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हिमाचल बीजेपी कार्यसमिति की बैठक से ठीक पहले रूठों को मनाने की कवायद, पूर्व विधायक अनिल को मिली अहम जिम्मेदारी

हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (himachal assembly elections 2022 ) में अभी भले ही वक्त ने लेकिन बीजेपी ने प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां तेज कर दी हैं. हिमाचल भाजपा कार्यसमिति की बैठक से ठीक पहले हाशिये पर चल रहे बागियों और रूठों को मनाने के प्रयास भी शुरू हो गए हैं. लंबे समय से अनिल धीमान हाशिये पर चले रहे थे. 2017 के चुनावों में उनका टिकट काटकर भाजपा ने कमलेश कुमारी को भोरंज विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवार बनाया था. डॉक्टर धीमान की प्रदेश भाजपा संगठन में वापसी ( member of Himachal BJP Working Committee) से अब पार्टी टिकट के लिए आगामी दिनों में भोरंज में भी कड़ी टक्कर होने की संभावनाएं बन गई हैं.

Former MLA Dr. Anil Dhiman
पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के साथ पूर्व विधायक डॉ. अनिल धीमान.
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Published : Jun 3, 2022, 10:32 PM IST

हमीरपुर: चुनावी साल (himachal assembly elections 2022 ) में हिमाचल भाजपा कार्यसमिति की बैठक से ठीक पहले हाशिये पर चल रहे बागियों और रूठों को मनाने का प्रयास भी शुरू हो गए हैं. हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल (Former Himachal Chief Minister Prem Kumar Dhumal) के गृह जिले से प्रदेश भाजपा के इन प्रयासों को आगाज हुआ है. पूर्व शिक्षा मंत्री दिवंगत नेता आईडी धीमान के बेटे पूर्व विधायक डॉ. अनिल धीमान को भाजपा प्रदेश कार्यसमिति में शामिल किया गया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप (Himachal BJP President Suresh Kashyap) ने अनिल धीमान की संगठनात्मक नियुक्ति की बाकायदा सूचना जारी की है.

लंबे समय से अनिल धीमान हाशिये पर चले रहे थे. 2017 के चुनावों में उनका टिकट काटकर भाजपा ने कमलेश कुमारी को भोरंज विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवार बनाया था. कमलेश कुमारी ने यहां पर भाजपा सीट पर जीत हासिल की थी और उसके बाद से डॉ. अनिल धीमान न तो सरकार के कार्यक्रमों में नजर आ रहे थे और न संगठन की गतिविधियों में सक्रिय थे. पिछले कुछ समय से वह अपने समर्थकों के साथ फील्ड में चुनावी समर से सक्रिय दिख रहे हैं. टिकट कटने के बाद वह पूर्ण रूप से भाजपा से बागी तो नहीं हुए थे, लेकिन संगठन और सरकार से नाराज चल रहे थे.

Notification.
नोटिफिकेशन.

धीमान की वापसी से भोरंज में पार्टी टिकट के लिए रोचक होगी जंग: डॉक्टर धीमान की प्रदेश भाजपा संगठन में वापसी ( member of Himachal BJP Working Committee) से अब पार्टी टिकट के लिए आगामी दिनों में भोरंज में भी कड़ी टक्कर होने की संभावनाएं बन गई हैं, हालांकि विधायक कमलेश कुमारी को संगठन और सरकार में अहम जिम्मा देकर जयराम सरकार में मजबूती देने के पिछले दिनों सरकार और संगठन के प्रयास नजर आए हैं. कमलेश कुमारी प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष हैं और सरकार में वह विधानसभा की मुख्य उपसचतेक हैं. विधायक कमलेश कुमारी का जयराम सरकार और प्रदेश भाजपा में पिछले कुछ सालों से बेशक कद बढ़ा है, लेकिन डॉ. धीमान को कार्यसमिति में जगह मिलना कमलेश कुमारी के लिए आगामी दिनों में टिकट की लड़ाई की दष्टिगत चुनौती भी साबित हो सकता है.

Former MLA Dr. Anil Dhiman
पूर्व विधायक डॉ. अनिल धीमान.

उपचुनाव जीत कर विधायक बने से डॉ. अनिल: पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान (Former Education Minister ID Dhiman) के निधन के भाजपा ने उपचुनावों में उनके बेटे अनिल धीमान को चुनावी मैदान में उतारा था और अनिल ने भी पिता की पांरपरिक सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन 2017 के चुनावों में पार्टी ने सीटिंग विधायक का टिकट काटकर कमलेश कुमारी पर विश्वास जताया था. मिशन रिपीट के प्रयासों में जुटी भाजपा रूठों को साथ लेकर चलने का प्रयास चुनावी साल में कर रही है.

