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DA व पेंशन भत्ते को सीज करने के फैसले का कांग्रेस ने किया विरोध, निर्णय वापस लेने की मांग - DA व पेंशन भत्ते को सीज करने के फैसले का विरोध

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए, सरकार से इस जनविरोधी निर्णय को वापस लेने का अनुरोध करती है.

Himachal Pradesh Congress spokesperson Prem Kaushal
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेम कौशल
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Published : Apr 26, 2020, 8:12 PM IST

भोरंज/हमीरपुरः केंद्र सरकार के सरकारी कर्मचारियों और पेंशन धारकों के महंगाई भत्ते को सीज करने के फैसले पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए, सरकार से इस जनविरोधी निर्णय को वापस लेने का अनुरोध करती है.

उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है कि वर्तमान सरकार के निशाने पर हमेशा मध्यम वर्ग ही क्यों रहता है, इस सरकार की नितियों और कार्यक्रमों के केंद्र में बड़े शरमायेदारों को लाभ देने और उसकी भरपाई मध्यम वर्ग से करने की मानसिकता क्यों रहती है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौर में लघु-उद्योग, छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और ऐसी श्रेणी के लोगों को किसी प्रकार की राहत केंद्र व राज्य सरकार ने अब तक नहीं दी है.

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने राशन का कोटा बढ़ाने की मांग की थी परंतु प्रदेश सरकार ने एपीएल परिवारों को मिलने वाले आटे के कोटे को साढ़े बारह किलो से घटा कर ग्यारह किलो व चावल के कोटे को 6 किलो से घटा कर 5 किलो कर दिया. जिससे प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार राहत देने की बजाए जरूरतमन्दों का हक छीन रही है.

ये भी पढ़ें: मोदी को आई हिमाचली दोस्त की याद...पहले पूछा हालचाल फिर लिया कोरोना का फीडबैक

भोरंज/हमीरपुरः केंद्र सरकार के सरकारी कर्मचारियों और पेंशन धारकों के महंगाई भत्ते को सीज करने के फैसले पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए, सरकार से इस जनविरोधी निर्णय को वापस लेने का अनुरोध करती है.

उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है कि वर्तमान सरकार के निशाने पर हमेशा मध्यम वर्ग ही क्यों रहता है, इस सरकार की नितियों और कार्यक्रमों के केंद्र में बड़े शरमायेदारों को लाभ देने और उसकी भरपाई मध्यम वर्ग से करने की मानसिकता क्यों रहती है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौर में लघु-उद्योग, छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और ऐसी श्रेणी के लोगों को किसी प्रकार की राहत केंद्र व राज्य सरकार ने अब तक नहीं दी है.

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने राशन का कोटा बढ़ाने की मांग की थी परंतु प्रदेश सरकार ने एपीएल परिवारों को मिलने वाले आटे के कोटे को साढ़े बारह किलो से घटा कर ग्यारह किलो व चावल के कोटे को 6 किलो से घटा कर 5 किलो कर दिया. जिससे प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार राहत देने की बजाए जरूरतमन्दों का हक छीन रही है.

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