कुल्लू: जिला कुल्लू के ढालपुर मैदान में 5 अक्टूबर को जहां अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव मनाया जाएगा. वहीं, देवी-देवता भी ढालपुर मैदान में पहुंचना शुरू हो गए हैं. वहीं, दशहरा उत्सव का आगाज जिनके बिना नहीं होता यानी देवी हिडिंबा भी (Devi Hidimba Left For Kullu Dussehra) मनाली से कुल्लू के लिए रवाना हो गई हैं. शाम के समय माता रामशिला में रात्रि ठहराव करेगी. जहां पर श्रद्धालुओं के द्वारा माता का भव्य स्वागत भी किया जाएगा.
दशहरा उत्सव में (International Kullu Dussehra) भाग लेने के लिए कुल्लू राज परिवार की दादी देवी हिडिंबा मंगलवार सुबह रवाना हुईं. ढुंगरी स्थित हिडिंबा मंदिर से देवी की भव्य रथयात्रा निकली गई. इसमें सैकड़ों की संख्या में कारकून, हारियान और श्रद्धालुओं ने भाग लिया. ढोल-नगाड़ों, नरसिंगा, करनाल की मधुर देव ध्वनि से पर्यटन नगरी मनाली का माहौल भक्तिमय हो गया. इस रथ में विराजमान देवी हिडिंबा और महर्षि मनु जहांं- जहां से गए, वहां दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइनें लग गईं. सात दिनों तक देवी हिडिंबा कुल्लू के ढालपुर स्थित अस्थायी शिविर में रहेंगी. लंका दहन के बाद ही देवी देवालय के लिए वापस आएंगी. दशहरा उत्सव में देवी हिडिंबा का भाग लेना अनिवार्य माना जाता है. मान्यता है कि उनकी उपस्थिति के बिना दशहरा उत्सव नहीं होता.
वहीं, मंगलवार शाम तक 200 देवी-देवता ढालपुर मैदान (Devi Devta arrived Kullu Dussehra Festival) पहुंच गए हैं. सैकड़ों हरियान के साथ देवता ढालपुर मैदान पहुंचे और ढोल नगाड़ों की ध्वनि से पूरा ढालपुर मैदान गूंज गया. वहीं, बुधवार सुबह तक अन्य देवी-देवता भी ढालपुर मैदान पहुंच जाएंगे और भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा में शामिल होंगे. पीएम के दौरे को देखते हुए पहले दिन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी और इसके साथ ही कई बंदिशें भी रहेंगी. दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ कई सालों बाद अपने पुराने समय 2:00 बजे तक पहुंच जाएंगे.
आम तौर पर भगवान रघुनाथ की रथयात्रा (Rath Yatra of Lord Raghunath) 4:00 बजे के बाद शुरू होती रही है. भगवान रघुनाथ के ढालपुर पहुंचने के बाद सभी रस्में निभाई जाएंगी. इसके बाद रघुनाथ की रथयात्रा सैकड़ों देवी-देवताओं के साथ शुरू होगी. भगवान रघुनाथ के ढालपुर आने का कार्यक्रम तब तक शुरू नहीं होता है, जब तक माता हिडिंबा नहीं पहुंचती हैं. अश्व और शस्त्र पूजन भी भगवान रघुनाथ के ढालपुर में आने से पूर्व होता है. इस बार 11:00 बजे ही अश्व पूजन किया जाएगा. इसके साथ माता हिडिंबा दशहरा में एक दिन पूर्व ही हनुमान मंदिर रामशिला पहुंच जाएंगी. भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि 1:30 बजे के बाद भगवान रघुनाथ ढालपुर के लिए रवाना होंगे और 2:00 बजे तक ढालपुर पहुंच जाएंगे.
ढालपुर मैदान में सभी देवताओं के अस्थायी शिविर बनकर तैयार हैं. बाह्य सराज आनी से देवता कोट भझारी भी अस्थायी शिविर पहुुंच गए हैं. वहीं, सैंज घाटी के साथ बंजार, मनाली, मणिकर्ण के देवता भी ढालपुर पहुंच चुके हैं. निरमंड और आनी के अधिकतर देवता भी दशहरा उत्सव में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं. जिनमें कई देवताओं ने 200 किलोमीटर से भी अधिक का सफर पैदल तय किया है. इस बार दशहरा में 332 देवी-देवताओं में से करीब 300 के आने की संभावना है.
ये भी पढ़ें: International Kullu Dussehra: कुल्लू के अनोखे दशहरे के बारे में जानिए खास बातें