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अंतर्कलह की दरारों से ढहेगा भाजपा का अभेद किला भोरंज! यहां धूमल के गुरु रहे आईडी धीमान के बेटे पार्टी से 'आजाद'

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Published : Jul 19, 2022, 6:54 PM IST

जिला हमीरपुर का भोरंज वो विधानसभा क्षेत्र है जो मेवा के नाम से लगभग तीन दशक तक पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान की अजय सियासत का आधार रहा है. वर्तमान में उनके बेटे पूर्व विधायक डॉ. अनिल धीमान भाजपा से अघोषित रूप से 'आजाद' हैं. ताजे सियासी घटनाक्रमों पर नजर डालें तो डॉ. धीमान को पार्टी से बागी कहने की बजाय 'आजाद' शब्द ही फिलहाल बेहतर मालूम हो रहा है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं जानें पूरा सियासी घटनाक्रम...

former MLA Doctor Anil Dhiman
डिजाइन फोटो.

हमीरपुर: 32 वर्षों से भाजपा का अभेद किला भोरंज विधानसभा क्षेत्र 2022 के सियासी समर में अंर्तकलह की दरारों से ढहेगा? भोरंज वो विधानसभा क्षेत्र (Bhoranj assembly constituency) है जो मेवा के नाम से लगभग तीन दशक तक पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान की अजय सियासत का आधार रहा है. वर्तमान में उनके बेटे पूर्व विधायक डॉ. अनिल धीमान भाजपा से अघोषित रूप से 'आजाद' हैं.

ताजे सियासी घटनाक्रमों पर नजर डालें तो डॉ. धीमान को पार्टी से बागी कहने की बजाय 'आजाद' शब्द ही फिलहाल बेहतर मालूम हो रहा है. कुछ दिन पहले सीएम जयराम ठाकुर के भोरंज दौरे में डॉ. धीमान नजर नहीं आए और न ही वो भाजपा मंडल भोरंज की उस बैठक में शामिल हुए जिसमें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पहुंचे थे. धीमान का तर्क है कि उन्हें सीएम के दौरे की कोई औपचारिक सूचना नहीं दी गई थी, हालांकि एक माह पूर्व ही हमीरपुर में आयोजित भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में निमंत्रण मिलने पर अनिल धीमान शामिल हुए थे. ऐसे में धीमान भाजपा से फिलहाल बागी तो नहीं हुए हैं, लेकिन पार्टी से सक्रिय तौर 'आजाद' ही हैं.

Bhoranj assembly constituency
पूर्व विधायक डॉ. अनिल धीमान

भाजपा से टिकट मिले अथवा नहीं (former MLA Doctor Anil Dhiman) हर सूरत में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके डॉक्टर धीमान सीएम के भोरंज दौरे के दौरान भी क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान में डटे थे. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार के गुरू रहे दिवंगत शिक्षा मंत्री आईडी धीमान के बेटे पार्टी से 'आजाद' हो गए हैं. संगठन और सरकार में हाशिये पर चल रहे धीमान चुनाव लड़ने के अपने दावे को कई दफा दोहरा चुके हैं. ऐसे में भाजपा के लिए यहां पर आगामी विधानसभा चुनावों में गुटबाजी को पाटना चुनौती होगा.

Bhoranj assembly constituency
फोटो.

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का भोरंज गृह विधानसभा क्षेत्र है. हालांकि धूमल परिवार ने एक भी दफा इस सीट से चुनाव नहीं लड़ा है. 2008 में इस विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन होने पर मेवा से बदल कर भोरंज कर दिया गया था.

उपचुनाव में जीत मिलने के बाद कटा था टिकट: पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान का विधायक रहते ही साल 2016 में निधन हो गया था. अप्रैल 2017 में हुए उपचुनाव में भाजपा ने उनके बेटे डॉ. अनिल धीमान को पार्टी टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की. डॉ. धीमान सरकारी नौकरी छोड़ कर उपचुनाव लड़ने के राजनीति में आए थे. 2017 में दिसंबर में जब विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा ने डॉ. धीमान का टिकट काट कर पंचायती राज से जुड़ी भाजपा नेत्री कमलेश कुमारी को टिकट दिया. कमलेश कुमारी वर्तमान में यहां से भाजपा विधायक हैं. पिछले कुछ सालों से सरकार और संगठन में तवज्जों न मिलने से नाराज डॉ. धीमान ने बगावती तेवर काफी पहले से दिखाने शुरू कर दिए थे, लेकिन अब चुनावों के नजदीक आते ही अंतर्कलह की चर्चा जोरों पर है.

