धर्मशाला: बढ़ती सड़क हादसों से निपटने के लिए आरटीओ विभाग ने एक नई योजना बनाई है. इसके तहत अब ड्राइविंग लाइसेंस की प्रकिया जटिल की जाएगी और ड्राइविंग टेस्ट भी ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर लिया जाएगा.
परिवहन विभाग द्वारा लाइसेंस प्रक्रिया को जटिल बनाते हुए अब किसी अफसर या कर्मचारी की दखल नहीं होगी बल्कि ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर ट्रायल के बाद कंप्यूटर के जरिए जारी होगा. प्रदेश के सबसे बड़ा जिला कांगड़ा में प्रदेश का पहला ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनने जा रहा है. इस ट्रैक पर टेस्ट देने के बाद ही लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए योग्य या आयोग्य माना जाएगा. बता दें कि ड्राइविंग लाइसेंस धारकों को पहले परफेक्ट ड्राइविंग सीखनी पड़ेगी.
आरटीओ कांगड़ा डॉ. मेजर विशाल शर्मा का कहना है कि आज कल सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ गई है और इसका कारण यह है कि ड्राइविंग की सही ट्रेनिंग नहीं मिल पाना. ड्राइविंग टेस्ट की प्रकिया को और जटिल बनाने के लिए ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट करवाए जाएंगे. जिला कांगड़ा में दो ऑटोमेटिक ट्रैक खोले जाएंगे. पहला एच.आर.टी.सी. के ड्राइविंग स्कूल जसूर व दूसरा कांगड़ा के खोली में खोला जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार को इसका प्रपोजल भेजा जाएगा.