कुल्लू: दशहरा पर्व में देवी-देवताओं पर लगाए गए प्रतिबंध से रूष्ट देवताओं ने अब छोटी जगती में अठारह करड़ू के मिलन के आदेश दिए हैं. रघुनाथ मंदिर में शीघ्र ही छोटी जगती का आयोजन होगा. शनिवार को लंका दहन से पहले रूष्ट देवी-देवताओं ने रघुनाथ शिविर में पूछ दी.
सभी देवी-देवताओं ने अपने गुर के माध्यम से जहां जगती के आदेश दिए. वहीं, उन्होंने कहा कि दशहरा पर्व अठारह करडू देवी-देवताओं का मिलन है और यहां आकर देवी-देवता सृष्टि की रक्षा करते थे, लेकिन देवी-देवताओं पर ही प्रतिबंध लगा दिया.
देवताओं ने कहा कि आज इंसान हम से बड़े हो गए हैं और हम छोटे इसके गंभीर परिणाम होंगे. उधर, देवताओं ने यह भी कहा कि दशहरा पर्व प्रतिबंध पर जो भी षड़यंत्रकारी हैं, उन पर देव प्रकोप जारी रहेगा. देवताओं ने कुछ देव शक्ति दिखाने की भी भविष्यवाणी की है. गौर रहे कि शुक्रवार को मुहल्ले के बाद ढालपुर में देवी-देवता प्रचंड हुए.
प्रचंड देवताओं में धूमल नाग, माता कोटली, देवता वीरनाथ और देवता शिवराड़ी नारायण शामिल रहे. मुहल्ले में शरीक होने के बाद यह देवता अपने शिविर में प्रवेश ही नहीं हुए. धूमल नाग ने सभी देवताओं को एकत्रित किया. देवता पहले डीसी कार्यालय पहुंचे और वहां अपना आक्रोश प्रकट किया. डीसी कार्यालय से कोई जवाब न मिलने पर देवी-देवता एसपी कार्यालय भी पहुंचे.
वहीं, भगवान रघुनाथ के प्रमुख छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने देवताओं की बात मान ली है कि अन्नकूट के दिन छोटी जगती होगी. देवताओं से प्रार्थना की है कि कुछ अनिष्ट न करें. महेश्वर सिंह ने कहा कि नाराज देवी-देवताओं को मनाने का सिलसिला जारी है और देवी देवताओं की हर बात मानी जाएगी.
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