Bhoranj assembly constituency
फोटो.

भाजपा के गठन के बाद धीमान ने दिलाई थी पहली जीत: 1982 में भाजपा के गठन के बाद 1990 में पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान ने भाजपा को मेवा भोरंज विधानसभा क्षेत्र से जीत दिलाई थी. यह भाजपा की इस क्षेत्र में पहली जीत थी. क्षेत्र के लोगों ने आईडी धीमान को यहां से छह दफा लगातार विधानसभा में भेजा. विधायक रहते जब उनका निधन हुआ तो उपचुनावों में उनके बेटे अनिल और बाद में 2017 आम चुनाव में कमलेश कुमारी ने जीत का यह क्रम यहां पर जारी रखा. जीत का क्रम तो जारी है लेकिन वर्तमान में सियासी समीकरणों ने यहां पर भाजपा की चिंताओं को बढ़ा दिया है.

Bhoranj assembly constituency
फोटो.

धूमल के बेहद करीबी रहे हैं गुरु धीमान: दिवंगत शिक्षा मंत्री आईडी धीमान पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के गुरु रहे हैं. वह धूमल के करीबियों में माने जाते रहे है. ऐसे में जयराम सरकार में उनके करीबी धीमान के हाशिए पर धकेले जाने पर सवाल उठना लाजिमी है. यह सवाल तब और भी बाजिव हो जाते हैं जब प्रदेशभर में धूमल के करीबियों दिग्ग्जों को संगठन के साथ सरकार में चुनौतियों से दो चार होते नजर आ रहे है. विपक्ष भी हमीरपुर जिले में पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की अनदेखी का आरोप सीएम जयराम ठाकुर पर लगा चुका है. ऐसे आगामी चुनावों में धूमल के गुरुजी आईडी धीमान की पार्टी से आजादी इस सीट पर जीत की संभानाओं पर संकट ला सकती है.

समर्थक चाहते हैं मैं चुनाव लड़ूं: पूर्व विधायक अनिल धीमान कहते हैं कि उनके समर्थक चाहते हैं कि वह चुनाव लड़ें. उन्होंने कहा कि पार्टी की तरफ से जिन कार्यक्रमों की जानकारी दी जाती है उसमें वह जाते हैं. सीएम के कार्यक्रम की उन्हें जानकारी नहीं दी गई थी इसलिए वह नहीं गए और क्षेत्र में अपने लोगों के बीच रहे. उन्होंने कहा कि प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का निमंत्रण उन्हें मिला था इसलिए उसमें हिस्सा लिया था.

ये भी पढ़ें- भाजपा विधायक ने पत्नी को प्रताड़ित किया तब कहां थी भाजपा नेत्रियां, क्यों नहीं उठाई आवाज: जैनब चंदेल

हमीरपुर: 32 वर्षों से भाजपा का अभेद किला भोरंज विधानसभा क्षेत्र 2022 के सियासी समर में अंर्तकलह की दरारों से ढहेगा? भोरंज वो विधानसभा क्षेत्र (Bhoranj assembly constituency) है जो मेवा के नाम से लगभग तीन दशक तक पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान की अजय सियासत का आधार रहा है. वर्तमान में उनके बेटे पूर्व विधायक डॉ. अनिल धीमान भाजपा से अघोषित रूप से 'आजाद' हैं.

ताजे सियासी घटनाक्रमों पर नजर डालें तो डॉ. धीमान को पार्टी से बागी कहने की बजाय 'आजाद' शब्द ही फिलहाल बेहतर मालूम हो रहा है. कुछ दिन पहले सीएम जयराम ठाकुर के भोरंज दौरे में डॉ. धीमान नजर नहीं आए और न ही वो भाजपा मंडल भोरंज की उस बैठक में शामिल हुए जिसमें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पहुंचे थे. धीमान का तर्क है कि उन्हें सीएम के दौरे की कोई औपचारिक सूचना नहीं दी गई थी, हालांकि एक माह पूर्व ही हमीरपुर में आयोजित भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में निमंत्रण मिलने पर अनिल धीमान शामिल हुए थे. ऐसे में धीमान भाजपा से फिलहाल बागी तो नहीं हुए हैं, लेकिन पार्टी से सक्रिय तौर 'आजाद' ही हैं.

