हमीरपुर: वर्तमान में लोग कपड़ों की तरह राजनीतिक दल बदल रहे हैं. आया राम गया राम किसी के लिए भी अच्छा नहीं होता है. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने हमीरपुर में बुधवार को मीडियाकर्मियों से रूबरू होते हुए यह बड़ा बयान दिया.
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) के शिमला स्थित क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा हमीरपुर के टाउन हॉल में एक चित्र प्रदर्शनी (photo exhibition in hamirpur) का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शनी में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. यह प्रदर्शनी 2 सितंबर तक आयोजित की जाएगी.
प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यातिथि पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के द्वारा किया गया. इस अवसर पर सीबीसी शिमला के प्रभारी और क्षेत्रीय प्रदर्शनी अधिकारी अनिल दत शर्मा भी मौजूद रहे. टाउन हाल में लगाई गई स्वतंत्रता संग्राम व उसमें भाग लेने वाले सेनानियों के दुर्लभ चित्रों की प्रदर्शन का भी पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने अवलोकन किया. कार्यक्रम शुभारंभ अवसर पर रंगारंग देशभक्ति के कार्यक्रम की प्रस्तुतियां भी दी गई.
सीबीसी शिमला के प्रभारी और क्षेत्रीय प्रदर्शनी अधिकारी अनिल दत शर्मा ने कहा कि तीन दिवसीय इस चित्र प्रदर्शनी में भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े चित्र और वीडियो प्रदर्शित किए गए हैं. साथ ही हिमाचल प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम और उसमें भाग लेने वाले सेनानियों से जुड़े दुर्भल चित्र भी प्रदर्शित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में आजादी से जुड़ी कई लघु फिल्में भी बच्चों और युवाओं को दिखाई जा रही है. साथ ही अनसंग हीरों को भी प्रदर्शनी के माध्यम से बताया जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद जताते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से आजादी के परवानों की जानकारी मिल रही है. उन्होंने कहा कि आजादी में अपना अहम योगदान देने वाले लोगों के बारे में कहीं पर जिक्र नहीं था, लेकिन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रयास से लोगों को आजादी में योगदान देने वालों का जिक्र किया जा रहा है जिससे सभी को शहीदों के बारे में जानकारी मिलेगी.
चुनावों के नजदीक नेताओं के पार्टी के छोड़ने पर कहा कि धूमल ने कहा कि आया राम गया किसी के भी अच्छा नहीं होता है और अच्छा यह होता है कि एक विचारधारा के साथ जुड़े रहना चाहिए. बाकी व्यक्ति की इच्छा होती है, लेकिन लोग कपड़ों के तरह दल बदल रहे हैं जो कि अच्छी बात नहीं है.
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