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DC हरिकेश मीणा ने की एट्रोसिटी एक्ट के मामलों की समीक्षा बैठक, दिए ये निर्देश

हमीरपुर में आज जिला स्तरीय सतर्कता और प्रबोधन समिति की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें डीसी हरिकेश मीणा सहित और अभियोजन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. इसी बीच डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत लंबित मामलों को जल्द निपटाएं जाए और उनकी रिपोर्ट सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग को नियमित रुप से भेजें.

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Published : Jul 7, 2020, 2:59 PM IST

Hamirpur
हमीरपुर

हमीरपुर: डीसी हरिकेश मीणा की अध्यक्षता में मंगलवार को अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम (एट्रोसिटी एक्ट) के तहत जिला स्तरीय सतर्कता और प्रबोधन समिति की बैठक का आयोजन किया गया.

बैठक में उन्होंने पुलिस और अभियोजन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे उक्त अधिनियम से संबंधित लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं और उनकी रिपोर्ट सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग को नियमित रूप से भेजें.

उपायुक्त हरिकेश मीणा ने कहा कि जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिला के कुल 11 मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं, जबकि पुलिस द्वारा 15 मामलों की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि 16 मामलों की कैंसलेशन रिपोर्ट विभिन्न कोर्ट में प्रस्तुत की गई हैं, जिससे ये अभी विचाराधीन हैं.

उपायुक्त ने कहा कि अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में पीड़ितों के लिए मुआवजे का प्रावधान है, इसलिए मामलों की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी एफआईआर और चालान की प्रतियां सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग को भी प्रेषित करें, ताकि पीड़ितों को समय पर मुआवजा मिल सके.

पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने डीसी को अवगत कराया कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज 15 मामलों में पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है और कुछ मामलों में पीड़ितों को मुआवजा भी मिल चुका है, जबकि चार मामलों से संबंधित अधिनियम हटाने के लिए जिला स्तरीय समिति का मार्गदर्शन लिया जा रहा है.

बैठक में डीसी ने अधिकारियों से नए मामलों की प्रगति पर भी विस्तार से चर्चा की. इसी बीच जिला कल्याण अधिकारी अमरजीत डोगरा ने विभिन्न मामलों का विस्तृत ब्यौरा दिया, जबकि जिला न्यायवादी ने इन मामलों से संबंधित कानूनी पहलुओं की जानकारी दी.

हमीरपुर: डीसी हरिकेश मीणा की अध्यक्षता में मंगलवार को अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम (एट्रोसिटी एक्ट) के तहत जिला स्तरीय सतर्कता और प्रबोधन समिति की बैठक का आयोजन किया गया.

बैठक में उन्होंने पुलिस और अभियोजन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे उक्त अधिनियम से संबंधित लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं और उनकी रिपोर्ट सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग को नियमित रूप से भेजें.

उपायुक्त हरिकेश मीणा ने कहा कि जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिला के कुल 11 मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं, जबकि पुलिस द्वारा 15 मामलों की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि 16 मामलों की कैंसलेशन रिपोर्ट विभिन्न कोर्ट में प्रस्तुत की गई हैं, जिससे ये अभी विचाराधीन हैं.

उपायुक्त ने कहा कि अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में पीड़ितों के लिए मुआवजे का प्रावधान है, इसलिए मामलों की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी एफआईआर और चालान की प्रतियां सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग को भी प्रेषित करें, ताकि पीड़ितों को समय पर मुआवजा मिल सके.

पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने डीसी को अवगत कराया कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज 15 मामलों में पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है और कुछ मामलों में पीड़ितों को मुआवजा भी मिल चुका है, जबकि चार मामलों से संबंधित अधिनियम हटाने के लिए जिला स्तरीय समिति का मार्गदर्शन लिया जा रहा है.

बैठक में डीसी ने अधिकारियों से नए मामलों की प्रगति पर भी विस्तार से चर्चा की. इसी बीच जिला कल्याण अधिकारी अमरजीत डोगरा ने विभिन्न मामलों का विस्तृत ब्यौरा दिया, जबकि जिला न्यायवादी ने इन मामलों से संबंधित कानूनी पहलुओं की जानकारी दी.

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