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पॉली हाउस से आधुनिक खेती करने वाले किसानों की फसलें बर्बाद, मुआवजे की मांग

हमीरपुर में लॉकडाउन में ना तो मजदूर पॉली हाउस तक पहुंच पाए और ना ही खुद किसान सही ढंग से इनकी देखरेख पर कर पाए. मजदूर न आने की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई.

Polyhouse Farmers face loss
पॉलीहाउस खेती हमीरपुर
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Published : Jun 9, 2020, 2:22 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 1:19 PM IST

हमीरपुर: एक तरफ कोरोना के मामले देश में बढ़ रहे है. वहीं, प्रदेश में भी कोरोना के हर रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना की वजह से जहां हर किसी के काम का नुकसान हो रहा है. वहीं, पॉली हाउस के माध्यम से आधुनिक खेती करने वाले किसानों की वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने कमर तोड़ कर रख दी है.

हालात ऐसे हैं कि पहले लॉकडाउन में ना तो मजदूर पॉली हाउस तक पहुंच पाए और ना ही खुद किसान सही ढंग से इनकी देखरेख कर पाए. मजदूर न आने की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई. ब्लॉक अकाउंट खोलने के बाद हालात ऐसे हैं कि समय पर पहले तो फसलों की बिजाई नहीं हुई और अब मजदूर काम के लिए नहीं मिल रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

हमीरपुर जिला में पॉली हाउस के माध्यम से खेती करने वाले दर्जनों किसानों को परेशानी पेश आ रही है. किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हो गया है. किसानों की फसल समय पर तैयार होने के बावजूद उन्हें नुकसान हो रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने भोरंज विधानसभा क्षेत्र के कसीयाना गांव में आधुनिक खेती करने वाले किसानों से बातचीत की और उनके हालात जाने इस दौरान किसानों का स्पष्ट कहना था कि पहले लॉकडाउन के चलते पॉलीहाउस में फसलों की देखरेख नहीं कर पाए.

कुछ फसलों का उत्पादन हुआ तो पैदावार के बावजूद भी बाजार तक नहीं पहुंच पाई. नई फसलों का बिजाई का समय भी लॉकडाउन में निकल गया और अब मजदूर काम करने के लिए नहीं मिल रहे हैं. किसानों का कहना है कि वह खुद तो पॉलीहाउस में नहीं आ सके. वहीं, लॉकडाउन होने के कारण मजदूर भी नहीं आ आए जिस वजह से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

किसानों ने कहा कि ब्रोकली की फसल पॉली हाउस में ही बर्बाद हो गई उसे बाजार तक पहुंचाना मुश्किल हो गया. गोभी की फसल को किसी तरह से गांव में बेचा गया. किसानों का कहना है कि वह खेतों में न आ पाए और न ही मजदूरों को आने दिया गया जिस वजह से किसानों को नुकसान हुआ.

खेती के माध्यम से रोजगार चलाने वाले किसानों को बहुत दिक्कतें पेश आ रही हैं. सरकार को इस वर्ग का ध्यान रखना चाहिए. किसानों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग उठाई है. बता दें कि 2 महीने से अधिक समय तक लॉकडाउन के कारण किसानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. फसलें बाजार तक पहुंचाना भी चुनौती थी और आधुनिक खेती के दौरान तो मजदूरों का ना मिलने से नुकसान बढ़ गया.

हालांकि जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने पास की व्यवस्था की थी लेकिन लॉकडाउन के अंतिम समय में व्यवस्था होने के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई. अब हालात ऐसे हैं कि समय पर फसलों की बिजाई नहीं हो पाई है और अब बिजाई इत्यादि करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं.

ये भी पढ़ें: BREAKING: सिरमौर में कोरोना के 8 नए मामले, फार्मा कंपनी में काम करते हैं सभी

हमीरपुर: एक तरफ कोरोना के मामले देश में बढ़ रहे है. वहीं, प्रदेश में भी कोरोना के हर रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना की वजह से जहां हर किसी के काम का नुकसान हो रहा है. वहीं, पॉली हाउस के माध्यम से आधुनिक खेती करने वाले किसानों की वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने कमर तोड़ कर रख दी है.

हालात ऐसे हैं कि पहले लॉकडाउन में ना तो मजदूर पॉली हाउस तक पहुंच पाए और ना ही खुद किसान सही ढंग से इनकी देखरेख कर पाए. मजदूर न आने की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई. ब्लॉक अकाउंट खोलने के बाद हालात ऐसे हैं कि समय पर पहले तो फसलों की बिजाई नहीं हुई और अब मजदूर काम के लिए नहीं मिल रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

हमीरपुर जिला में पॉली हाउस के माध्यम से खेती करने वाले दर्जनों किसानों को परेशानी पेश आ रही है. किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हो गया है. किसानों की फसल समय पर तैयार होने के बावजूद उन्हें नुकसान हो रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने भोरंज विधानसभा क्षेत्र के कसीयाना गांव में आधुनिक खेती करने वाले किसानों से बातचीत की और उनके हालात जाने इस दौरान किसानों का स्पष्ट कहना था कि पहले लॉकडाउन के चलते पॉलीहाउस में फसलों की देखरेख नहीं कर पाए.

कुछ फसलों का उत्पादन हुआ तो पैदावार के बावजूद भी बाजार तक नहीं पहुंच पाई. नई फसलों का बिजाई का समय भी लॉकडाउन में निकल गया और अब मजदूर काम करने के लिए नहीं मिल रहे हैं. किसानों का कहना है कि वह खुद तो पॉलीहाउस में नहीं आ सके. वहीं, लॉकडाउन होने के कारण मजदूर भी नहीं आ आए जिस वजह से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

किसानों ने कहा कि ब्रोकली की फसल पॉली हाउस में ही बर्बाद हो गई उसे बाजार तक पहुंचाना मुश्किल हो गया. गोभी की फसल को किसी तरह से गांव में बेचा गया. किसानों का कहना है कि वह खेतों में न आ पाए और न ही मजदूरों को आने दिया गया जिस वजह से किसानों को नुकसान हुआ.

खेती के माध्यम से रोजगार चलाने वाले किसानों को बहुत दिक्कतें पेश आ रही हैं. सरकार को इस वर्ग का ध्यान रखना चाहिए. किसानों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग उठाई है. बता दें कि 2 महीने से अधिक समय तक लॉकडाउन के कारण किसानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. फसलें बाजार तक पहुंचाना भी चुनौती थी और आधुनिक खेती के दौरान तो मजदूरों का ना मिलने से नुकसान बढ़ गया.

हालांकि जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने पास की व्यवस्था की थी लेकिन लॉकडाउन के अंतिम समय में व्यवस्था होने के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई. अब हालात ऐसे हैं कि समय पर फसलों की बिजाई नहीं हो पाई है और अब बिजाई इत्यादि करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं.

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Last Updated : Jun 28, 2020, 1:19 PM IST
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