कौन हैं डॉ. अनिल धीमान: डॉ. अनिल धीमान तीन दशक तक भोरंज के विधायक रह चुके पूर्व शिक्ष मंत्री आईडी धीमान के बेटे हैं. दिवंगत आईडी धीमान बीजेपी के छह बार विधायक रहे एवं शिक्षा मंत्री रहे हैं. डॉ. धीमान पेशे से चिकित्सक हैं. भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने 2016 में ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और 2017 में उपचुनाव लड़ा था.

ये भी पढ़ें: CM Jairam Visit Delhi: शनिवार को दिल्ली जाएंगे सीएम जयराम ठाकुर, सोमवार को होगी कैबिनेट मीटिंग

हमीरपुर: चुनावी साल (himachal assembly elections 2022 ) में हिमाचल भाजपा कार्यसमिति की बैठक से ठीक पहले हाशिये पर चल रहे बागियों और रूठों को मनाने का प्रयास भी शुरू हो गए हैं. हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल (Former Himachal Chief Minister Prem Kumar Dhumal) के गृह जिले से प्रदेश भाजपा के इन प्रयासों को आगाज हुआ है. पूर्व शिक्षा मंत्री दिवंगत नेता आईडी धीमान के बेटे पूर्व विधायक डॉ. अनिल धीमान को भाजपा प्रदेश कार्यसमिति में शामिल किया गया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप (Himachal BJP President Suresh Kashyap) ने अनिल धीमान की संगठनात्मक नियुक्ति की बाकायदा सूचना जारी की है.

लंबे समय से अनिल धीमान हाशिये पर चले रहे थे. 2017 के चुनावों में उनका टिकट काटकर भाजपा ने कमलेश कुमारी को भोरंज विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवार बनाया था. कमलेश कुमारी ने यहां पर भाजपा सीट पर जीत हासिल की थी और उसके बाद से डॉ. अनिल धीमान न तो सरकार के कार्यक्रमों में नजर आ रहे थे और न संगठन की गतिविधियों में सक्रिय थे. पिछले कुछ समय से वह अपने समर्थकों के साथ फील्ड में चुनावी समर से सक्रिय दिख रहे हैं. टिकट कटने के बाद वह पूर्ण रूप से भाजपा से बागी तो नहीं हुए थे, लेकिन संगठन और सरकार से नाराज चल रहे थे.

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धीमान की वापसी से भोरंज में पार्टी टिकट के लिए रोचक होगी जंग: डॉक्टर धीमान की प्रदेश भाजपा संगठन में वापसी ( member of Himachal BJP Working Committee) से अब पार्टी टिकट के लिए आगामी दिनों में भोरंज में भी कड़ी टक्कर होने की संभावनाएं बन गई हैं, हालांकि विधायक कमलेश कुमारी को संगठन और सरकार में अहम जिम्मा देकर जयराम सरकार में मजबूती देने के पिछले दिनों सरकार और संगठन के प्रयास नजर आए हैं. कमलेश कुमारी प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष हैं और सरकार में वह विधानसभा की मुख्य उपसचतेक हैं. विधायक कमलेश कुमारी का जयराम सरकार और प्रदेश भाजपा में पिछले कुछ सालों से बेशक कद बढ़ा है, लेकिन डॉ. धीमान को कार्यसमिति में जगह मिलना कमलेश कुमारी के लिए आगामी दिनों में टिकट की लड़ाई की दष्टिगत चुनौती भी साबित हो सकता है.

Former MLA Dr. Anil Dhiman
पूर्व विधायक डॉ. अनिल धीमान.

उपचुनाव जीत कर विधायक बने से डॉ. अनिल: पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान (Former Education Minister ID Dhiman) के निधन के भाजपा ने उपचुनावों में उनके बेटे अनिल धीमान को चुनावी मैदान में उतारा था और अनिल ने भी पिता की पांरपरिक सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन 2017 के चुनावों में पार्टी ने सीटिंग विधायक का टिकट काटकर कमलेश कुमारी पर विश्वास जताया था. मिशन रिपीट के प्रयासों में जुटी भाजपा रूठों को साथ लेकर चलने का प्रयास चुनावी साल में कर रही है.

कौन हैं डॉ. अनिल धीमान: डॉ. अनिल धीमान तीन दशक तक भोरंज के विधायक रह चुके पूर्व शिक्ष मंत्री आईडी धीमान के बेटे हैं. दिवंगत आईडी धीमान बीजेपी के छह बार विधायक रहे एवं शिक्षा मंत्री रहे हैं. डॉ. धीमान पेशे से चिकित्सक हैं. भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने 2016 में ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और 2017 में उपचुनाव लड़ा था.

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