हमीरपुर: विज्ञापन बहुत लोग करते हैं , लेकिन जब अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) विज्ञापन करते है तो उत्पाद बिक्री होता है. वह गुटखा खाए तो वह भी बिक्री होता है. हमें शिक्षकों में से अमिताभ बच्चन ढूंढना होगा जो बेहतर तरीके से बच्चों को समझा सके.यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने कही. वह NIT हमीरपुर में आयोजित ई-क्लासरूम के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे.
गरीब बच्चों की शिक्षा पर जोर: आधुनिक तकनीक के साथ शिक्षक पढ़ाई को रोचक तरीके से पढ़ाने में सक्षम हो इसको लेकर वह सोच रहे. धमेंद्र प्रधान ने कहा कि ई.लर्निंग के माध्यम से गरीब बच्चों को भी आधुनिक शिक्षा सुलभ बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक हजार करोड़ रुपए का विशेष प्रावधान किया.
हर भाषा में हर क्लास के लिए चैनल: इसके तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सहयोग से शैक्षणिक चैनल की संख्या 34 से बढ़ाकर 60 की जा रही. 200 नए टीवी एवं ई.चैनल्स शुरू करने का प्रस्ताव है. उन्होंने कहा कि हर भाषा में हर क्लास के लिए एक चैनल शुरू किया जाएगा. 260 चैनल की दुनिया बच्चों के लिए तैयार की जा रही है.
बाल वाटिका योजना इस सत्र से शुरू: उन्होंने कहा कि इस शैक्षणिक सत्र में स्कूलों प्रवेश आयु तीन वर्ष होगी. अब बाल वाटिका योजना शुरू की जाएगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति.2020 में 3 से 23 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों एवं विद्यार्थियों पर फोकस किया गया. बच्चों की समग्र शिक्षा के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
एनआईटी हमीरपुर को आगे आना चाहिए: धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार और उसमें प्रौद्योगिकी के समावेश में एनआईटी संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं. इसके लिए एनआईटी हमीरपुर को भी आगे आकर अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करना चाहिए. इस प्रतिष्ठित संस्थान का लाभ यहां पढऩे वाले विद्यार्थियों के अतिरिक्त हिमाचल के अन्य विद्यार्थियों को भी मिलना चाहिए.
अनुराग का रास्ता एनआईटी से होकर जाता: धमेंद्र प्रधान ने कहा कि अनुराग ठाकुर के घर का रास्ता एनआईटी हमीरपुर से होकर ही जाता है. संस्थान और प्रशासन यह ध्यान रखें कि अनुराग ठाकुर महीने में एक बार एनआईटी जरूर आए. उन्होंने कहा कि उनके आने से संस्थान को फायदा मिलेगा और समाज और प्रदेश के प्रति भी संस्थान की जिम्मेदारी को निर्वहन सही ढंग से होगा.
सीएम को पानी देना होगा,लेकिन NIT जिम्मेदारी समझे: एनआईटी हमीरपुर को प्रदेश के मुख्यमंत्री को पानी तो देना होगा ,लेकिन संस्थान भी प्रदेश और समाज के प्रति अपने दायित्व को समझे. यह विषय पानी का नहीं. विषय अपेक्षा और जिम्मेदारी का है. बता दें कि एनआईटी हमीरपुर में लंबे समय से पानी की किल्लत चल रही. एनआईटी को 6 लाख लीटर पानी की आवश्यकताऔर वर्तमान में डेढ़ लाख लीटर पानी मिल रहा है. यह समस्या पिछले रविवार को संस्थान की बैठक में केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखी गई थी.
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