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रोहतांग जाने वाले सैलानियों को राहत, वाहन परमिट जांच के लिए मोबाइल ऐप का शुभारंभ - himachal today news

रोहतांग के दीदार के लिए अब पर्यटकों को गुलाबा व कोकसर बैरियरों पर कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा. रोहतांग पास परमिट की वैधता जांचने के लिए उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने एक मोबाइल ऐप की शुरूआत की है. जिसके माध्यम से परमिट को स्कैन करके कुछ सेकंड में पूरा कर लिया जाएगा.

रोहतांग पास परमिट
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Published : Oct 1, 2021, 2:15 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू व लाहौल-स्पीति सीमा पर स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटक गंतव्य 13050 फुट ऊंचा हिमाच्छादित रोहतांग दर्रा के दीदार के लिए देसी व विदेशी सैलानियों तथा वाहन चालकों को अब गुलाबा व कोकसर बैरियरों पर लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा. रोहतांग पास परमिट की वैधता जांचने के लिए जिला प्रशासन कुल्लू ने राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) हिमाचल प्रदेश के सहयोग से एक नई मोबाइल एप विकसित की है.

इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि पहले ये काम काउंटर पर कंप्यूटर के द्वारा होता था. अब ये मोबाइल एप के द्वारा वाहन के पास जाकर ही परमिट को स्कैन करके चंद सेकंड में पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि चालकों को अपना वाहन छोड़कर काउंटर पर जाने की जरूरत भी नहीं होगी, बल्कि बैरियर कर्मचारी ही अब उनके पास जाकर परमिट जांच करेंगे.

मोबाइल फोन से क्यू-आर कोड को स्कैन करना होगा और यह केवल एक बार ही होगा. इससे अब एक ही परमिट का बार-बार इस्तेमाल करना भी असंभव हो जाएगा. ये एप एंड्रॉयड मोबाइल के लिए उपलब्ध करवाई गई है. इस एप के आ जाने से सारे काम में पारदर्शिता भी आएगी और समय की भी बचत होगी. वाहनों की रोहतांग दर्रे के लिए आवाजाही की वास्तविक संख्या का भी इस एप के माध्यम से पता चलेगा.

ये भी पढ़ेें : शिमला: कच्ची घाटी में कई भवनों को खतरा, परिवारों को दूसरी जगह किया गया शिफ्ट

कुल्लू: जिला कुल्लू व लाहौल-स्पीति सीमा पर स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटक गंतव्य 13050 फुट ऊंचा हिमाच्छादित रोहतांग दर्रा के दीदार के लिए देसी व विदेशी सैलानियों तथा वाहन चालकों को अब गुलाबा व कोकसर बैरियरों पर लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा. रोहतांग पास परमिट की वैधता जांचने के लिए जिला प्रशासन कुल्लू ने राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) हिमाचल प्रदेश के सहयोग से एक नई मोबाइल एप विकसित की है.

इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि पहले ये काम काउंटर पर कंप्यूटर के द्वारा होता था. अब ये मोबाइल एप के द्वारा वाहन के पास जाकर ही परमिट को स्कैन करके चंद सेकंड में पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि चालकों को अपना वाहन छोड़कर काउंटर पर जाने की जरूरत भी नहीं होगी, बल्कि बैरियर कर्मचारी ही अब उनके पास जाकर परमिट जांच करेंगे.

मोबाइल फोन से क्यू-आर कोड को स्कैन करना होगा और यह केवल एक बार ही होगा. इससे अब एक ही परमिट का बार-बार इस्तेमाल करना भी असंभव हो जाएगा. ये एप एंड्रॉयड मोबाइल के लिए उपलब्ध करवाई गई है. इस एप के आ जाने से सारे काम में पारदर्शिता भी आएगी और समय की भी बचत होगी. वाहनों की रोहतांग दर्रे के लिए आवाजाही की वास्तविक संख्या का भी इस एप के माध्यम से पता चलेगा.

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