हमीरपुर: सभी लोगों का बहुत धन्यवाद जो हमें बचा लिया. मेरे दो बच्चे हैं उन्हें कुछ हो जाता तो हम बर्बाद हो जाते. इनता कहते-कहते लक्ष्मी फूट-फूट कर रोने लगी. डेढ़ माह के बच्चे को गोद में लिए इस मां का गला आपबीती सुनाते-सुनाते रूंध गया. हिमाचल में बारिश से बरपे कहर में दिल को दहलाने वाले तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं. दिनभर लगातर त्रासदी की खबरों से दहले प्रदेश में दर्दनाक मंजर को देख लोगों के दिल पसीज गए.
हमीरपुर जिले के सुजानपुर उपमंडल की खैरी पंचायत निवासी लक्ष्मी को चार बजे सुबह ब्यास का पानी घर में घुसते ही भारी बारिश के बीच जान बचाने के लिए छत पर जाना पड़ा. यह दर्दभरी कहानी है लक्ष्मी समेत उन छह परिवारों की है जो खैरी पंचायत के बल्ला टिब्बे में ब्यास के बहाव में जलमग्न हुए घरों में फंसे हुए थे. रेस्क्यू के बाद जब लक्ष्मी ने बिलखते हुए दर्दभरी आपबीती सुनाई तो मौके पर मौजूद हर शख्स गमगीन हो गया.
लक्ष्मी ही नहीं हर वह शख्स गमजदा है (flood in Sujanpur) जिसने अपने आशियानों को अपनी आंखों के सामने डूबते देखा. प्रशासन और स्थानीय लोगों के प्रयासों से लोगों की जान तो बचा ली गई, लेकिन जिंदगीभर पूंजी से बनाए उनके आशियाने जलमग्न हो गए. रेस्क्यू के बाद भी घंटों तक लाचार प्रभावित परिवार जलमग्न हुए घरों को टकटकी लगाए देखते रहे. आशियाने डूबत देख प्रभावितों परिवारों के आंसू रोके नहीं रूक रहे थे. छह परिवारों के तीस सदस्यों ने अब रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घरों में शरण ली है. प्रशासन पुलिस और स्थानीय लोगों के प्रयासों से लोगों की जान तो यहां बचा ली गई, लेकिन घरों के साथ-साथ आधा दर्जन परिवारों के सपने भी जलमग्न हो गए.
5 घंटे चला रेस्क्यू, हर किसी ने दिखाया साहस: रात भर हो रही बारिश के चलते छह घरों में सुबह चार बजे के करीब पानी भरना शुरू हो गया था. एकाएक जब घरों में पानी भरने लगा तो लोग घरों की छतों पर चढ़ गए, लेकिन खतरा नहीं टला. पंचायत और प्रशासन को सूचना दी गई और सवा सात बजे के करीब प्रशासनिक रेस्क्यू शुरू हुआ. हालांकि इससे पहले स्थानीय लोगों ने प्रयास शुरू कर दिए थे. चार से पांच घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद 28 लोगों को यहां से सुरक्षित निकाला गया. डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक भी बचाव दल के साथ मौके पर पहुंची. यहां (heavy rain in himachal) पर डेढ़ माह के बच्चे से लेकर 100 साल की बुजुर्ग महिला को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया. जिला प्रशासन की ओर से सभी पीड़ित परिवारजनों को दस-दस हजार रुपये की फौरी राहत भी प्रदान की गई है.
स्थानीय युवाओं ने जान जोखिम में डाल कर बचाए लोग: स्थानीय युवाओं ने सबसे पहले मौके पर पहुंच कर अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों को बचाना शुरू किया. इसके बाद यहां पर पहुंचे पुलिस, होमगार्ड और दमकल विभाग के कर्मचारियों ने भी बखूबी अपने कार्य को अंजाम दिया. एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया था, लेकिन उनके आने से पहले रेस्क्यू पूरा कर लिया गया. पानी में फंसे हुए लोगों के पास सबसे पहले पहुंच युवा विक्रम सिंह ने बताया कि सुबह पानी ज्यादा बढ जाने पर ट्यूब के माध्यम से लोगों के पास पहुंचे और इस बारे में सूचना पंचायत प्रधान के अलावा डीसी को दी गई जिस पर तुंरत कार्रवाई करते हुए रेस्क्यू टीम ने सभी 28 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है.
नुकसान का आकलन करने में लगेगा समय: मौके पर मौजूद उपायुक्त देवश्वेता बनिक ने बताया कि खैरी गांव में छह परिवारों के घर ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से सभी लोग बीच पानी में फंस गए थे, जिन्हें रेस्क्यू करके सुरक्षित करके बाहर निकाला गया है. उन्होंने बताया कि सभी लोगों ने अपने घरों की छतों पर पनाह ली हुई थी. उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ टीम को भी बुलाया गया था और हेलीकॉप्टर के लिए भी सूचना दी गई थी, लेकिन जंगलबैरी बटालियन पुलिस टीम व होमगार्ड टीम ने सभी 28 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है. फिलहाल सभी परिवार अपनी मर्जी से अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घरों में रुके हैं. नुकसान का आकलन करने के लिए अभी समय लगेगा.हमीरपुर: सभी लोगों का बहुत धन्यवाद जो हमें बचा लिया. मेरे दो बच्चे हैं उन्हें कुछ हो जाता तो हम बर्बाद हो जाते. इनता कहते-कहते लक्ष्मी फूट-फूट कर रोने लगी. डेढ़ माह के बच्चे को गोद में लिए इस मां का गला आपबीती सुनाते-सुनाते रूंध गया. हिमाचल में बारिश से बरपे कहर में दिल को दहलाने वाले तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं. दिनभर लगातर त्रासदी की खबरों से दहले प्रदेश में दर्दनाक मंजर को देख लोगों के दिल पसीज गए.
