कांगड़ा/मंडी: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के गग्गल में बीते दिनों सेना की अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध में प्रदर्शन करने वाले करीब 80 युवकों को हिरासत में लिया था. इन सभी युवकों को शुक्रवार को छोड़ दिया गया. धर्मशाला सदर थाना के एसएचओ राजेश कुमार ने बताया कि बीचे दिनों गगल में विरोध प्रदर्शन करने वाले कुल 80 लड़कों को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें आज छोड़ दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस दौरान पुलिस और युवाओं की हाथापाई भी हुई, लेकिन गनीमत यह रही कि हाथापाई में किसी को भी गंभीर चोट नहीं आई.
बता दें कि वीरवार को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए बेरोजगारों ने सेना में अग्निपथ भर्ती का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. युवाओं के आंदोलन की (Protest against Agnipath recruitment scheme) अगुवाई कर रहे जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष जिला पार्षद पंकज कुमार ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने कहा कि 4 साल पहले लाखों युवाओं ने रिटन टेस्ट पास किया है, कईयों ने ग्राउंड टेस्ट पास किया लेकिन केंद्र सरकार ने उसका रिजल्ट न निकालकर अब 4 साल की भर्ती करने का फैसला लिया है जो कि युवा विरोधी है. उन्होंने पुलिस प्रशासन पर युवाओं के साथ मारपीट करने का आरोप भी लगाया.
मंडी: देश की सेवा करने का मौका युवाओं को देने के लिए हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से सेना में अग्निपथ योजना शुरू करने की घोषणा की गई है, लेकिन घोषणा के बाद से ही इसके विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं. इस योजना के विरोध में वीरवार को मंडी जिला मुख्यालय पर भी युवाओं ने प्रदर्शन किया, शहर में एक रैली निकाली और केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए. इसके बाद युवाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन के माध्यम से केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार को ज्ञापन भी भेजा. साथ ही युवाओं ने मंडी शहर के पैलेस स्थित आर्मी भर्ती कार्यालय का घेराव भी किया.
मंडी में सैकड़ों की तादात में युवाओं ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का जमकर विरोध किया. युवाओं का कहना है कि जब देश में बेरोजगारी चरम पर है तो सरकार इस प्रकार की शॉर्ट टर्म नौकरी की योजना लेकर आई है (Protest against Agnipath recruitment scheme) जबकि इस समय युवाओं को एक स्थाई रोजगार की आवश्यकता है. युवाओं ने केंद्र सरकार पर देश व हिमाचल प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया. युवाओं के अनुसार केंद्र सरकार ने पहले भी देश में करोंड़ों रोजगार देने का वादा किया लेकिन अब उस वादे के ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार अस्थाई नौररियों की घोषणा की जा रही है जो कि सही नहीं है.
सेना में जा कर एक स्थाई नौकरी की आस रखने वाले युवाओं ने केंद्र सरकार से इस योजना की घोषणा को शीघ्र वापस लेने की मांग उठाई है. इसके साथ ही युवाओं ने प्रदेश सरकार को भी बीते कई वर्षों से लटकी आर्मी भर्ती को लेकर फटकार लगाई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आर्मी भर्ती लटकी हुई है और इस बीच इस प्रकार अग्निवीर बनने की योजना की घोषणा से युवाओं में भारी आक्रोश है. युवाओं ने केंद्र और हिमाचल प्रदेश की सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को लेकर गौर नहीं किया गया तो आने वाले समय में प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. फिर भी सरकार नहीं मानी तो युवा इसका करारा जवाब आने वाले विधानसभा चुनावों में देंगे जिसकी जिम्मेदार मौजूदा केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार होगी.