हमीरपुर: बड़सर में राकेश शर्मा बबली का नाम भाजपा के चुनावी नैया पार लगाने में बड़ा कारगर साबित हो सकता है. बबली बेशक इस संसार में नहीं हैं, लेकिन इलाके में उनका नाम काफी असरदार है. प्रदेश में चुनावी युद्ध का ऐलान हो चुका है. 12 नवंबर को प्रदेश में वोटिंग होगी. ऐसे में यह चर्चा भी जोर पकड़ रही है कि क्या बड़सर विधानसभा क्षेत्र में स्वर्गवासी भाजपा नेता राकेश शर्मा बबली भाजपा के कमल का फूल बनेंगे? (Himachal Assembly Elections 2022) (Barsar Election 2022 Date) (Barsar Election 2022 Candidates List)
बड़सर के अहम ढटवाल क्षेत्र से भाजपा नेता हिमाचल प्रदेश कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर रहते राकेश शर्मा बबली का निधन हो गया था. इस सीट पर वे भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे. एबीवीपी और संघ की विचारधारा के वाहक राकेश बबली संगठन के साथ ही प्रदेश भाजपा सरकार का भी चेहरा थे. माना जा रहा था कि उनको टिकट देने से भाजपा यहां पर गुटबाजी की दरारों को खत्म कर देगी, लेकिन उनके आकस्मिक निधन से भाजपा को यहां पर झटका लगा है. अब विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही फिर टिकट को लेकर बड़सर में घमासान मच गया है. (Barsar BJP Candidates List in Election 2022)(BJP Candidates from Barsar)
बबली की पत्नी या बड़े भाई पर सियासी दांव: माना जा रहा है कि भाजपा इस घमासान को खत्म करने के लिए अब राकेश शर्मा बबली की पत्नी रमना शर्मा या भाई संजीव शर्मा पर सियासी दांव चल सकती है. भाजपा हाईकमान बड़सर विधानसभा क्षेत्र के ढटवाल क्षेत्र और सहानुभूति फैक्टर पर नजरें बनाए हुए हैं. महज सहानुभूति नहीं बल्कि राकेश बबली के परिवार की पृष्ठभूमि भी टिकट के दावे को मजबूत बना रही है. यहां पर भाजपा प्रत्याशी के लगातार दो दफा चुनाव हारने और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रत्याशी का चेहरा नहीं बल्कि कमल का फूल देखने की अपील ने नई सियासी समीकरण के संकेतों को मजबूती दी है.
जीत से पहले अंतर्कलह पर पार पाना अहम: बड़सर में भाजपा टिकट के लिए तो मारामारी है, लेकिन कांग्रेस में विधायक इंद्रदत्त लखनपाल के लिए कोई नेता अपने संगठन में चुनौती नहीं है. भाजपा को चुनाव लड़ने से पहले अंतर्कलह पर पार पाना बड़ी चुनौती होगी. यहां पर दो दफा चुनाव हार चुके भाजपा जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक बलदेव शर्मा फिर टिकट के लिए जोर लगा रहे हैं. वह एक्स सीएम धूमल के करीबी माने जाते हैं. (Barsar assembly constituency)(Late BJP Leader Rakesh Sharma Babli )
विनोद ठाकुर भी टिकट की रेस में हैं: उनके साथ यहां पर जयराम ठाकुर के करीबी और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सीएम विनोद ठाकुर भी टिकट की रेस में हैं. भाजपा में बलदेव और विनोद में 36 का ही आंकड़ा रहा है. भाजपा के नेता कमल नयन अब टिकट की दौड़ में जरूर है, लेकिन उनके सियासी तेवर इन दिनों नरम है. कमल नयन और बलदेव शर्मा सार्वजनिक तौर पर साथ तो दिख रहे हैं, लेकिन विनोद ठाकुर अलग राह पकड़े हुए हैं. ऐसे में इन सभी नेताओं को एक राह और मंच पर लाने को बबली फैक्टर का मास्टर स्ट्रोक भाजपा चल सकती है.
ढटवाल और ब्राह्मण बहुल समीकरणों पर नजरें: बड़सर विधानसभा क्षेत्र में 52 पंचायतें आती हैं. इन पंचायतों में लगभग एक तिहाई से अधिक पंचायतें ढटवाल क्षेत्र में पड़ती हैं. ब्राह्मण समीकरण से यहां पर राजनीतिक दलों के निर्यात में रहती हैं. पिछले पांच दशक से यहां पर ब्राह्मण वर्ग से ही विधायक चुने जाते रहे हैं. कांग्रेसी विधायक इंद्रदत्त लखनपाल और पूर्व विधायक बलदेव शर्मा भी ब्राह्मण वर्ग से ही आते हैं. भाजपा यहां पर क्षेत्र के साथ ही जातीय समीकरणों को साधने का प्रयास करने में जुटी है. पिछले तीन दशक से भाजपा और कांग्रेस का नेतृत्व पंडित नेता ही करते आ रहे हैं. ऐसे में राकेश शर्मा बबली के टूटे भाजपा परिवार को जोड़ने में हाईकमान के लिए एक विकल्प है. (Himachal Assembly Election 2022)
संगठन के सच्चे सिपाही रहे हैं बबली के बड़े भाई संजीव: दिवंगत भाजपा नेता राकेश शर्मा बबली के बड़े भाई संजीव शर्मा विद्यार्थी परिषद के पथ से संघ का विचार लेकर भाजपा में कार्य कर रहे हैं. वह भाजपा के किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष और प्रदेश कार्यसमिति में भी अहम पद पर रह चुके हैं. यह भी कहा जाता है कि संजीव शर्मा एक दशक पहले यहां पर भाजपा के लगातार तीन जीत में अहम भूमिका में रहे हैं. वह एक कर्मठ कार्यकर्ता के तौर पर बड़सर विधानसभा क्षेत्र में जाने जाते हैं .(Barsar BJP Candidates List)
बबली की पत्नी भी पढ़ी-लिखी: ऐसे में क्या भाजपा का चेहरा नहीं बल्कि कमल का फूल का फॉर्मूला यहां पर लागू होगा. इसको लेकर सियासी चर्चा छिड़ी हुई है. राकेश शर्मा बबली की पत्नी रमना शर्मा पढ़ी-लिखी हैं. संगठन और राजनीति में रमना शर्मा का कोई दखल नहीं है, लेकिन दिवंगत पति राकेश शर्मा बबली के संगठन के प्रति संघर्ष और त्याग में इनका अहम योगदान माना जाता है. राकेश शर्मा बबली द्वारा गठित दीनदयाल अंत्योदय समिति बड़सर के माध्यम से उनका परिवार लगातार लोगों से संपर्क साध रहा है.(BJP give ticket to Rakesh Sharma Brother and Wife)
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