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अब तक देश का इतिहास सही ढंग से नहीं किया गया प्रस्तुत: राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर

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Published : Dec 4, 2021, 4:54 PM IST

75वें वर्ष के अंतर्गत आज़ादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav Himachal) पर ठाकुर जगदेव चंद स्मृति शोध संस्थान नेरी संस्थान (Thakur Jagdev Chand Research Institute) में दो दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद का (National symposium event at Hamirpur) शुभारंभ शनिवार को हुआ. शुभारंभ समारोह में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित (Rajendra Vishwanath Arlekar) रहे. उन्होंने विधिवत रूप से परिसंवाद का शुभारंभ किया. इसके साथ ही राज्यपाल ने यहां पर समृति शोध संस्थान की तरफ से लगाई गई प्रदर्शनी का भी (History of India) अवलोकन किया.

Rajendra Vishwanath Arlekar
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर

हमीरपुर: 75वें वर्ष के अंतर्गत आजादी का (Azadi Ka Amrit Mahotsav Himachal) अमृत महोत्सव पर ठाकुर जगदेव चंद स्मृति शोध संस्थान नेरी संस्थान में दो (Thakur Jagdev Chand Research Institute) दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद का शुभारंभ शनिवार को हुआ. शुभारंभ समारोह में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Rajendra Vishwanath Arlekar) मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे. उन्होंने विधिवत रूप से परिसंवाद का शुभारंभ किया. इसके साथ ही राज्यपाल ने यहां पर समृति शोध संस्थान की तरफ से लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.

उन्होंने ठाकुर जगदेव चंद संग्रहालय में उनसे (National symposium event at Hamirpur) जुड़ी हुई वस्तुओं को भी देखा. उन्होंने परिसंवाद के दौरान ही तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया. प्रथम संस्करण में इन पुस्तकों में 32 स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों का उल्लेख है. इस राष्ट्रीय परिसंवाद का विषय भारतीय स्वाधीनता आन्दोलनः वृतान्त, स्मृतियां एवं नेपथ्य नायक है. इस राष्ट्रीय परिसंवाद में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उतर प्रदेश, हैदराबाद, जम्मू सिक्किम व दक्षिण भारत के विभिन्न (Indian independence movement) विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों व शोध केन्द्रों के लगभग 150 से अधिक शोधार्थी, विद्यार्थी व विद्वान शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे. इस परिसंवाद का लक्ष्य भारतीय स्वाधीनता आंदोलन (Freedom Fighters of Himachal) में राष्ट्रीय परिदृश्य में समाज के सामने नहीं आ पाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को पहचान दिलाना है.

वीडियो.

इस दौरान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा देश का इतिहास पिछले कई सालों से (History of India) ठीक ढंग से प्रस्तुत नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि इस परिसंवाद में देश भर से इतिहासकार और शोधार्थी इस पर आकर यहां चर्चा कर रहे हैं. सभी इतिहासकार और शोधार्थी अपने रिसर्च पेपर यहां पर प्रस्तुत करेंगे. उन्होंने कहा कि परिसंवाद के निष्कर्ष के बाद देश को असली इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त होगी.

उन्होंने आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बताया है. राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन इतिहासकारों को एक नई दिशा देंगे. आयोजकों की तरफ से यहां पर रखे गए विषय को उन्होंने बेहतर बताया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आजादी से जुड़े हुए अनछुए पहलू और स्वतंत्रता सेनानियों की जानकारी लोगों के सामने इस परिसंवाद के माध्यम से सामने आएगी. वहीं, राष्ट्रीय परिसंवाद की जानकारी देते हुए शोध संस्थान के निदेशक डॉ. चेतराम गर्ग ने बताया कि समापन समारोह में प्रेम कुमार धूमल पूर्व मुख्यमंत्री हिमाचल (Prem Kumar Dhumal) प्रदेश मुख्याथिति रहेंगे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल का मौसम: बर्फबारी की चादर से ढकी लाहौल और कुल्लू की चोटियां, मैदान इलाकों में बढ़ी ठिठुरन

हमीरपुर: 75वें वर्ष के अंतर्गत आजादी का (Azadi Ka Amrit Mahotsav Himachal) अमृत महोत्सव पर ठाकुर जगदेव चंद स्मृति शोध संस्थान नेरी संस्थान में दो (Thakur Jagdev Chand Research Institute) दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद का शुभारंभ शनिवार को हुआ. शुभारंभ समारोह में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Rajendra Vishwanath Arlekar) मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे. उन्होंने विधिवत रूप से परिसंवाद का शुभारंभ किया. इसके साथ ही राज्यपाल ने यहां पर समृति शोध संस्थान की तरफ से लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.

उन्होंने ठाकुर जगदेव चंद संग्रहालय में उनसे (National symposium event at Hamirpur) जुड़ी हुई वस्तुओं को भी देखा. उन्होंने परिसंवाद के दौरान ही तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया. प्रथम संस्करण में इन पुस्तकों में 32 स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों का उल्लेख है. इस राष्ट्रीय परिसंवाद का विषय भारतीय स्वाधीनता आन्दोलनः वृतान्त, स्मृतियां एवं नेपथ्य नायक है. इस राष्ट्रीय परिसंवाद में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उतर प्रदेश, हैदराबाद, जम्मू सिक्किम व दक्षिण भारत के विभिन्न (Indian independence movement) विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों व शोध केन्द्रों के लगभग 150 से अधिक शोधार्थी, विद्यार्थी व विद्वान शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे. इस परिसंवाद का लक्ष्य भारतीय स्वाधीनता आंदोलन (Freedom Fighters of Himachal) में राष्ट्रीय परिदृश्य में समाज के सामने नहीं आ पाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को पहचान दिलाना है.

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इस दौरान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा देश का इतिहास पिछले कई सालों से (History of India) ठीक ढंग से प्रस्तुत नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि इस परिसंवाद में देश भर से इतिहासकार और शोधार्थी इस पर आकर यहां चर्चा कर रहे हैं. सभी इतिहासकार और शोधार्थी अपने रिसर्च पेपर यहां पर प्रस्तुत करेंगे. उन्होंने कहा कि परिसंवाद के निष्कर्ष के बाद देश को असली इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त होगी.

उन्होंने आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बताया है. राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन इतिहासकारों को एक नई दिशा देंगे. आयोजकों की तरफ से यहां पर रखे गए विषय को उन्होंने बेहतर बताया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आजादी से जुड़े हुए अनछुए पहलू और स्वतंत्रता सेनानियों की जानकारी लोगों के सामने इस परिसंवाद के माध्यम से सामने आएगी. वहीं, राष्ट्रीय परिसंवाद की जानकारी देते हुए शोध संस्थान के निदेशक डॉ. चेतराम गर्ग ने बताया कि समापन समारोह में प्रेम कुमार धूमल पूर्व मुख्यमंत्री हिमाचल (Prem Kumar Dhumal) प्रदेश मुख्याथिति रहेंगे.

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