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4 किलोमीटर पैदल चल अस्पताल पहुंचाया मरीज, गांव तक सड़क न होने पर ग्रामीणों में रोष

बंजार उपमंडल की रैला पंचायत के कई गांव आज भी सड़क सुविधा से वंचित है. मंगलवार की शाम एक व्यक्ति की तबीयत खराब होने पर उसे करीब 4 किलो मीटर कुर्सी पर उठाकर सैंज अस्पताल पहुंचाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण के लिए सरकार और विभागीय अधिकारियों को कई बार ज्ञापन सौंपा गया लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया है.

4 km walk patients to Sainj Hospital, villagers fury due to lack of road to Pashi village
4 किलोमीटर पैदल चल सैंज अस्पताल पहुंचाया मरीज
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Published : Feb 5, 2020, 12:35 PM IST

कुल्लू: उपमंडल बंजार की सैंज घाटी का अति दुर्गम गांव पाशी सड़क सुविधा से वंचित है. भले पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल से बिछ गया हो मगर गांव के लोग आज भी टूटी फूटी पगडंडियों से गुजरने को मजबूर हैं. मंगलवार को एक व्यक्ति की तबीयत खराब होने पर ग्रामीणों ने करीब चार किलो मीटर पैदल सफर कर सैंज अस्पताल पहुंचाया है.

रैला पंचायत के लोग लंबे समय से इलाके में सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार और विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में रोष है. लोगों के मुताबिक आए दिन घाटी में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए परेशानी होती है. सड़क के अभाव से ग्रामीणों को सरकार की 108 एंबुलेंस योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. पाशी गांव के 34 वर्षीय लीलाधर को मंगलवार की शाम को अचानक पेट दर्द होने पर सैंज अस्पताल लाया गया. सड़क सुविधा नहीं होने से ग्रामीणों ने लीलाधर को कुर्सी पर उठाकर रैली के साथ लगते जीरो प्वाइंट तक पहुंचाया. यहां से लीलाधर को वाहन से सैंज अस्पताल लाया गया.

वीडियो रिपोर्ट.

लीलाधर के भाई डाबे राम का कहना है कि गांव में सड़क नहीं होने से लोग परेशानी झेल रहे हैं. अस्पताल पहुंचाने के लिए करीब चार किलोमीटर के सफर को तय करने में ग्रामीणों को दो घंटे का समय लगा. ग्राम पंचायत रैला के गांव भूपन, पाशी, थाटीधार और खडंगचा, कुंडर और मझाण के लोग अभी भी पैदल चलने को मजबूर हैं. उन्हें अभी तक 15 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है. उत्पाद व खाने-पीने की वस्तुओं को भी पीठ पर उठाकर गंतव्य तक पहुंचाने के लिए विवश हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार सरकार और लोक निर्माण विभाग से सड़क बनवाने की मांग की है लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया. इस संदर्भ में विभाग को चार बार प्रस्ताव भेजे गए हैं. उधर, लोनिवि बंजार के अधिशासी अभियंता चमन लाल ठाकुर का कहना है कि कठियारी नाला से खडंगचा वाया भूपन, पाशी, थाटीधार सड़क के सर्वे को टोकन मनी डाला गया है. जल्द ही इस सड़क का सर्वे करवाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, कुल्लू अस्पताल में स्थापित किया आइसोलेशन वार्ड

कुल्लू: उपमंडल बंजार की सैंज घाटी का अति दुर्गम गांव पाशी सड़क सुविधा से वंचित है. भले पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल से बिछ गया हो मगर गांव के लोग आज भी टूटी फूटी पगडंडियों से गुजरने को मजबूर हैं. मंगलवार को एक व्यक्ति की तबीयत खराब होने पर ग्रामीणों ने करीब चार किलो मीटर पैदल सफर कर सैंज अस्पताल पहुंचाया है.

रैला पंचायत के लोग लंबे समय से इलाके में सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार और विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में रोष है. लोगों के मुताबिक आए दिन घाटी में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए परेशानी होती है. सड़क के अभाव से ग्रामीणों को सरकार की 108 एंबुलेंस योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. पाशी गांव के 34 वर्षीय लीलाधर को मंगलवार की शाम को अचानक पेट दर्द होने पर सैंज अस्पताल लाया गया. सड़क सुविधा नहीं होने से ग्रामीणों ने लीलाधर को कुर्सी पर उठाकर रैली के साथ लगते जीरो प्वाइंट तक पहुंचाया. यहां से लीलाधर को वाहन से सैंज अस्पताल लाया गया.

