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टांडा मेडिकल कॉलेज में बुजुर्ग महिला के अंगदान, ग्रीन कॉरिडोर के जरिये PGI चंडीगढ़ पहुंचाई किडनी

प्रदेश के टांडा मेडिकल कॉलेज (Tanda Medical College) में एक बार फिर कैडेवरिक ऑर्गन रिट्रिवल हुआ (Organ retrieval in Tanda Hospital) है. जहां एक 75 वर्षीय महिला ने दो किडनी और दो कॉर्निया दान की हैं. टांडा मेडिकल कॉलेज में इसी साल लगातार दूसरी बार ब्रेन डेड मरीज के शरीर से अंग निकाले गए हैं, जो फ्लाइट के जरिए पीजीआई चंडीगढ़ पहुंचाए गए. पढ़ें पूरी खबर...

टांडा मेडिकल कॉलेज
टांडा मेडिकल कॉलेज
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Published : Jul 2, 2022, 10:12 AM IST

Updated : Jul 2, 2022, 12:38 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल के डॉक्टरों ने एक बार फिर कैडेवरिक ऑर्गन रिट्रिवल में सफतला हासिल (Organ retrieval in Tanda Hospital) की है. प्रदेश के टांडा मेडिकल कॉलेज (Tanda Medical College) में रिनल ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग के तहत एक 75 वर्षीय महिला ने दो किडनी और दो कॉर्निया दान की हैं. टांडा मेडिकल कॉलेज में इसी साल लगातार दूसरी बार ब्रेन डेड मरीज के शरीर से अंग निकाले गए हैं, जो कि पीजीआई चंडीगढ़ में प्रत्यारोपित किए गए. हिमाचल में पहली बार ऐसा हुआ की ऑर्गन को फ्लाइट के माध्यम से गंतव्य तक पहुंचाया गया.

पिछली बार की तरह इस बार भी रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. राकेश चौहान घटना के सूत्रधार बने. उनके अथक प्रयासों व लगन के कारण किडनी फेलियर के मरीज को नई जिंदगी मिली है. उन्होंने बताया कि सीढ़ियों से गिरने के कारण इस महिला के सिर में गहरी चोट लगी थी. इसके बाद महिला को टांडा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था. महिला पिछले 10-12 दिन से अस्पताल में दाखिल थी. इलाज के दौरान हालत में सुधार नहीं हुआ, तो महिला ब्रेन डेड की स्थिति में पहुंच गई.

उन्होंने बताया कि अस्पताल की ब्रेन डेड सर्टिफिकेशन कमेटी ने विभिन्न टेस्ट करवाने के बाद महिला के ब्रेन डेड होने की पुष्टि की थी. जिसके बाद महिला के परिजनों को अंगदान के बारे में बताया गया और परिवार के सदस्यों ने दरियादिली दिखाते हुए अपने मरीज के अंगदान करने के लिए हामी भरी थी. वीरवार देर रात को क्रॉस मैचिंग के लिए ब्लड सैंपल कांगड़ा बस स्टैंड से बस के माध्यम से पीजीआई भेजे गए थे. जहां किडनी फेलियर के दो मरीजों के साथ सैंपल मैच हो गए थे.

क्रॉस मैचिंग होने के बाद शुक्रवार सुबह 5 बजे से डॉ. राकेश चौहान की अध्यक्षता में किडनी और कॉर्निया रिट्रिवल ऑपरेशन शुरू हुआ. ऑपरेशन करीब 8 बजे तक चला और सफलतापूर्वक दो किडनी और दो कॉर्निया निकाले गए. फिर सावधानीपूर्वक दोनों किडनी को अस्पताल से ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से कांगड़ा एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया. सुबह करीब 10:30 बजे फ्लाइट टेक ऑफ हुई और दोपहर करीब 12 बजे किडनी को पीजीआई पहुंचाया (Organ transported from Tanda to PGI) गया. चंडीगढ़ एयरपोर्ट से ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से कुछ ही समय में किडनी को पीजीआई पहुंचाया गया.

पीजीआई में 2 मरीजों के शरीर में महिला की यह दोनों किडनी ट्रांसप्लांट की जा रही हैं. वहीं आगामी दिनों में दो कॉर्निया टांडा मेडिकल कॉलेज में जरूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट कर दी जाएंगी. डॉ. राकेश चौहान का कहना है कि पीजीआई के रिनल ट्रांसप्लांट सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष शर्मा के सहयोग से दूसरी बार टांडा मेडिकल कॉलेज में सफल कैडेवरिक ऑर्गन रिट्रीवल हुआ है. उन्होंने बताया कि परिजनों की सहमति के बिना अंगदान का यह महान दान संभव न हो पाता. परिजनों ने समाज के लिए मिसाल कायम करते हुए एक उदाहरण पेश किया है.

उन्होंने बताया कि देशभर में लाखों मरीज अंग न मिलने के कारण मौत के मुंह में चले जाते हैं, लेकिन इस महिला के जैसे महादानी ऐसे मरीजों के लिए वरदान साबित होते हैं. उन्होंने कहा कि स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन हिमाचल प्रदेश हिमाचल (Organ transplant in Himachal) ने भी प्रक्रिया को पूरा करने में पूरा सहयोग दिया. ऑर्गन रिट्रीवल में पीजीआई से आए डॉ. दीपेश कंवर और डॉ. साहिल रेले ने सहयोग दिया. बता दें कि टांडा मेडिकल कॉलेज में इसी साल मार्च महीने में 18 साल के ब्रेन डेड युवक ने अपनी किडनी और कॉर्निया दान की थी. यह ऑर्गन रिट्रीवलभी रिनल ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग की ओर से हुआ था. इसमें पीजीआई की टीम ने भी सहयोग दिया था.

