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अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शिवा केशवन का नाम अर्जुन अवॉर्ड के लिए नामांकित, मनाली में खुशी की लहर

ल्यूज स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले भारतीय शिवा केशवन का नाम अर्जुन अवॉर्ड के लिए नामांकित हुआ है. बता दें कि ओलंपिक में सबसे कम उम्र का खिलाड़ी होने का रिकॉर्ड भी शिवा केशवन के नाम है. शीतकालीन ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय होने का रिकॉर्ड भी इनके नाम है.

Shiva Keshavan
Shiva Keshavan
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Published : Aug 19, 2020, 7:37 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 7:42 PM IST

मनालीः शीतकालीन ओलंपिक की ल्यूज स्पर्धा में हिस्सा लेने वाले पहले भारतीय शिवा केशवन का नाम अर्जुन अवॉर्ड के लिए नामांकित हुआ है. शिवा केशवन हाल ही में भारतीय ल्यूज महासंघ के मुख्य कोच भी बने हैं. अर्जुन पुरस्कार के लिए नामांकित होने पर शिवा केशवन के मनाली स्थित गांव में खुशी का माहौल है.

केशवन ने 22 साल तक ल्यूज स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. छह ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले केशवन सहित मनाली के लोगों का सपना साकार होने जा रहा है. बता दें कि शिवा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए 10 पदक जीते हैं और कई विश्व एवं एशियाई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं.

केशवन ने 1998 से 2018 तक छह शीतकालीन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने 2018 शीतकालीन ओलंपिक के बाद संन्यास ले लिया. शिवा की मां इटली की हैं और पिता केरल निवासी जो मनाली में रहते हैं. केशवन की माता सुधाकरन व पिता रोसलवा ने कहा कि जब शिवा ने उन्हें अर्जुन अवॉर्ड के लिए नाम चयनित होने की बात कही तो खुशी का ठिकाना न रहा.

शिवा केशवन सहित अर्जुन पुरस्कार के लिए भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा, निशानेबाज सौरभ चौधरी और मनु भाकर, धाविका दुती चंद, फुटबालर संदेश झिंगन, महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा, महिला मुक्केबाज लोवलीना बोरगोहेन और लूस सहित 29 खिलाड़ियों के नाम की सिफारिश की गई है. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस पर यह सम्मान दिए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि शिवा ने उनका व मनाली का नाम रोशन किया है. शिवा केशवन ने फोन पर बातचीत में कहा कि यह सम्मान मिलना उनके लिए सपने जैसा है. इस सम्मान के लिए एक लम्बा इंतजार करना पड़ा है, लेकिन देश ने उनकी प्रतिभा का सम्मान कर ल्यूज खेल को भी मान दिया है. प्लेटफॉर्म व सहयोग न मिलने से जिन परिस्थितियों से जूझना पड़ा है, प्रयास रहेगा कि आने वाले खिलाड़ियों को अच्छा प्लेटफॉर्म उपलव्ध करवाए जा सके.

1998 में पहली बार ओलिंपिक में हिस्सा लेकर इतिहास रचा

ल्यूज खेल के बारे में ऑस्ट्रिया के जाने माने खिलाड़ी गुंटर लेमरर ने 1997 में रूबरू करवाया. शिवा केशवन के लिए बिना उपकरणों के यह खेल शुरू करना दिक्कत भरा था, लेकिन जुनून सब कमियों में भारी पड़ गया. शुरू में खेल के उपकरण दक्षिण कोरिया की टीम से उधार लिए गए. साल 1998 में 16 साल की उम्र में पहली बार विंटर ओलिंपिक में ल्यूज खेल में भाग लेकर सबसे कम युवा ओलिंपियन बने.

ल्यूज खेल क्या है

ल्यूज एक लकड़ी व प्लास्टिक से बनी पट्टी के आकार की स्की होती है, जिस पर बैठकर बर्फ की परत पर फिसला जाता है. इसे ल्यूज खेल कहा जाता है. 2011 में मनाली के शिवा केशवन ने एशियन गेम्स में स्वर्ण हासिल कर घाटी के युवाओं का ध्यान इस खेल की ओर आकर्षित किया था. शिवा केशवन की लगन व रुचि से मनाली में इस खेल की लोकप्रियता बढ़ी है.

शिवा केशवन की उपलब्धियां

स्वर्ण 2017 अल्टेनबर्ग
स्वर्ण 2016 नगानो
स्वर्ण 2012 नगानो
स्वर्ण 2011 नगानो
रजत 2015 नगानो
रजत 2014 नगानो
रजत 2013 नगानो
रजत 2019 नगानो
कांस्य 2008 नगानो
कांस्य 2005 नगानो

बता दें कि मनाली के इस होनहार युवा का नाम 2012 में भी अर्जुन अवॉर्ड व हिमाचल सरकार के परशुराम अवॉर्ड के लिए कमेटी के पास गया था. ओलंपिक में सबसे कम उम्र का खिलाड़ी होने और शीतकालीन ओंलपिक में क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय होने का रिकॉर्ड भी इनके नाम है.