वीडियो रिपोर्ट.

लीलाधर के भाई डाबे राम का कहना है कि गांव में सड़क नहीं होने से लोग परेशानी झेल रहे हैं. अस्पताल पहुंचाने के लिए करीब चार किलोमीटर के सफर को तय करने में ग्रामीणों को दो घंटे का समय लगा. ग्राम पंचायत रैला के गांव भूपन, पाशी, थाटीधार और खडंगचा, कुंडर और मझाण के लोग अभी भी पैदल चलने को मजबूर हैं. उन्हें अभी तक 15 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है. उत्पाद व खाने-पीने की वस्तुओं को भी पीठ पर उठाकर गंतव्य तक पहुंचाने के लिए विवश हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार सरकार और लोक निर्माण विभाग से सड़क बनवाने की मांग की है लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया. इस संदर्भ में विभाग को चार बार प्रस्ताव भेजे गए हैं. उधर, लोनिवि बंजार के अधिशासी अभियंता चमन लाल ठाकुर का कहना है कि कठियारी नाला से खडंगचा वाया भूपन, पाशी, थाटीधार सड़क के सर्वे को टोकन मनी डाला गया है. जल्द ही इस सड़क का सर्वे करवाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, कुल्लू अस्पताल में स्थापित किया आइसोलेशन वार्ड

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4 किलोमीटर पैदल चल सैंज अस्पताल पहुंचाया मरीज
पाशी गांव तक सड़क न होने पर ग्रामीणों में रोषBody:


जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार की सैंज घाटी का अति दुर्गम गांव पाशी सड़क सुविधा से वंचित है। यहां के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को बीमार लोगों को कुर्सी पर उठाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है। ऐसा ही मामला पाशी गांव में सामने आया। यहां पर एक मरीज को ग्रामीणों ने चार किलोमीटर तक कुर्सी पर उठाकर सैंज अस्पताल पहुंचाया। ग्रामीणों की लंबे समय से चल रही सड़क निर्माण की मांग पूरी नहीं हो रही है। ऐसे में रैला पंचायत के पाशी गांव के लोगों में सरकार व विभाग के प्रति भारी रोष है। लोगों के मुताबिक आए दिन घाटी में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए परेशानी होती है। सड़क के अभाव से ग्रामीणों को सरकार की 108 एंबुलेंस योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। पाशी गांव के 34 वर्षीय लीलाधर को गत शाम को अचानक पेट दर्द होने पर सैंज अस्पताल लाया गया। सड़क सुविधा नहीं होने से उनको ग्रामीणों ने कुर्सी पर उठाकर रैली के साथ लगते जीरो प्वाइंट तक पहुंचाया। यहां से लीलाधर को वाहन से सैंज अस्पताल लाया गया। लीलाधर के भाई डाबे राम ने कहा कि गांव में सड़क नहीं होने से लोग परेशानी झेल रहे हैं।।उनका कहना है कि लोगो को अस्पताल पहुंचाने के लिए करीब चार किलोमीटर के सफर को तय करने में ग्रामीणों को दो घंटे का समय लगा। ग्रामीणों कहना है कि ग्राम पंचायत रैला के गांव भूपन, पाशी, थाटीधार और खडंगचा, कुंडर और मझाण के लोग अभी भी पैदल चलने को मजबूर हैं। उन्हें अभी तक 15 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है। उत्पाद व खाने-पीने की वस्तुओं को भी पीठ पर उठाकर गंतव्य तक पहुंचाने के लिए विवश हैं। कई बार सरकार व लोनिवि से सड़क निकालने की मांग की। लेकिन किसी ने उनकी समस्या को नहीं सुना है। इस संदर्भ में विभाग को चार बार प्रस्ताव भेजे गए हैं। Conclusion:

उधर, लोनिवि बंजार के अधिशासी अभियंता चमन लाल ठाकुर का कहना है कि कठियारी नाला से खडंगचा वाया भूपन, पाशी, थाटीधार सड़क के सर्वे को टोकन मनी डाला गया है। जल्द ही इस सड़क का सर्वे करवाया जाएगा।
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