Bhoranj assembly constituency
पूर्व विधायक डॉ. अनिल धीमान

भाजपा से टिकट मिले अथवा नहीं (former MLA Doctor Anil Dhiman) हर सूरत में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके डॉक्टर धीमान सीएम के भोरंज दौरे के दौरान भी क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान में डटे थे. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार के गुरू रहे दिवंगत शिक्षा मंत्री आईडी धीमान के बेटे पार्टी से 'आजाद' हो गए हैं. संगठन और सरकार में हाशिये पर चल रहे धीमान चुनाव लड़ने के अपने दावे को कई दफा दोहरा चुके हैं. ऐसे में भाजपा के लिए यहां पर आगामी विधानसभा चुनावों में गुटबाजी को पाटना चुनौती होगा.

Bhoranj assembly constituency
फोटो.

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का भोरंज गृह विधानसभा क्षेत्र है. हालांकि धूमल परिवार ने एक भी दफा इस सीट से चुनाव नहीं लड़ा है. 2008 में इस विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन होने पर मेवा से बदल कर भोरंज कर दिया गया था.

उपचुनाव में जीत मिलने के बाद कटा था टिकट: पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान का विधायक रहते ही साल 2016 में निधन हो गया था. अप्रैल 2017 में हुए उपचुनाव में भाजपा ने उनके बेटे डॉ. अनिल धीमान को पार्टी टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की. डॉ. धीमान सरकारी नौकरी छोड़ कर उपचुनाव लड़ने के राजनीति में आए थे. 2017 में दिसंबर में जब विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा ने डॉ. धीमान का टिकट काट कर पंचायती राज से जुड़ी भाजपा नेत्री कमलेश कुमारी को टिकट दिया. कमलेश कुमारी वर्तमान में यहां से भाजपा विधायक हैं. पिछले कुछ सालों से सरकार और संगठन में तवज्जों न मिलने से नाराज डॉ. धीमान ने बगावती तेवर काफी पहले से दिखाने शुरू कर दिए थे, लेकिन अब चुनावों के नजदीक आते ही अंतर्कलह की चर्चा जोरों पर है.

Bhoranj assembly constituency
फोटो.

भाजपा के गठन के बाद धीमान ने दिलाई थी पहली जीत: 1982 में भाजपा के गठन के बाद 1990 में पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान ने भाजपा को मेवा भोरंज विधानसभा क्षेत्र से जीत दिलाई थी. यह भाजपा की इस क्षेत्र में पहली जीत थी. क्षेत्र के लोगों ने आईडी धीमान को यहां से छह दफा लगातार विधानसभा में भेजा. विधायक रहते जब उनका निधन हुआ तो उपचुनावों में उनके बेटे अनिल और बाद में 2017 आम चुनाव में कमलेश कुमारी ने जीत का यह क्रम यहां पर जारी रखा. जीत का क्रम तो जारी है लेकिन वर्तमान में सियासी समीकरणों ने यहां पर भाजपा की चिंताओं को बढ़ा दिया है.

Bhoranj assembly constituency
फोटो.

धूमल के बेहद करीबी रहे हैं गुरु धीमान: दिवंगत शिक्षा मंत्री आईडी धीमान पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के गुरु रहे हैं. वह धूमल के करीबियों में माने जाते रहे है. ऐसे में जयराम सरकार में उनके करीबी धीमान के हाशिए पर धकेले जाने पर सवाल उठना लाजिमी है. यह सवाल तब और भी बाजिव हो जाते हैं जब प्रदेशभर में धूमल के करीबियों दिग्ग्जों को संगठन के साथ सरकार में चुनौतियों से दो चार होते नजर आ रहे है. विपक्ष भी हमीरपुर जिले में पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की अनदेखी का आरोप सीएम जयराम ठाकुर पर लगा चुका है. ऐसे आगामी चुनावों में धूमल के गुरुजी आईडी धीमान की पार्टी से आजादी इस सीट पर जीत की संभानाओं पर संकट ला सकती है.

समर्थक चाहते हैं मैं चुनाव लड़ूं: पूर्व विधायक अनिल धीमान कहते हैं कि उनके समर्थक चाहते हैं कि वह चुनाव लड़ें. उन्होंने कहा कि पार्टी की तरफ से जिन कार्यक्रमों की जानकारी दी जाती है उसमें वह जाते हैं. सीएम के कार्यक्रम की उन्हें जानकारी नहीं दी गई थी इसलिए वह नहीं गए और क्षेत्र में अपने लोगों के बीच रहे. उन्होंने कहा कि प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का निमंत्रण उन्हें मिला था इसलिए उसमें हिस्सा लिया था.

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