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भारत में पाकिस्तान की जीत का जश्न, देश की एकता-अखण्डता के साथ खिलवाड़: प्रेम कुमार धूमल

भारत पाकिस्तान के मैच के बाद पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वाली भारत से कुछ तस्वीरें सामने आने पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी ऐसी देश विरोधी ताकतें सिर उठा रहीं हैं और बड़ी अशिष्टता के साथ अपनी बात रखती है. उन्होंने कहा कि भले ही लोकतंत्र में स्वतंत्रता का अधिकार हो लेकिन देश की एकता और अखण्डता के मान-सम्मान की कीमत पर ऐसा अधिकार नहीं दिया जा सकता.

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल
Prem Kumar Dhumal
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Published : Oct 28, 2021, 7:11 PM IST

हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने वर्ल्ड कप में भारत पाकिस्तान के मैच के बाद पाकिस्तान के विजय पर भारत में जश्न की कुछ तस्वीरें सामने आने पर प्रतिक्रिया दी है. पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने कहा कि भारत की पराजय और पाकिस्तान की विजय पर जो जश्न भारत में ही रहने वाले कुछ लोगों ने मनाया उससे यह साबित हो गया कि ऐसी ताकतें इस देश में रहती हैं जो खाती तो भारत का है पर भौंकती किसी और के लिए हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने कहा कि 1947 में स्वतंत्रता के बाद और भारत के विभाजन के कारण एक ऐसा विश्वास था कि जो लोग भारत में रह गये वे भारत के प्रति समर्पित होंगे और भारत की खुशी और गम या विजय और पराजय ही उनकी होगी. लेकिन आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी ऐसी देश विरोधी ताकतें सिर उठा रहीं हैं और बड़ी अशिष्टता के साथ अपनी बात रखती है.

जिस बेशर्मी से ये शक्तियां अपनी बात रखती हैं उस से साबित होता है कि तुष्टिकरण की राजनीति ने देश की एकता और अखण्डता, स्वाभिमान और गौरव को किस प्रकार से खंडित करने की और नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है. प्रो. धूमल ने कहा कि ऐसी देश विरोधी गतिविधियां जब कुछ ऐसे तत्व करते हैं तो देश के कुछ राजनेता धर्मान्धता के कारण या कुछ राजनीतिक समर्थन पाने के लिये ऐसे देश विरोधी तत्वों का संरक्षण करते हैं. उन्हें मानवाधिकार के आधार पर तो कभी लोकतंत्र की और कभी बोलने की स्वतंत्रता के आधार पर ऐसे तत्वों का बचाव करते हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया का कोई देश इतनी ज्यादा ढील देश की एकता और अखण्डता के ऊपर प्रहार करने वालों को नहीं देता है. कोई देश अपने किसी नागरिक को ऐसी खुली छूट नहीं देता. इतिहास हमें बताता है कि जब-जब किसी देश की एकता और अखण्डता को आन्तरिक खतरा पैदा होता है तो सरकार सख्त कार्रवाई करती है. अमेरिका का इतिहास इस बात का ग्वाह है कि जब वहां पर एकता और अखण्डता को चुनौती मिली तो भीषण गृह युद्ध हुआ जिसमें लाखों लोग मारे गए परिणाम स्वरूप यूएसए की एकता और अखण्डता बची रही. फिर भारत में ऐसी देश विरोधी गतिविधियों की खुली छूट क्यों .

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बोलने की स्वतंत्रता और अपनी-अपनी मान्यता के अनुसार धर्म का पालन और राजनीतिक गतिविधियां करने का अधिकार होता है लेकिन देश की एकता और अखण्डता के मान-सम्मान की कीमत पर ऐसा अधिकार नहीं दिया जा सकता. उन्होंने कहा कि कश्मीर में हमारे सैनिक और अर्धसैनिक बलों पर पथराव करने वाले लोगों का बचाव भी ऐसे ही नेता करते थे.

भारत वर्ष को यह गर्व है कि विभिन्न विचारधाराओं, जातियों, धर्मों, खानपान और पहनावे के बावजूद भारत एक खूबसूरत गुलदस्ता है. गुलदस्ते में शामिल हर एक फूल को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि वह गुलदस्ते की खूबसूरती को बढ़ाने में योगदान करें. जो फूल खूबसूरती देने के बजाय बिगाड़ने की कोशिश करता है उसको गुलदस्ते में से निकाल दिया जाता है. सारे देश को एक स्वर से देश विराधी गतिविधियों का विरोध कर देश को सुदृढ़ करने के लिये मिलकर काम करना चाहिए.

