कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में 5 महीने के लंबे अंतराल के बाद प्रदेश के सभी कॉलेज खुल गए हैं. कॉलेज खुलने से एक बार फिर रौनक लौट आई है. इस बीच नियमों का पालन किया जा रहा है. विद्यार्थियों को बिना मास्क कक्षा में प्रवेश की अनुमति नहीं है. इसके अलावा विद्यार्थियों के लिए महाविद्यालय में सेनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीन की व्यवस्था की गई है. बुखार-जुकाम के लक्षण वाले विद्यार्थियों और अध्यापकों को कॉलेज ना आने के भी निर्देश जारी किए गए हैं.
बात अगर जिला कुल्लू की करें तो यहां 50 फीसदी क्षमता के साथ 5 महीने के लंबे अंतराल के बाद कॉलेज खुल गए हैं. कॉलेज खुलने से छात्रों को राहत मिली है. जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर सिथत राजकीय महाविद्यालय में भी छात्र-छात्राओं ने आज अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. कोविड-19 के नियमों का पालन हो सके, इसके लिए कॉलेज के प्रवेश द्वार पर ही एनएसएस व विभिन्न छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं की ओर से सभी छात्रों के प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की गई. इसके अलावा उनके हाथों को भी सेनिटाइज किया गया.
वहीं, विभिन्न छात्र संगठनों के द्वारा हेल्पडेस्क भी कॉलेज में स्थापित किया गया है. जहां पर छात्रों को कॉलेज के नियमों तथा कोविड-19 के नियमों की पालना की भी जानकारी दी जा रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार एक कक्षा में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सिर्फ पचास विद्यार्थियों को ही बैठाया जाएगा. कॉलेज में थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही विद्यार्थियों और शिक्षकों-गैर शिक्षकों को प्रवेश देने को कहा गया है. फेस मास्क पहनना सभी के लिए अनिवार्य रहेगा. स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए बनाए गए एसओपी का सख्ती से पालन करना होगा.
प्राचार्य रोशन लाल ने बताया कि कुल्लू कॉलेज में पहली सितंबर से ऑफलाइन कक्षाएं शुरू कर दी गई है. विद्यार्थियों को परिसरों में एकत्र नहीं होने दिया जाएगा. कक्षा की क्षमता के हिसाब से 50 फीसदी विद्यार्थियों को ही एक कमरे में बैठाया जाएगा. कक्षाओं को नियमित आधार पर सेनिटाइज करने के लिए भी कहा गया है.
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