हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में अब जानवरों को नुकसान पहुंचाए बिना फार्माकोलॉजी (pharmacology) की पढ़ाई मेडिकल स्टूडेंट कर पाएंगे. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के फार्माकोलॉजी विभाग में कंप्यूटर असिस्टेड लर्निंग सीएएल लेबोरेटरी स्थापित की गई है. विधायक नरेन्द्र ठाकुर ने डॉ .राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के फार्माकोलॉजी विभाग में कंप्यूटर असिस्टेड लर्निंग ( सीएएल) लेबोरेटरी का बुधवार को उदघाटन किया. मेडिकल कॉलेज के छात्र अब जानवरों को बिना नुकसान पहुंचाए कंप्यूटर की सहायता से प्रयोगशाला में फार्माकोलॉजी आधारित ज्ञान अर्जित कर सकेंगे.
जानवरों की आवश्यकता नहीं होगी: मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया के नियमों के अनुसार कंप्यूटर असिस्टेड लर्निंग ( सीएएल) लेबोरेटरी एमबीबीएस छात्रों के पाठयक्रम का अभिन्न अंग है. पूर्व में मेडिकल कॉलेज में एबीबीएस छात्रों को फार्माकोलॉजी विषय को पढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के जानवरों की आवश्यकता पड़ती थी ,जिसके लिए कॉलेजों में एनिमल हाउस का भी प्रावधान करना पड़ता था, ताकि विभिन्न प्रकार की दवाईयों के ड्रग रिस्पांस को सर्वप्रथम इन जानवरों पर प्रयोग किया जा सके.
लैब से होगा फायदा: इस प्रक्रिया के दौरान कई जानवरों की मृत्यु भी हो जाती थी. प्रधानाचार्य सुमन यादव ने बताया कि मेडिकल कौंसिल के दिशा निर्देशों के तहत मेडिकल कॉलेज में सीएएल लैब स्थापित की गई है. मेडिकल कॉलेज में इस लैब को स्थापित करना जरूरी किया गया, क्योंकि पशु अत्याचार अधिनियम 1960 व वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों के कारण जानवरों पर दवाईयों के ड्रग रिस्पांस के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
प्रायोगिक शिक्षा में मिलेगी सहायता: विधायक नरेन्द्र ठाकुर ने सीएएल लैब का उदघाटन करने के उपरांत मेडिकल स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा मेडिकल के छात्रों को इससे सुविधाजनक व गुणवत्ता आधारित शिक्षा व अनुसंधान के अवसर उपलब्ध होंगे. उन्हांने कहा कि पहले छात्र जानवरों पर प्रयोग करते थे, लेकिन अब लैब में ही प्रयोग कर सकेंगे. उन्होंने उम्मीद जताई की आने वाले समय में छात्रों को इससे प्रायोगिक शिक्षा में काफी मदद मिलेगी.