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Child Health Competition In Kullu: कुल्लू में 8 से 14 जनवरी तक स्वास्थ्य बाल-बालिका स्पर्धा का आयोजन

कुल्लू में 8 से 14 जनवरी तक स्वास्थ्य बाल-बालिका स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा. यह स्पर्धा सुपोषित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए किया जा रहा (Child Health Competition In Kullu ) है, जिसमें पोषण अभियान के तहत जागरूकता लाने के साथ जन भागीदारी और पोषण के स्तर में सुधार लाने के लिए व्यवहार परिवर्तन पर (child nutrition campaign kullu) भी जोर दिया जाएगा.

Child Health Competition In Kullu
कुल्लू में बाल स्वास्थ्य प्रतियोगिता.
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Published : Dec 27, 2021, 5:54 PM IST

कुल्लू: जिले के बच्चों की आयु वृद्धि निगरानी एवं पोषण के स्तर को जानने के लिए 8 से 14 जनवरी तक स्वास्थ्य बाल-बालिका स्पर्धा का आयोजन किया (Child Health Competition In Kullu) जाएगा. जिला कार्यक्रम अधिकारी कुल्लू राजकुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सुपोषित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने को कुल्लू जिला में स्वस्थ्य बाल-बालिका स्पर्धा अभियान 8 जनवरी से शुरू होने जा है (Mahila Shakti Kendra Kullu) जोकि 14 जनवरी तक चलेगा, जिसमें पोषण अभियान (child nutrition campaign kullu) के तहत जागरूकता लाने के साथ-साथ जन भागीदारी और पोषण के स्तर में सुधार लाने के लिए व्यवहार परिवर्तन पर भी जोर दिया जाएगा.

इस प्रतिस्पर्धा के माध्यम से 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों की लंबाई एवं वजन को मापा जाएगा, जिसके आधार पर उनमें सुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जाएगा. जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकुमारी ने कहा कि इस स्पर्धा में स्वस्थ्य बच्चे की पहचान करके बच्चे को सम्मानित करते हुए ऑनलाइन प्रमाण पत्र भी जारी होगा. इस स्पर्धा का संचालन व विजेताओं का चयन पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से किया जाएगा. इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पोषण अभियान के कर्मचारी, पर्यवेक्षक और अन्य एनजीओ एवं एजेंसियां संयुक्त रूप से कार्य करेंगे.

इस स्पर्धा से प्राप्त डाटा के कम वजन के बच्चों को चिन्हित करेगा. उन्होंने कहा कि इस स्पर्धा में 6 वर्ष तक के बच्चों के परिजन मूल्यांकन में भाग ले सकते हैं. कोविड-19 सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए स्पर्धा का आयोजन आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायतों, स्कूलों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा अन्य सुविधाजनक स्थानों में पर भी किया जा सकता है. जहां बच्चों को कद व भार मापा जाएगा.

वहीं, नवजात या बीमार बच्चों की आयु वृद्धि निगरानी के लिए आवश्यकता पड़ने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर द्वार जाकर बच्चे की मैपिंग करेंगी. जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकुमारी ने सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि इस स्पर्धा को प्रभावशाली ढंग से सफल बनाने के लिए यह सुनिश्चित करें ताकि कोई भी बच्चा चाहे वो आंगनबाड़ी में दर्ज हो या न हो इस स्पर्धा से छूटना नहीं चाहिए.

ये भी पढ़ें: व्यवस्था परिवर्तन मंच द्वारा पांवटा सिविल हॉस्पिटल के बाहर किया गया हवन, 8 दिनों से चल रहा है प्रदर्शन

कुल्लू: जिले के बच्चों की आयु वृद्धि निगरानी एवं पोषण के स्तर को जानने के लिए 8 से 14 जनवरी तक स्वास्थ्य बाल-बालिका स्पर्धा का आयोजन किया (Child Health Competition In Kullu) जाएगा. जिला कार्यक्रम अधिकारी कुल्लू राजकुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सुपोषित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने को कुल्लू जिला में स्वस्थ्य बाल-बालिका स्पर्धा अभियान 8 जनवरी से शुरू होने जा है (Mahila Shakti Kendra Kullu) जोकि 14 जनवरी तक चलेगा, जिसमें पोषण अभियान (child nutrition campaign kullu) के तहत जागरूकता लाने के साथ-साथ जन भागीदारी और पोषण के स्तर में सुधार लाने के लिए व्यवहार परिवर्तन पर भी जोर दिया जाएगा.

इस प्रतिस्पर्धा के माध्यम से 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों की लंबाई एवं वजन को मापा जाएगा, जिसके आधार पर उनमें सुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जाएगा. जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकुमारी ने कहा कि इस स्पर्धा में स्वस्थ्य बच्चे की पहचान करके बच्चे को सम्मानित करते हुए ऑनलाइन प्रमाण पत्र भी जारी होगा. इस स्पर्धा का संचालन व विजेताओं का चयन पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से किया जाएगा. इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पोषण अभियान के कर्मचारी, पर्यवेक्षक और अन्य एनजीओ एवं एजेंसियां संयुक्त रूप से कार्य करेंगे.

इस स्पर्धा से प्राप्त डाटा के कम वजन के बच्चों को चिन्हित करेगा. उन्होंने कहा कि इस स्पर्धा में 6 वर्ष तक के बच्चों के परिजन मूल्यांकन में भाग ले सकते हैं. कोविड-19 सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए स्पर्धा का आयोजन आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायतों, स्कूलों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा अन्य सुविधाजनक स्थानों में पर भी किया जा सकता है. जहां बच्चों को कद व भार मापा जाएगा.

वहीं, नवजात या बीमार बच्चों की आयु वृद्धि निगरानी के लिए आवश्यकता पड़ने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर द्वार जाकर बच्चे की मैपिंग करेंगी. जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकुमारी ने सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि इस स्पर्धा को प्रभावशाली ढंग से सफल बनाने के लिए यह सुनिश्चित करें ताकि कोई भी बच्चा चाहे वो आंगनबाड़ी में दर्ज हो या न हो इस स्पर्धा से छूटना नहीं चाहिए.

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