हमीरपुर: हैदराबाद पुलिस की मदद से हमीरपुर पुलिस ने साइबर क्राइम के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही 11 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 2 पैन कार्ड, एक एप्सन कलर प्रिंटर और एक वाहन को जब्त किया है.
पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि एक ग्रुप में कई लोग शामिल होकर साइबर क्राइम की वारदात को अंजाम देते थे. जिसमें से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि ये लोग गूगल द्वारा लोगों को एक फेक लिंक भेजकर फंसाते थे और उनके बैंक खाता और एटीएम डेबिट कार्ड की जानकारी लेकर पैसा ट्रांसफर कर लेते हैं. पुलिस से मिली जानकारी अनुसार शातिर ई-कॉमर्स कंपनियों के ग्राहकों का डाटा हासिल करते थे और उनको हमेशा कॉल किया करते थे.
क्या है मामला
हमीरपुर जिला के बड़सर थाना में ऑनलाइन ठगी की एक शिकायत पर 2019 में एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसके तहत पुलिस ने चार आरोपी संदीप, माणिकचंद, तौसीफ अहमद और विकास कुमार को गिरफ्तार किया है.
हैदराबाद पुलिस का रहा अहम रोल
संदीप और माणिक चंद नाम के दो आरोपी को पहले हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के दौरान हैदराबाद पुलिस द्वारा कुल 11 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 2 पैन कार्ड, एक एप्सन कलर प्रिंटर और एक वाहन जब्त किया है.
आरोपी बनाते थे नकली वेबसाइट
आरोपी संदीप कुमार ने बताया कि तौसीफ अहमद को नकली वेबसाइट तैयार करने के लिये कहा था, लेकिन उसने विकस कुमार को वेबसाइट तैयार करने को कहा था. उसने बताया कि विकास कुमार ने संदीप के लिए 23 फर्जी वेबसाइट तैयार की हैं और उनका इस्तेमाल व्यक्तियों को ठगने के लिए किया जा रहा था.
संदेश भेजकर लोगों को बनाते थे निशाना
सबसे पहले ये ग्राहक को एसएमएस भेजते थे और एसएमएस में उल्लेख किया करते थे कि आपने नगद राशि जीती है. इसके बाद वो उसी ग्राहक को फोन करते थे और उनको उनके नाम से पुकारते थे और उन्हें एक विकल्प चुनने को भी कहते थे. जब ग्राहक पुरस्कार राशि या वाहन लेने के लिए सहमत होते थे तो उनसे कहते थे कि आप पंजीकरण शुल्क के रूप में 5500 या 6500 रुपये जमा करवाए.
शातिर ग्राहकों के व्यक्तिगत विवरण और उनके बैंक खाते जैसे आधार कार्ड , पैन कार्ड , पूरे खाते का विवरण, एटीएम की समाप्ति तिथि, सीवीवी नंबर एटीएम कार्ड नंबर और बैंक खाते के साथ जुड़ा मोबाइल नंबर हासिल करते थे. हमीरपुर जिला के उपमंडल बड़सर निवासी इशांत और उसके पिता सोमदत्त से आरोपियों ने 14,62,300 रुपये की ठगी थी.
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