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तिब्बतियों ने तिब्बत की आजादी को लेकर किया प्रदर्शन, मैक्लोडगंज से लेकर धर्मशाला तक निकाली रोष रैली

तिब्बत की आजादी की मांग को लेकर वीरवार को धर्मशाला में तिब्बती समुदाय के विभिन्न संगठन ने चीन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और मैक्लोडगंज से धर्मशाला तक विरोध रैली भी (Tibetans protest in Dharamshala) निकाली. तिब्बती समुदाय के लोगों ने तिब्बत की आजादी को लेकर भी नारेबाजी (Tibetan protest rally in Dharamshala ) की. इस अवसर पर तिब्बतियों ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि अब वह समय आ गया है कि चीन को हर हालत में तिब्बती देश आजाद करना (protest for Independence Of Tibet) होगा.

Tibetans protest in Dharamshala
तिब्बत की आजादी को लेकर प्रदर्शन.
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Published : Mar 10, 2022, 4:48 PM IST

Updated : Mar 10, 2022, 5:51 PM IST

धर्मशाला: तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की 63वीं वर्षगांठ पर तिब्बती समुदाय के विभिन्न संगठन ने तिब्बत देश की आजादी को लेकर चीन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. वहीं तिब्बतियों द्वारा मैक्लोडगंज से धर्मशाला तक विरोध रैली (Tibetans protest in Dharamshala) निकाली. इस अवसर पर तिब्बतियों ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि अब वह समय आ गया है कि चीन को हर हालत में तिब्बती देश आजाद करना (Tibetan protest rally in Dharamshala ) होगा.

वहीं, चीनी सरकार व चीनी अधिकारियों ने हाल ही में सिचुआन प्रांत खाम ड्रेकगो में स्थापित बुद्ध की 99 फीट ऊंची प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया था. जिसको लेकर भी तिब्बतियों ने मैक्लोडगंज में चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन (protest for Independence Of Tibet) किया.

तिब्बत की आजादी को लेकर प्रदर्शन.

तेनजिंग सिंडू ने कहा कि तिब्बत में रह रहे लोगों को चीन की सरकार के दमनकारी नीतियों के तहत उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है. चीन के जनवादी गणराज्य की स्थापना के साथ चीन की सरकार की स्थापना हुई थी. वर्ष 1949 तिब्बत पर सशस्त्र आक्रमण की तैयारी शुरू की गई. उन्होंने कहा चीन ने तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति होने का दावा किया गया था, लेकिन चीन ने एक सशस्त्र आक्रमण किया और प्रत्येक प्रावधान का पूर्ण उल्लंघन करते हुए अपने पड़ोसी देश तिब्बत पर कब्जा कर लिया. तिब्बती लोगों ने इसी के विरोध में 10 मार्च को व्यापक विरोध अभियान चलाया और इस दिन को तिब्बती विद्रोह दिवस के रूप में मनाया.

तेनजिंग सिंडू ने कहा चीन के अत्याचारों के कारण अब तक तिब्बत के दस लाख से अधिक लोगों की असामयिक मृत्यु हो चुकी है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों चीन ने तिब्बत के बौद्ध मठों पर हमला किया और बुद्ध की प्रतिमाओं को तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि तिब्बत की आजादी ही भारत की सुरक्षा है. चीन लगातार अरुणाचल प्रदेश, लद्धाख व गलवान घाटी में अपनी नकारात्मक हरकतों को अंजाम देने में लगा हुआ है. उन्होंने कहा चीन तिब्बत में तिब्बती संस्कृति को मिटाने का प्रयास कर रहा है. तिब्बत आजादी को लेकर 150 से अधिक तिब्बतियों ने आपने प्राणों का बलिदान दिया है.

ये भी पढ़ें: सैन्थल में अनाथ हुए 4 बच्चों का सारा खर्च अब सरकार करेगी वहन

धर्मशाला: तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की 63वीं वर्षगांठ पर तिब्बती समुदाय के विभिन्न संगठन ने तिब्बत देश की आजादी को लेकर चीन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. वहीं तिब्बतियों द्वारा मैक्लोडगंज से धर्मशाला तक विरोध रैली (Tibetans protest in Dharamshala) निकाली. इस अवसर पर तिब्बतियों ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि अब वह समय आ गया है कि चीन को हर हालत में तिब्बती देश आजाद करना (Tibetan protest rally in Dharamshala ) होगा.

वहीं, चीनी सरकार व चीनी अधिकारियों ने हाल ही में सिचुआन प्रांत खाम ड्रेकगो में स्थापित बुद्ध की 99 फीट ऊंची प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया था. जिसको लेकर भी तिब्बतियों ने मैक्लोडगंज में चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन (protest for Independence Of Tibet) किया.

तिब्बत की आजादी को लेकर प्रदर्शन.

तेनजिंग सिंडू ने कहा कि तिब्बत में रह रहे लोगों को चीन की सरकार के दमनकारी नीतियों के तहत उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है. चीन के जनवादी गणराज्य की स्थापना के साथ चीन की सरकार की स्थापना हुई थी. वर्ष 1949 तिब्बत पर सशस्त्र आक्रमण की तैयारी शुरू की गई. उन्होंने कहा चीन ने तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति होने का दावा किया गया था, लेकिन चीन ने एक सशस्त्र आक्रमण किया और प्रत्येक प्रावधान का पूर्ण उल्लंघन करते हुए अपने पड़ोसी देश तिब्बत पर कब्जा कर लिया. तिब्बती लोगों ने इसी के विरोध में 10 मार्च को व्यापक विरोध अभियान चलाया और इस दिन को तिब्बती विद्रोह दिवस के रूप में मनाया.

तेनजिंग सिंडू ने कहा चीन के अत्याचारों के कारण अब तक तिब्बत के दस लाख से अधिक लोगों की असामयिक मृत्यु हो चुकी है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों चीन ने तिब्बत के बौद्ध मठों पर हमला किया और बुद्ध की प्रतिमाओं को तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि तिब्बत की आजादी ही भारत की सुरक्षा है. चीन लगातार अरुणाचल प्रदेश, लद्धाख व गलवान घाटी में अपनी नकारात्मक हरकतों को अंजाम देने में लगा हुआ है. उन्होंने कहा चीन तिब्बत में तिब्बती संस्कृति को मिटाने का प्रयास कर रहा है. तिब्बत आजादी को लेकर 150 से अधिक तिब्बतियों ने आपने प्राणों का बलिदान दिया है.

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Last Updated : Mar 10, 2022, 5:51 PM IST
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