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राष्ट्रीय किसान संगठन ने जाहू में की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कृषि विधेयक को बताया किसान विरोधी

जिला में पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रमेश डोगरा ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि में तीन अध्यादेश लाकर किसान विरोधी काम किया है. इससे देश का किसान असुरक्षित महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की इस जन विरोधी नीति के खिलाफ देशभर के किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

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Published : Sep 21, 2020, 1:14 PM IST

Rashtriya Kisan Sangathan held a press conference in Jahu of Bhoranj
राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रमेश डोगरा

भोरंज/हमीरपुर: केंद्र सरकार किसानों की खराब स्थिति को सुधारने के बजाए बिगाड़ने में लगी है. केंद्र सरकार ने कृषि में तीन अध्यादेश लाकर किसान विरोधी काम किए हैं. इससे देश का किसान असुरक्षित महसूस कर रहा है.

राष्ट्रीय किसान संगठन इसका देश व प्रदेश में विरोध करेगा. यह बात पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रमेश डोगरा ने जाहू में कही. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश का किसान कृषि उत्पादकता कम होने के कारण कर्ज में डूबता जा रहा है.

सिंचाई की सुविधा पर्याप्त मात्रा में न होने के कारण किसान बारिश पर निर्भर रहता है, लेकिन केंद्र व प्रदेश सरकार इस तरफ कोई ध्यान देने के बजाए किसान विरोधी कार्य करने में लगी हुई हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वस्तु अधिनियम 1995 में संशोधन करके किसान विरोधी काम किया है. इससे व्यापारी किसानों से अनाज खरीद कर बड़ी मात्रा में अपने पास संग्रहण करेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस जन विरोधी नीति के खिलाफ देशभर के किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

रमेश डोगरा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के किसान जंगली जानवरों और बेसहारा पशुओं के नुकसान की समस्या से बुरी तरह परेशान है, लेकिन प्रदेश सरकार तीन सालों में केवल भाषण व बयानबाजी करके किसानों को दिलासा देती रही है. आज किसान कृषि योग्य भूमि पर बार-बार हो रहे फसल के नुकसान के कारण बंजर छोड़ने के लिये मजबूर हो गया है.

भोरंज, घुमारवीं व सरकारघाट विधानसभा क्षेत्र की सुनैहल, सीर, चैंथ खड्ड के किनारे पड़ी बंजर भूमि को देखा जा सकता है. उन्होंने कृषि विधेयकों को निरस्त करने व कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिये नई नीति बनाने की मांग की है.

ये भी पढ़ेंः कोरोना संकट के बीच हिमाचल में आज खुलेंगे स्कूल, तैयारियां पूरी

भोरंज/हमीरपुर: केंद्र सरकार किसानों की खराब स्थिति को सुधारने के बजाए बिगाड़ने में लगी है. केंद्र सरकार ने कृषि में तीन अध्यादेश लाकर किसान विरोधी काम किए हैं. इससे देश का किसान असुरक्षित महसूस कर रहा है.

राष्ट्रीय किसान संगठन इसका देश व प्रदेश में विरोध करेगा. यह बात पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रमेश डोगरा ने जाहू में कही. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश का किसान कृषि उत्पादकता कम होने के कारण कर्ज में डूबता जा रहा है.

सिंचाई की सुविधा पर्याप्त मात्रा में न होने के कारण किसान बारिश पर निर्भर रहता है, लेकिन केंद्र व प्रदेश सरकार इस तरफ कोई ध्यान देने के बजाए किसान विरोधी कार्य करने में लगी हुई हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वस्तु अधिनियम 1995 में संशोधन करके किसान विरोधी काम किया है. इससे व्यापारी किसानों से अनाज खरीद कर बड़ी मात्रा में अपने पास संग्रहण करेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस जन विरोधी नीति के खिलाफ देशभर के किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

रमेश डोगरा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के किसान जंगली जानवरों और बेसहारा पशुओं के नुकसान की समस्या से बुरी तरह परेशान है, लेकिन प्रदेश सरकार तीन सालों में केवल भाषण व बयानबाजी करके किसानों को दिलासा देती रही है. आज किसान कृषि योग्य भूमि पर बार-बार हो रहे फसल के नुकसान के कारण बंजर छोड़ने के लिये मजबूर हो गया है.

भोरंज, घुमारवीं व सरकारघाट विधानसभा क्षेत्र की सुनैहल, सीर, चैंथ खड्ड के किनारे पड़ी बंजर भूमि को देखा जा सकता है. उन्होंने कृषि विधेयकों को निरस्त करने व कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिये नई नीति बनाने की मांग की है.

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