धर्मशाला: हिमाचल के डॉक्टरों ने एक बार फिर कैडेवरिक ऑर्गन रिट्रिवल में सफतला हासिल (Organ retrieval in Tanda Hospital) की है. प्रदेश के टांडा मेडिकल कॉलेज (Tanda Medical College) में रिनल ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग के तहत एक 75 वर्षीय महिला ने दो किडनी और दो कॉर्निया दान की हैं. टांडा मेडिकल कॉलेज में इसी साल लगातार दूसरी बार ब्रेन डेड मरीज के शरीर से अंग निकाले गए हैं, जो कि पीजीआई चंडीगढ़ में प्रत्यारोपित किए गए. हिमाचल में पहली बार ऐसा हुआ की ऑर्गन को फ्लाइट के माध्यम से गंतव्य तक पहुंचाया गया.

पिछली बार की तरह इस बार भी रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. राकेश चौहान घटना के सूत्रधार बने. उनके अथक प्रयासों व लगन के कारण किडनी फेलियर के मरीज को नई जिंदगी मिली है. उन्होंने बताया कि सीढ़ियों से गिरने के कारण इस महिला के सिर में गहरी चोट लगी थी. इसके बाद महिला को टांडा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था. महिला पिछले 10-12 दिन से अस्पताल में दाखिल थी. इलाज के दौरान हालत में सुधार नहीं हुआ, तो महिला ब्रेन डेड की स्थिति में पहुंच गई.

उन्होंने बताया कि अस्पताल की ब्रेन डेड सर्टिफिकेशन कमेटी ने विभिन्न टेस्ट करवाने के बाद महिला के ब्रेन डेड होने की पुष्टि की थी. जिसके बाद महिला के परिजनों को अंगदान के बारे में बताया गया और परिवार के सदस्यों ने दरियादिली दिखाते हुए अपने मरीज के अंगदान करने के लिए हामी भरी थी. वीरवार देर रात को क्रॉस मैचिंग के लिए ब्लड सैंपल कांगड़ा बस स्टैंड से बस के माध्यम से पीजीआई भेजे गए थे. जहां किडनी फेलियर के दो मरीजों के साथ सैंपल मैच हो गए थे.

क्रॉस मैचिंग होने के बाद शुक्रवार सुबह 5 बजे से डॉ. राकेश चौहान की अध्यक्षता में किडनी और कॉर्निया रिट्रिवल ऑपरेशन शुरू हुआ. ऑपरेशन करीब 8 बजे तक चला और सफलतापूर्वक दो किडनी और दो कॉर्निया निकाले गए. फिर सावधानीपूर्वक दोनों किडनी को अस्पताल से ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से कांगड़ा एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया. सुबह करीब 10:30 बजे फ्लाइट टेक ऑफ हुई और दोपहर करीब 12 बजे किडनी को पीजीआई पहुंचाया (Organ transported from Tanda to PGI) गया. चंडीगढ़ एयरपोर्ट से ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से कुछ ही समय में किडनी को पीजीआई पहुंचाया गया.

पीजीआई में 2 मरीजों के शरीर में महिला की यह दोनों किडनी ट्रांसप्लांट की जा रही हैं. वहीं आगामी दिनों में दो कॉर्निया टांडा मेडिकल कॉलेज में जरूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट कर दी जाएंगी. डॉ. राकेश चौहान का कहना है कि पीजीआई के रिनल ट्रांसप्लांट सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष शर्मा के सहयोग से दूसरी बार टांडा मेडिकल कॉलेज में सफल कैडेवरिक ऑर्गन रिट्रीवल हुआ है. उन्होंने बताया कि परिजनों की सहमति के बिना अंगदान का यह महान दान संभव न हो पाता. परिजनों ने समाज के लिए मिसाल कायम करते हुए एक उदाहरण पेश किया है.

उन्होंने बताया कि देशभर में लाखों मरीज अंग न मिलने के कारण मौत के मुंह में चले जाते हैं, लेकिन इस महिला के जैसे महादानी ऐसे मरीजों के लिए वरदान साबित होते हैं. उन्होंने कहा कि स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन हिमाचल प्रदेश हिमाचल (Organ transplant in Himachal) ने भी प्रक्रिया को पूरा करने में पूरा सहयोग दिया. ऑर्गन रिट्रीवल में पीजीआई से आए डॉ. दीपेश कंवर और डॉ. साहिल रेले ने सहयोग दिया. बता दें कि टांडा मेडिकल कॉलेज में इसी साल मार्च महीने में 18 साल के ब्रेन डेड युवक ने अपनी किडनी और कॉर्निया दान की थी. यह ऑर्गन रिट्रीवलभी रिनल ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग की ओर से हुआ था. इसमें पीजीआई की टीम ने भी सहयोग दिया था.

Last Updated : Jul 2, 2022, 12:38 PM IST
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