हमीरपुर: एनआईटी हमीरपुर के कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थियों ने नए उपकरण का आविष्कार किया है. इस अविष्कार से अब नेत्रहीन व्यक्ति भी सामान्य लोगों की तरह अपने रोजमर्रा के कामकाज कर सकेंगे. एनआईटी हमीरपुर के कंप्यूटर साइंस विभाग के विद्यार्थियों ने ऐसे अनोखे उपकरण का आविष्कार किया है. इस आविष्कार के चलते एनआईटी की छह सदस्यीय टीम ने प्रतिष्ठित स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन हार्डवेयर एडिशन-2020 अवॉर्ड हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.
टीम को एक लाख रुपये की नकद पुरस्कार राशि
जानकारी के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करते हुए विद्यार्थियों ने इस उपकरण को तैयार किया है. नेत्रहीन दिव्यांगों के लिए तैयार किए गए इस उपकरण को दृष्टि नाम दिया है. प्रतियोगिता में टीम को एक लाख रुपये की नकद पुरस्कार राशि भी मिली है.
टीम में ये रहे शामिल
टीम में उत्कर्ष चौरसिया, ऋषभ धेंकावत, अदिति कटोच, मोहम्मद नोमान, नवदीप सिंह राठौर, सीताराम राठी और ऋषभ वर्मा शामिल रहे. यह विश्व प्रसिद्ध नवोन्मेष (इनोवेशन) प्रतियोगिता हर साल मानव संसाधन विकास मंत्रालय के माध्यम से आयोजित की जाती है. यह राष्ट्रीय स्तर का मंच है, जिसमें विद्यार्थियों को रोजमर्रा की समस्याओं से निपटने के लिए नए-नए आविष्कार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
प्रोजेक्ट को पूरा होने में दो साल लगे
इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में दो साल लगे और सात हजार रुपये खर्च हुए. प्रोजेक्ट टीम ने टांडा मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. आशीष शर्मा से भी सहायता ली. एनआईटी हमीरपुर के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग ने विद्यार्थियों को इस उपकरण को तैयार करने में काफी मदद की. एनआईटी हमीरपुर के कार्यकारी निदेशक प्रो. ललित अवस्थी ने पूरी टीम को इस प्रोजेक्ट के लिए बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बेहतर कदम साबित होगा.
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