ये भी पढ़ें : अनूठी पहल: शिमला के इस होटल में वेस्ट ढक्कनों से बनी 285 फीट लंबी दीवार, राज्यपाल ने किया अनावरण

हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने वर्ल्ड कप में भारत पाकिस्तान के मैच के बाद पाकिस्तान के विजय पर भारत में जश्न की कुछ तस्वीरें सामने आने पर प्रतिक्रिया दी है. पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने कहा कि भारत की पराजय और पाकिस्तान की विजय पर जो जश्न भारत में ही रहने वाले कुछ लोगों ने मनाया उससे यह साबित हो गया कि ऐसी ताकतें इस देश में रहती हैं जो खाती तो भारत का है पर भौंकती किसी और के लिए हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने कहा कि 1947 में स्वतंत्रता के बाद और भारत के विभाजन के कारण एक ऐसा विश्वास था कि जो लोग भारत में रह गये वे भारत के प्रति समर्पित होंगे और भारत की खुशी और गम या विजय और पराजय ही उनकी होगी. लेकिन आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी ऐसी देश विरोधी ताकतें सिर उठा रहीं हैं और बड़ी अशिष्टता के साथ अपनी बात रखती है.

जिस बेशर्मी से ये शक्तियां अपनी बात रखती हैं उस से साबित होता है कि तुष्टिकरण की राजनीति ने देश की एकता और अखण्डता, स्वाभिमान और गौरव को किस प्रकार से खंडित करने की और नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है. प्रो. धूमल ने कहा कि ऐसी देश विरोधी गतिविधियां जब कुछ ऐसे तत्व करते हैं तो देश के कुछ राजनेता धर्मान्धता के कारण या कुछ राजनीतिक समर्थन पाने के लिये ऐसे देश विरोधी तत्वों का संरक्षण करते हैं. उन्हें मानवाधिकार के आधार पर तो कभी लोकतंत्र की और कभी बोलने की स्वतंत्रता के आधार पर ऐसे तत्वों का बचाव करते हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया का कोई देश इतनी ज्यादा ढील देश की एकता और अखण्डता के ऊपर प्रहार करने वालों को नहीं देता है. कोई देश अपने किसी नागरिक को ऐसी खुली छूट नहीं देता. इतिहास हमें बताता है कि जब-जब किसी देश की एकता और अखण्डता को आन्तरिक खतरा पैदा होता है तो सरकार सख्त कार्रवाई करती है. अमेरिका का इतिहास इस बात का ग्वाह है कि जब वहां पर एकता और अखण्डता को चुनौती मिली तो भीषण गृह युद्ध हुआ जिसमें लाखों लोग मारे गए परिणाम स्वरूप यूएसए की एकता और अखण्डता बची रही. फिर भारत में ऐसी देश विरोधी गतिविधियों की खुली छूट क्यों .

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बोलने की स्वतंत्रता और अपनी-अपनी मान्यता के अनुसार धर्म का पालन और राजनीतिक गतिविधियां करने का अधिकार होता है लेकिन देश की एकता और अखण्डता के मान-सम्मान की कीमत पर ऐसा अधिकार नहीं दिया जा सकता. उन्होंने कहा कि कश्मीर में हमारे सैनिक और अर्धसैनिक बलों पर पथराव करने वाले लोगों का बचाव भी ऐसे ही नेता करते थे.

भारत वर्ष को यह गर्व है कि विभिन्न विचारधाराओं, जातियों, धर्मों, खानपान और पहनावे के बावजूद भारत एक खूबसूरत गुलदस्ता है. गुलदस्ते में शामिल हर एक फूल को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि वह गुलदस्ते की खूबसूरती को बढ़ाने में योगदान करें. जो फूल खूबसूरती देने के बजाय बिगाड़ने की कोशिश करता है उसको गुलदस्ते में से निकाल दिया जाता है. सारे देश को एक स्वर से देश विराधी गतिविधियों का विरोध कर देश को सुदृढ़ करने के लिये मिलकर काम करना चाहिए.

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