सुजानपुरः प्रदेश सरकार की ओर से केबिनेट की बैठक में बस किराया बढ़ाने का फैसला लिया गया था. इस फैसले को लेकर विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है और अब सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की जा रही है. इस फैसले को लेकर स्थानीय जनता के साथ साथ कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ने भी विरोध जताया है.
वहीं, इस फैसले का प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और सुजानपुर से विधायक राजेन्द्र राणा ने भी विरोध किया है. राजेंद्र राणा ने कहा कि संकट के दौर में सरकार लोगों को राहत देने की बजाए उनकी परेशानियों को और बढ़ाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि ये फैसला किसी भी तरह से लोगों के हित में नहीं है. इससे लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ेगा.
विधायक राजेन्द्र राणा ने कहा कि जो लोग बसों में सफर करते हैं, वह गरीब तबके के हैं. ऐसे में उन्हें पहले ही कोरोना के कारण खाने के लाले हैं और अब रोजी -रोटी कमाने के लिए जाने पर उन्हें दिहाड़ी या मजदूरी से अधिक रुपये देने पड़ेंगे. ऐसे में इस निर्णय को सरकार को वापस लेना चाहिए. अगर सरकार ने बस किराये को वापस नहीं लिया तो कांग्रेस इसके खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी.
गौरतलब है कि सोमवार को जयराम सरकार ने केबनिट की बैठक में 25 फीसदी किराये में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है, जिसके खिलाफ विपक्ष मुखर हो गया है और सरकार के इस फैसले का सड़कों पर उतर कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन भी किया है.
बस किराये में बढ़ोतरी को लेकर प्रदेश सरकार ढूलमूल रवैया अपना रही है. इससे पहले भी किराये में बढ़ोतरी की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. खुद परिवहन मंत्री ने ये माना था कि अभी बस किराये में वृद्धि नहीं की जाएगी, लेकिन अचानक से सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में किराये में बढ़ोतरी को लेकर फैसला ले लिया गया.
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