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गीता देवी की मौत पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ ने जताया दुख, सीएम को भेजा ज्ञापन

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ ने पल्स पोलियो अभियान के दौरान हुई आंगनबाड़ी वर्कर की मौत पर गहरा शोक जताया है. संघ की अध्यक्ष योगा रानी ने कहा कि गीता देवी की आकस्मिक मौत की क्षतिपूर्ति के लिए परिजनों को आर्थिक सहायात देने की मांग की है.

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गीता देवी की मौत पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ ने जताया दुख
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Published : Jan 21, 2020, 10:23 AM IST

Updated : Jan 21, 2020, 10:35 AM IST

कुल्लू: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ ने पल्स पोलियो अभियान के दौरान हुई आंगनबाड़ी वर्कर की मौत पर गहरा शोक जताया है. संघ ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा है. संघ का कहना है कि उनके अतिरिक्त काम कम करने चाहिए.

संघ की अध्यक्ष योगा रानी ने गीता देवी की आकस्मिक मौत की क्षतिपूर्ति के लिए परिजनों को आर्थिक सहायात देने की मांग की है. उन्होंने गीता देवी के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी देने की मांग उठाई है. योगा रानी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए पल्स पोलियो, बीएलओ, जनगणना आदि के कार्य काफी चुनौतीपूर्ण होते हैं. इसके बावजूद इन कार्यों के दौरान सुविधा के नाम पर कुछ हासिल नहीं हो रहा है.

योगा रानी ने कहा बीएलओ की ड्यूटी का टीए, डीए भी समय पर नहीं मिल रहा है. जो मिलता भी है, वो भी खर्च से बहुत कम होता है. विभिन्न कार्यों के लिए कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की ड्यूटी अधिकांश समय में दूरदराज व दुर्गम क्षेत्रों में लगाई जाती है. जिन लोगों की यहां ड्यूटी लगनी चाहिए वो सड़क के साथ लगते क्षेत्र में ही ड्यूटी देते नजर आते हैं. बीएलओ का कार्य उनके लिए काफी चुनौती पूर्ण होता है.

वीडियो

संघ की अध्यक्षा ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में ड्यूटी करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार दुर्गम क्षेत्र में ड्यूटी करने के लिए उनको अपने पति, बेटे या अन्य पुरुष सदस्य को साथ ले जाना पड़ता है. इस दौरान सुबह से लेकर शाम तक का पूरा समय खत्म हो जाता है. मानदेय भी पर्याप्त नहीं मिल रहा है. ऐसे में अतिरिक्त काम को कम किया जाना चाहिए, अन्यथा उनके मानदेय में इजाफा की जाए.

कुल्लू: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ ने पल्स पोलियो अभियान के दौरान हुई आंगनबाड़ी वर्कर की मौत पर गहरा शोक जताया है. संघ ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा है. संघ का कहना है कि उनके अतिरिक्त काम कम करने चाहिए.

संघ की अध्यक्ष योगा रानी ने गीता देवी की आकस्मिक मौत की क्षतिपूर्ति के लिए परिजनों को आर्थिक सहायात देने की मांग की है. उन्होंने गीता देवी के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी देने की मांग उठाई है. योगा रानी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए पल्स पोलियो, बीएलओ, जनगणना आदि के कार्य काफी चुनौतीपूर्ण होते हैं. इसके बावजूद इन कार्यों के दौरान सुविधा के नाम पर कुछ हासिल नहीं हो रहा है.

योगा रानी ने कहा बीएलओ की ड्यूटी का टीए, डीए भी समय पर नहीं मिल रहा है. जो मिलता भी है, वो भी खर्च से बहुत कम होता है. विभिन्न कार्यों के लिए कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की ड्यूटी अधिकांश समय में दूरदराज व दुर्गम क्षेत्रों में लगाई जाती है. जिन लोगों की यहां ड्यूटी लगनी चाहिए वो सड़क के साथ लगते क्षेत्र में ही ड्यूटी देते नजर आते हैं. बीएलओ का कार्य उनके लिए काफी चुनौती पूर्ण होता है.

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संघ की अध्यक्षा ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में ड्यूटी करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार दुर्गम क्षेत्र में ड्यूटी करने के लिए उनको अपने पति, बेटे या अन्य पुरुष सदस्य को साथ ले जाना पड़ता है. इस दौरान सुबह से लेकर शाम तक का पूरा समय खत्म हो जाता है. मानदेय भी पर्याप्त नहीं मिल रहा है. ऐसे में अतिरिक्त काम को कम किया जाना चाहिए, अन्यथा उनके मानदेय में इजाफा की जाए.

Intro:आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के परिवार को मदद दे सरकार
संघ ने प्रदेश सरकार से की मांगBody:



जिला कुल्लू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ ने पल्स पोलियो अभियान के दौरान हुई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत पर गहरा शोक जताया है। संघ ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आ रही मुुश्किलों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। कहा कि उनके अतिरिक्त काम कम करने चाहिए। संघ की अध्यक्ष योगा रानी ने कहा कि गीता देवी की आकस्मिक मौत की क्षतिपूर्ति के लिए कार्यकर्ता के परिवार को आर्थिक लाभ दिया जाए। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी का भी प्रावधान किया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पल्स पोलियो, बीएलओ, जनगणना आदि के कार्य काफी चुनौतीपूर्ण होते हैं। इसके बावजूद इन कार्यों के दौरान सुविधा के नाम पर कुछ हासिल नहीं हो रहा है। बीएलओ की ड्यूटी का टीए, डीए भी समय पर नहीं मिल रहा है। जो मिलता भी है, वो भी खर्च से बहुत कम होता है। विभिन्न कार्यों के लिए कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की ड्यूटी अधिकांश समय में दूरदराज व दुर्गम क्षेत्रों में लगाई जाती है। लेकिन जिन लोगों की यहां ड्यूटी लगनी चाहिए, वो सड़क के साथ लगते क्षेत्र में ही ड्यूटी देते नजर आते हैं। बीएलओ का कार्य उनके लिए काफी चुनौती पूर्ण होता है। Conclusion:

दुर्गम क्षेत्रों में ड्यूटी देने में परिजनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार दुर्गम क्षेत्र में ड्यूटी देने के लिए उनको अपने पति, बेटे या अन्य पुरुष सदस्य को साथ ले जाना पड़ता है। इस दौरान सुबह से लेकर शाम तक का पूरा समय लिया जाता है। लेकिन मानदेय पर्याप्त नहीं मिल रहा है। ऐसे में अतिरिक्त काम को कम किया जाना चाहिए। अन्यथा उनके मानदेय में बढ़ोतरी की जाए।
बाईट: वीरेंद्र आर्य, जिला कार्यक्रम अधिकारी।
बाईट: कृष्णा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता।
Last Updated : Jan 21, 2020, 10:35 AM IST
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