कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में डिपो होल्डर 10 मार्च तक हड़ताल पर चले (Himachal Depot Holders strike) गए हैं. अब न तो डिपो होल्डर सरकारी गोदामों से राशन उठाएंगे और न ही उपभोक्ताओं को राशन वितरित करेंगें. डिपो होल्डरों ने 25 फरवरी को सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि प्रदेश सरकार या तो डिपो होल्डरों को वार्ता के लिए बुलाए या फिर डिपो होल्डर राशन के थोक बिक्री केंद्रों के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे, ताकि डिपो होल्डरों की समस्या पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया हो सके.
इस कड़ी में जिला कुल्लू में भी डिपो होल्डर हड़ताल पर बैठ गए हैं. हिमाचल डिपो होल्डर एसोसिएशन (Himachal Depot Holders Association) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण ने बताया कि जिला कुल्लू के विभिन्न ब्लॉकों से आए डिपो होल्डरों ने इस हड़ताल में भाग लिया और यह हड़ताल 10 मार्च तक चलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने डिपो होल्डरों को मांगों पर कोई अमल नहीं किया, जिसके चलते उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है. उन्होंने बताया कि डिपो होल्डरों को जो ऑनलाइन मशीनें दी गई है, उसमें भी इंटरनेट सरकार और विभाग की ओर से मुहैया नहीं करवाया गया है और इंटरनेट का खर्चा भी डिपो होल्डर को उठाना पड़ रहा है.
इसके अलावा थोक बिक्री केंद्रों में सरकार के द्वारा अनुदानित खाद्य पदार्थों को समय पर एक साथ उपलब्ध करवाया जाना चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को भी समय से राशन मिल सके. उन्होंने कहा कि कि संगठन बीते 4 सालों से डिपो के लिए स्थाई नीति बनाने की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार के द्वारा हर बार सिर्फ आश्वासन ही दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विक्रेताओं को बार-बार थोक बिक्री केंद्र के चक्कर काटने के बजाय ठेकेदार द्वारा ही उचित मूल्य की दुकान पर राशन पहुंचाने की व्यवस्था दी जानी चाहिए.
इसके अलावा आए दिन नई शाखाओं को खोलने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा पारित किए गए निर्देशों का भी पालन किया जाना चाहिए. प्रवीण सूद ने कहा कि हिमाचल में 5 किलो के गैस सिलेंडर का आवंटन का कार्य भी धरातल पर अभी तक लागू नहीं किया गया है और चीनी पर भी जो कमीशन दी जा रही है, वह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है. प्रवीण सूद ने सरकार से मांग (Demand of Depot Holders in Himachal) उठाई की फूड इंस्पेक्टर के द्वारा उचित मूल्य की दुकान से सैंपल लेने के बजाय उसे थोक बिक्री केंद्र से ही लेना चाहिए, ताकि डिपो होल्डर को किसी प्रकार की परेशानी पेश न आए.
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