ये भी पढ़ें- रोहित शर्मा, मनिका बत्रा, विनेश फोगाट और थंगावेलू को मिलेगा राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार

ये भी पढ़ें- CBI करेगी सुशांत केस की जांच, कंगना ने SC के फैसले का किया स्वागत

मनालीः शीतकालीन ओलंपिक की ल्यूज स्पर्धा में हिस्सा लेने वाले पहले भारतीय शिवा केशवन का नाम अर्जुन अवॉर्ड के लिए नामांकित हुआ है. शिवा केशवन हाल ही में भारतीय ल्यूज महासंघ के मुख्य कोच भी बने हैं. अर्जुन पुरस्कार के लिए नामांकित होने पर शिवा केशवन के मनाली स्थित गांव में खुशी का माहौल है.

केशवन ने 22 साल तक ल्यूज स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. छह ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले केशवन सहित मनाली के लोगों का सपना साकार होने जा रहा है. बता दें कि शिवा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए 10 पदक जीते हैं और कई विश्व एवं एशियाई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं.

केशवन ने 1998 से 2018 तक छह शीतकालीन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने 2018 शीतकालीन ओलंपिक के बाद संन्यास ले लिया. शिवा की मां इटली की हैं और पिता केरल निवासी जो मनाली में रहते हैं. केशवन की माता सुधाकरन व पिता रोसलवा ने कहा कि जब शिवा ने उन्हें अर्जुन अवॉर्ड के लिए नाम चयनित होने की बात कही तो खुशी का ठिकाना न रहा.

शिवा केशवन सहित अर्जुन पुरस्कार के लिए भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा, निशानेबाज सौरभ चौधरी और मनु भाकर, धाविका दुती चंद, फुटबालर संदेश झिंगन, महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा, महिला मुक्केबाज लोवलीना बोरगोहेन और लूस सहित 29 खिलाड़ियों के नाम की सिफारिश की गई है. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस पर यह सम्मान दिए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि शिवा ने उनका व मनाली का नाम रोशन किया है. शिवा केशवन ने फोन पर बातचीत में कहा कि यह सम्मान मिलना उनके लिए सपने जैसा है. इस सम्मान के लिए एक लम्बा इंतजार करना पड़ा है, लेकिन देश ने उनकी प्रतिभा का सम्मान कर ल्यूज खेल को भी मान दिया है. प्लेटफॉर्म व सहयोग न मिलने से जिन परिस्थितियों से जूझना पड़ा है, प्रयास रहेगा कि आने वाले खिलाड़ियों को अच्छा प्लेटफॉर्म उपलव्ध करवाए जा सके.

1998 में पहली बार ओलिंपिक में हिस्सा लेकर इतिहास रचा

ल्यूज खेल के बारे में ऑस्ट्रिया के जाने माने खिलाड़ी गुंटर लेमरर ने 1997 में रूबरू करवाया. शिवा केशवन के लिए बिना उपकरणों के यह खेल शुरू करना दिक्कत भरा था, लेकिन जुनून सब कमियों में भारी पड़ गया. शुरू में खेल के उपकरण दक्षिण कोरिया की टीम से उधार लिए गए. साल 1998 में 16 साल की उम्र में पहली बार विंटर ओलिंपिक में ल्यूज खेल में भाग लेकर सबसे कम युवा ओलिंपियन बने.

ल्यूज खेल क्या है

ल्यूज एक लकड़ी व प्लास्टिक से बनी पट्टी के आकार की स्की होती है, जिस पर बैठकर बर्फ की परत पर फिसला जाता है. इसे ल्यूज खेल कहा जाता है. 2011 में मनाली के शिवा केशवन ने एशियन गेम्स में स्वर्ण हासिल कर घाटी के युवाओं का ध्यान इस खेल की ओर आकर्षित किया था. शिवा केशवन की लगन व रुचि से मनाली में इस खेल की लोकप्रियता बढ़ी है.

शिवा केशवन की उपलब्धियां

स्वर्ण 2017 अल्टेनबर्ग
स्वर्ण 2016 नगानो
स्वर्ण 2012 नगानो
स्वर्ण 2011 नगानो
रजत 2015 नगानो
रजत 2014 नगानो
रजत 2013 नगानो
रजत 2019 नगानो
कांस्य 2008 नगानो
कांस्य 2005 नगानो

बता दें कि मनाली के इस होनहार युवा का नाम 2012 में भी अर्जुन अवॉर्ड व हिमाचल सरकार के परशुराम अवॉर्ड के लिए कमेटी के पास गया था. ओलंपिक में सबसे कम उम्र का खिलाड़ी होने और शीतकालीन ओंलपिक में क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय होने का रिकॉर्ड भी इनके नाम है.

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Last Updated : Aug 19, 2020, 7:42 PM IST
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