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कुल्लू में अब आंगनबाड़ी केंद्र हो रहे हाईटेक, कार्यकर्ताओं को दिए जा रहे स्मार्ट फोन - Anganwadi centres to be made hitech

कुल्लू जिले में चल रहे सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन किया जाएगा. इसकी तैयारी विभाग ने शुरू कर दी है. आईसीडीएस केस के दूसरे फेज के तहत कुल्लू जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन किया जा रहा है.

anganwari center
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Published : Sep 27, 2019, 7:37 AM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू में चल रहे 1095 आंगनबाड़ी केंद्रों को महिला एवं बाल विकास विभाग हाईटेक करने जा रहा है. कुल्लू जिले में चल रहे सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन किया जाएगा. इसकी तैयारी विभाग ने शुरू कर दी है. इसके लिए सुपरवाइजरों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है जिसके बाद आंगनबाड़ी केंद्रों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.

आईसीडीएस केस के दूसरे फेज के तहत कुल्लू जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन किया जा रहा है. बता दें कि पहले फेज में प्रदेश के छह जिलों में कार्यक्रम शुरू किया जा चुका है. वहीं, दूसरे चरण में लाहौल-स्पीति, कुल्लू और चार अन्य जिलों को इसमें शामिल किया गया है. आंगनबाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन करने की दिशा में विभाग की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के बाद मोबाइल दिया जा रहा है.

वीडियो.

मोबाइल जीपीएस सिस्टम से जुड़ा होगा जिससे आंगनबाड़ी की लोकेशन भी विभाग के पास देखी जा सकेगी. इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आंगनबाड़ी केंद्र ऑनलाइन होने के बाद अधिकतर रिकार्ड ऑनलाइन फीड करना पड़ेगा.

कुल्लू: जिला कुल्लू में चल रहे 1095 आंगनबाड़ी केंद्रों को महिला एवं बाल विकास विभाग हाईटेक करने जा रहा है. कुल्लू जिले में चल रहे सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन किया जाएगा. इसकी तैयारी विभाग ने शुरू कर दी है. इसके लिए सुपरवाइजरों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है जिसके बाद आंगनबाड़ी केंद्रों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.

आईसीडीएस केस के दूसरे फेज के तहत कुल्लू जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन किया जा रहा है. बता दें कि पहले फेज में प्रदेश के छह जिलों में कार्यक्रम शुरू किया जा चुका है. वहीं, दूसरे चरण में लाहौल-स्पीति, कुल्लू और चार अन्य जिलों को इसमें शामिल किया गया है. आंगनबाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन करने की दिशा में विभाग की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के बाद मोबाइल दिया जा रहा है.

वीडियो.

मोबाइल जीपीएस सिस्टम से जुड़ा होगा जिससे आंगनबाड़ी की लोकेशन भी विभाग के पास देखी जा सकेगी. इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आंगनबाड़ी केंद्र ऑनलाइन होने के बाद अधिकतर रिकार्ड ऑनलाइन फीड करना पड़ेगा.

Intro:कुल्लू में अब 1095 आंगनबाड़ी केंद्रों को विभाग कर रहा हाईटेक
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिल रहे स्मार्ट फोनBody:


जिले में चल रहे 1095 आंगनबाड़ी केंद्रों को अब महिला एवं बाल विकास विभाग हाईटेक करने जा रहा है। कुल्लू जिले में चल रहे सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन किया जाएगा। इसकी तैयारी विभाग ने शुरू कर दी है। इसके लिए बाकायदा शुरूआती दौर में सुपरवाइजरों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। बाद में आंगनबाड़ी केंद्रों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। आईसीडीएस केस के दूसरे फेज के तहत कुल्लू जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन किया जा रहा है। पहले फेज में प्रदेश के छह जिलों में यह कार्यक्रम शुरू किया जा चुका है। दूसरे चरण में जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति, कुल्लू और चार अन्य जिलों को इसमें शामिल किया गया है। सूबे के आंगनबाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने वन महोत्सव के दौरान किया था।
आंगनबाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन करने की दिशा में विभाग की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के बाद मोबाइल दिया जा रहा है। मोबाइल जीपीएस सिस्टम से जुड़ा होगा, जिससे आंगनबाड़ी की लोकेशन भी विभाग के पास देखी जा सकेगी। ऐसे में बंक मारना भी आसान नहीं होगा। इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पास विभिन्न प्रकार के रजिस्टर भी होते हैं। उनमें रिकॉर्ड दर्ज करना पड़ता है। लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र के ऑनलाइन होने के बाद अधिकतर कार्यों को ऑनलाइन फीड करना पड़ेगा। संबंधित क्षेत्र के सुपरवाइजर एक जगह बैठकर हर आंगनबाड़ी की रिपोर्ट ले सकते हैं। विभाग की इस पहल से आंगनबाड़ी के कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी। कागजी कामकाज भी कम होगा।

Conclusion:जिले के आंगनबाड़ी केंद्र अब ऑनलाइन होंगे। इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के पश्चात मोबाइल फोन दिए जाएंगे, जिसमें उन्हें अपने कार्यों की एंट्री करनी होगी।
-विरेंद्र आर्य, जिला कार्यक्रम अधिकारी
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