस्था की जानी चाहिए. सरकारी अधिकारी की चुनाव ड्यूटी उसकी अपनी पंचायत में नहीं लगाई जाएगी.
अनारक्षित वार्ड में कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है
डीसी ने कहा कि नामांकन पत्र दाखिल करते समय सबसे पहले प्रधान, फिर उपप्रधान व बाद में वार्ड मेम्बर का प्राप्त किया जाए. रिटर्निंग अधिकारी अपने पास मतदाता सूची, नामांकन पत्र, नाम वापसी प्रपत्र, चिन्ह आवंटन से संबंधित फार्म अपने पास रखेंगे. वार्ड वाइज फोल्डर तैयार किया जाए, जिसमें ग्राम पंचायत के पूरे रोस्टर की जानकारी हो. अनारक्षित वार्ड में कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है. आरक्षित वार्डों के अभ्यर्थियों से नामांकन के समय प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना जरूरी है. अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित सीट पर केवल अनुसूचित जाति की महिला ही चुनाव लड़ सकती है जबकि केवल महिला के लिए आरक्षित वार्ड से कोई भी महिला उम्मीदवार हो सकती है.
नामांकन की सूचना प्रतिदिन सूचना पट्ट पर प्रदर्शित करनी जरूरी
डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि नामांकन के समय केवल एक ही व्यक्ति को एआरओ के कमरे में जाने की अनुमति होगी. नामांकन की सूचना प्रतिदिन सूचना पट्ट पर प्रदर्शित करनी जरूरी है और साथ ही इसकी प्रति उपायुक्त व खण्ड विकास अधिकारी को उपलब्ध करवानी होगी. चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी की आयु नामांकन की जांच के दिन 21 साल होनी चाहिए. इसके अलावा, उपायुक्त ने अधिकारियों को नामांकन तथा चुनाव से संबंधित सभी प्रकार की बारीकी से जानकारी प्रदान की. उन्होंने कहा कि यह एक प्रकार से अधिकारियों की रिहर्सल है और उन्हें सभी पहलुओं पर गौर करना होगा. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी और आउटसोर्स कर्मचारी नौकरी छोड़ने के बाद ही चुनाव लड़ सकते हैं.
प्रधान व उप प्रधान पदों के लिए सिक्योरिटी केवल 100 रुपये
डीसी ने कहा कि नामांकन भरने वाले के विरूद्ध यदि कोई शिकायत करता है तो शिकायतकर्ता और प्रत्याशी दोनों को सुनने का मौका दिया जाना चाहिए. प्रधान व उप प्रधान पदों के लिए सिक्योरिटी केवल 100 रुपये जबकि महिलाओं के लिए केवल 50 रुपये होगी. पंचायत समिति सदस्य के लिए सिक्योरिटी 150 रुपये जबकि महिला उम्मीदवार के लिए 75 रुपये जबकि जिला परिषद के लिए 200 रुपये व महिला के लिए 100 रुपये है.
कोविड-19 नियमों का रखा जाए विशेष ख्याल
ऋचा वर्मा ने कहा कि एसडीएम और खण्ड विकास अधिकारी अपने क्षेत्र के समस्त प्रत्याशियों के मोबाइल नम्बर अपने पास रखेंगे और अपना सम्पर्क उन्हें भी देंगे ताकि किसी प्रकार का मुद्दा यदि सामने आए तो तुरंत इसका समाधान सुनिश्चित बनाया जा सके. पंचायती राज विभाग की निर्वाचन से संबंधित हैंडबुक को प्रशिक्षण के दौरान सभी को उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें. उपायुक्त ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान सभी स्तर पर कोविड-19 नियमों का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए. सरकार द्वारा जारी सभी एसओपी की अनुपालना सुनिश्चित बनाई जानी चाहिए. इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा सकती.
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