हमीरपुर जिले के सुजानपुर उपमंडल की खैरी पंचायत निवासी लक्ष्मी को चार बजे सुबह ब्यास का पानी घर में घुसते ही भारी बारिश के बीच जान बचाने के लिए छत पर जाना पड़ा. यह दर्दभरी कहानी है लक्ष्मी समेत उन छह परिवारों की है जो खैरी पंचायत के बल्ला टिब्बे में ब्यास के बहाव में जलमग्न हुए घरों में फंसे हुए थे. रेस्क्यू के बाद जब लक्ष्मी ने बिलखते हुए दर्दभरी आपबीती सुनाई तो मौके पर मौजूद हर शख्स गमगीन हो गया.
लक्ष्मी ही नहीं हर वह शख्स गमजदा है (flood in Sujanpur) जिसने अपने आशियानों को अपनी आंखों के सामने डूबते देखा. प्रशासन और स्थानीय लोगों के प्रयासों से लोगों की जान तो बचा ली गई, लेकिन जिंदगीभर पूंजी से बनाए उनके आशियाने जलमग्न हो गए. रेस्क्यू के बाद भी घंटों तक लाचार प्रभावित परिवार जलमग्न हुए घरों को टकटकी लगाए देखते रहे. आशियाने डूबत देख प्रभावितों परिवारों के आंसू रोके नहीं रूक रहे थे. छह परिवारों के तीस सदस्यों ने अब रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घरों में शरण ली है. प्रशासन पुलिस और स्थानीय लोगों के प्रयासों से लोगों की जान तो यहां बचा ली गई, लेकिन घरों के साथ-साथ आधा दर्जन परिवारों के सपने भी जलमग्न हो गए.
5 घंटे चला रेस्क्यू, हर किसी ने दिखाया साहस: रात भर हो रही बारिश के चलते छह घरों में सुबह चार बजे के करीब पानी भरना शुरू हो गया था. एकाएक जब घरों में पानी भरने लगा तो लोग घरों की छतों पर चढ़ गए, लेकिन खतरा नहीं टला. पंचायत और प्रशासन को सूचना दी गई और सवा सात बजे के करीब प्रशासनिक रेस्क्यू शुरू हुआ. हालांकि इससे पहले स्थानीय लोगों ने प्रयास शुरू कर दिए थे. चार से पांच घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद 28 लोगों को यहां से सुरक्षित निकाला गया. डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक भी बचाव दल के साथ मौके पर पहुंची. यहां (heavy rain in himachal) पर डेढ़ माह के बच्चे से लेकर 100 साल की बुजुर्ग महिला को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया. जिला प्रशासन की ओर से सभी पीड़ित परिवारजनों को दस-दस हजार रुपये की फौरी राहत भी प्रदान की गई है.
स्थानीय युवाओं ने जान जोखिम में डाल कर बचाए लोग: स्थानीय युवाओं ने सबसे पहले मौके पर पहुंच कर अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों को बचाना शुरू किया. इसके बाद यहां पर पहुंचे पुलिस, होमगार्ड और दमकल विभाग के कर्मचारियों ने भी बखूबी अपने कार्य को अंजाम दिया. एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया था, लेकिन उनके आने से पहले रेस्क्यू पूरा कर लिया गया. पानी में फंसे हुए लोगों के पास सबसे पहले पहुंच युवा विक्रम सिंह ने बताया कि सुबह पानी ज्यादा बढ जाने पर ट्यूब के माध्यम से लोगों के पास पहुंचे और इस बारे में सूचना पंचायत प्रधान के अलावा डीसी को दी गई जिस पर तुंरत कार्रवाई करते हुए रेस्क्यू टीम ने सभी 28 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है.
नुकसान का आकलन करने में लगेगा समय: मौके पर मौजूद उपायुक्त देवश्वेता बनिक ने बताया कि खैरी गांव में छह परिवारों के घर ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से सभी लोग बीच पानी में फंस गए थे, जिन्हें रेस्क्यू करके सुरक्षित करके बाहर निकाला गया है. उन्होंने बताया कि सभी लोगों ने अपने घरों की छतों पर पनाह ली हुई थी. उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ टीम को भी बुलाया गया था और हेलीकॉप्टर के लिए भी सूचना दी गई थी, लेकिन जंगलबैरी बटालियन पुलिस टीम व होमगार्ड टीम ने सभी 28 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है. फिलहाल सभी परिवार अपनी मर्जी से अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घरों में रुके हैं. नुकसान का आकलन करने के लिए अभी समय लगेगा.
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