कांगड़ाः सरकार आये दिन विकास कार्यों को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन दूसरी तरफ इंदौरा विधानसभा में बलिर समून डेकवां सड़क सरकार के इन तमाम दावों की पोल खोलती नजर आ रही है. सात गांव को जोड़ने वाली ये सड़क इतनी खस्ता हालत में है कि यहां गाड़ी चलाना खतरे से खाली नहीं है.
वहीं, ग्रामीण भी इस खराब सड़क की वजह से रोजाना परेशानी का सामना करते हैं. हालात ऐसे हैं कि अगर इन गांवों में कोई शादी या अन्य कार्यक्रम हो तो लोगों को अपने स्तर पर सड़क को ठीक करवाना पड़ता है.
गांव के लोगों का कहना है कि कई बार इलाके के विधायक और सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को शिकायत पत्र लिख चुके हैं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मिली जानकारी अनुसार इस सड़क की मरम्मत का काम नाबार्ड की सहायता से किया जाना था, इसके लिए दो करोड़ का एस्टीमेट बनाया गया था. वहीं, इस सड़क को अगस्त 2016 तक पूरा किया जाना था, लेकिन दोनों सरकारों ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया. अब लोगों ने विधायक रीता धीमान से सड़क ठीक करवाने की गुहार लगाई है.
बता दें कि यह सड़क बलिर समून, डंकवां माजवा, रंडो, ताजवां, भोजपुर गांव को जसूर व इंदौरा से जोड़ती है. वहीं, इस बारे में समून गांव के युवा अंकुश पठानिया ने कहा कि कई सालों बाद भी इस सड़क हालत खस्ता है. सड़क की दयनीय हालत के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. आज कल सब्जियों का सीजन चला है, ऐसे में सड़क की खस्ताहाल होने के कारण इन इलाकों में कोई गाड़ी नहीं आती है. लोगों को अपनी सब्जियां उठाकर कई किलोमीटर तक पैदल ही मुख्य मार्ग तक पहुंचनी पड़ती हैं.
अंकुश का कहना है कि सरकार जल्द इस मार्ग को पक्का करवाकर सैकड़ों ग्रामीणों को राहत प्रदान करे. वहीं, इस बारे में इंदौरा की विधायक रीता धीमान का कहना है कि मामला उनके ध्यान में आया है और जल्द सड़क पक्की करवाने का काम किया जाएगा.