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लाहौल स्पीति: ग्राम्फू के छतडू, छोटा दड़ा बातल में फंसे पर्यटकों को किया गया रेस्क्यू - Himachal Latest News

सेना की नागा बटालियन ने लोसर, हल और पंगमो के ग्रामीणों की मदद से बचाव अभियान चलाया. चंद्रताल में फंसे सैलानी 15 किमी. पैदल चलकर बातल पहुंचे, जहां चाचा-चाची ढाबे में इन लोगों ने शरण ली. जिला प्रशासन पहले दावा कर रहा था कि सिर्फ 17 लोग ही फंसे हैं, लेकिन जब लोसर, हल और पंगमो के ग्रामीण कुंजम दर्रा से पैदल बातल पहुंचे तो वाहन फंसे पर्यटकों का जमावड़ा लगा था. इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं.

रेस्कयू
लाहौल स्पीति
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Published : Oct 22, 2021, 10:51 PM IST

लाहौल स्पीति: जिला लाहौल-स्पीति में बीते दिनों हुई बर्फबारी के कारण ग्राम्फू-काजा सड़क मार्ग पर दर्जनों पर्यटक फंस गए थे. वहीं, अब जिला प्रशासन ने सेना की मदद से उन्हें सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है और पर्यटकों को काजा पहुंचा दिया गया है.

सेना की नागा बटालियन ने लोसर, हल और पंगमो के ग्रामीणों की मदद से बचाव अभियान चलाया. चंद्रताल में फंसे सैलानी 15 किमी. पैदल चलकर बातल पहुंचे, जहां चाचा-चाची ढाबे में इन लोगों ने शरण ली. जिला प्रशासन पहले दावा कर रहा था कि सिर्फ 17 लोग ही फंसे हैं, लेकिन जब लोसर, हल और पंगमो के ग्रामीण कुंजम दर्रा से पैदल बातल पहुंचे तो वाहन फंसे पर्यटकों का जमावड़ा लगा था. इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं.

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ग्रामीणों को अपने बीच पाकर पर्यटकों की जान में जान आई. बचाव टीम की अगुवाई स्वयं एसडीएम काजा महेंद्र प्रताप सिंह ने की. उपायुक्त नीरज कुमार लगातार सेटेलाइट फोन से टीम के संपर्क में रहे. डीसी ने बताया कि शुक्रवार को 40 लोगों को सुरक्षित दोपहर तक काजा पहुंचाया गया है, जबकि 19 अन्य सैलानियों को भी शाम को काजा लाया गया. करीब 21 ढाबा संचालकों और उनके स्टाफ ने फिलहाल बातल से निकलने से मना कर दिया है. उपायुक्त ने कहा कि शनिवार शाम तक कोकसर-ग्रांफू-काजा सड़क मार्ग बहाल कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें : सामान्य अवधि से पहले पैदा होने वाले बच्चों के लिए जीवन दायक साबित होगा नियो नेटल वेंटिलेटर

लाहौल स्पीति: जिला लाहौल-स्पीति में बीते दिनों हुई बर्फबारी के कारण ग्राम्फू-काजा सड़क मार्ग पर दर्जनों पर्यटक फंस गए थे. वहीं, अब जिला प्रशासन ने सेना की मदद से उन्हें सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है और पर्यटकों को काजा पहुंचा दिया गया है.

सेना की नागा बटालियन ने लोसर, हल और पंगमो के ग्रामीणों की मदद से बचाव अभियान चलाया. चंद्रताल में फंसे सैलानी 15 किमी. पैदल चलकर बातल पहुंचे, जहां चाचा-चाची ढाबे में इन लोगों ने शरण ली. जिला प्रशासन पहले दावा कर रहा था कि सिर्फ 17 लोग ही फंसे हैं, लेकिन जब लोसर, हल और पंगमो के ग्रामीण कुंजम दर्रा से पैदल बातल पहुंचे तो वाहन फंसे पर्यटकों का जमावड़ा लगा था. इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं.

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ग्रामीणों को अपने बीच पाकर पर्यटकों की जान में जान आई. बचाव टीम की अगुवाई स्वयं एसडीएम काजा महेंद्र प्रताप सिंह ने की. उपायुक्त नीरज कुमार लगातार सेटेलाइट फोन से टीम के संपर्क में रहे. डीसी ने बताया कि शुक्रवार को 40 लोगों को सुरक्षित दोपहर तक काजा पहुंचाया गया है, जबकि 19 अन्य सैलानियों को भी शाम को काजा लाया गया. करीब 21 ढाबा संचालकों और उनके स्टाफ ने फिलहाल बातल से निकलने से मना कर दिया है. उपायुक्त ने कहा कि शनिवार शाम तक कोकसर-ग्रांफू-काजा सड़क मार्ग बहाल कर दिया जाएगा.

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