हमीरपुर: किसान आंदोलन (Farmers Protest) के नेता व गाजीपुर बॉर्डर के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा (Spokesperson Jagtar Singh Bajwa) ने भाजपा नेताओं को मिल रही खालिस्तानी धमकियों को लेकर बड़ा बयान दिया है. हमीरपुर में मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो तुरंत इसकी जांच करवा सकती है, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो यह किसान आंदोलन को बदनाम करने की सरकारी साजिश है.
जगतार सिंह बाजवा (Jagtar Singh Bajwa) ने कहा कि किसान आंदोलन का खालिस्तान से कोई मतलब नहीं है ना ही यह किसान आंदोलन की मांग है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास तमाम खुफिया एजेंसियां मौजूद है. यदि यह लोग कहीं पर मौजूद हैं तो इन पर कार्रवाई की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह किसान आंदोलन को बदनाम करने की सरकारी साजिश है. यदि किसान नेता और किसान आंदोलन इन लोगों के समर्थन में आए तब किसान नेताओं से सवाल किया जा सकता है. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि किसान आंदोलन कृषि कानूनों और एमएसपी गारंटी के लिए चल रहा है और यही किसानों की मांग है.
गौरतलब है कि इन दिनों किसान आंदोलन से जुड़े नेता हिमाचल दौरे पर हैं और वह किसानों को आंदोलन के प्रति जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं. वहीं, इस बीच हिमाचल में किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तान समर्थकों की तरफ से मीडिया कर्मियों के माध्यम से भाजपा नेताओं को धमकियां दी जा रही हैं. ऐसे में किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं से भी यह सवाल किए जा रहे हैं.
वहीं, हमीरपुर में किसान आंदोलन के वरिष्ठ नेता जगतार सिंह बाजवा ने दो टूक शब्दों में इसे सरकार की किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार नामी लोगों के फोन टेप करवा सकती है तो ऐसे धमकी भरे फोन करने वालों के फोन क्यों टेप नहीं किए जा रहे हैं.
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