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पठानकोट-मंडी फोरलेन परियोजना शुरू नहीं होने से लोगों में रोष, सरकार को दिया अल्टीमेटम

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Published : Oct 15, 2019, 10:34 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 10:19 AM IST

पठानकोट मंडी फोरलेन परियोजना तीन साल बाद भी शुरू न होने के कारण सड़क किनारें बसे लोगों ने भारी रोष जताया है.

Pathankot Mandi Fourlane project

कांगड़ाः पठानकोट-मंडी फोरलेन परियोजना तीन साल बाद भी शुरू न होने के कारण सड़क किनारें बसे लोगों ने भारी रोष जताया है. लोगों का कहना है कि सरकार ने घोषणा के बाद यहां कामकाज की अब तक कोई सुध नहीं ली है जिससे उन लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

लोकल बॉडी समिति के सदस्य राजेश पठानिया व जिला परिषद सदस्य उदय पठानिया ने बताया कि 18 मार्च 2016 को तत्कालीन कांगड़ा-चंबा सांसद शांता कुमार ने भू-अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने की बात कही थी. जिस पर भरोसा कर इन निर्माण कार्यों की जद में आने वाले प्रभावित परिवारों ने बैंकों से कर्जे ले लिए थे, लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं किया गया है.

वीडियो.

प्रभावितों ने कहा कि उन्हें तो भरोसा नहीं है कि ये निर्माण कार्य शुरु भी किया जाएगा या नहीं. लोगों ने कहा कि नई जगह घर बनाने के लिए बैंक से कर्जे लेने और भू-अधिग्रहण की स्थिति स्पष्ट ना होने के कारण वो कर्ज तले दब गये है. प्रभावितों के अनुसार उन्होंने फोरलेन की जद में आने वाली जगहों से मिलने वाले मुआवजे को ध्यान में रखते हुए कर्ज लेकर घर बनवाये हैं, लेकिन ना तो सरकार ने भू-अधिग्रहण किया और ना ही उन्हें कोई मुआवजा मिला है.

इस समस्सयो को लेकर प्रभावितों ने अपनी मांग से जुड़ा एक ज्ञापन भी एसडीएम नूरपुर के माध्यम से केन्द्रीय भूतल मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री को भेजा. प्रभावितों ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर चौदह दिन के अंदर सरकार ने फोरलेन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की तो वो आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे. वहीं, एसडीएम नूरपुर सुरिंदर ठाकुर ने बताया कि उन्हें ज्ञापन मिला है. इस मसले पर उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी.

ये भी पढ़ें- राजमा की फसल में रोग लगने से लाहौली किसान चिंतित, कई अन्नदाताओं के 80% फसल खराब

कांगड़ाः पठानकोट-मंडी फोरलेन परियोजना तीन साल बाद भी शुरू न होने के कारण सड़क किनारें बसे लोगों ने भारी रोष जताया है. लोगों का कहना है कि सरकार ने घोषणा के बाद यहां कामकाज की अब तक कोई सुध नहीं ली है जिससे उन लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

लोकल बॉडी समिति के सदस्य राजेश पठानिया व जिला परिषद सदस्य उदय पठानिया ने बताया कि 18 मार्च 2016 को तत्कालीन कांगड़ा-चंबा सांसद शांता कुमार ने भू-अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने की बात कही थी. जिस पर भरोसा कर इन निर्माण कार्यों की जद में आने वाले प्रभावित परिवारों ने बैंकों से कर्जे ले लिए थे, लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं किया गया है.

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प्रभावितों ने कहा कि उन्हें तो भरोसा नहीं है कि ये निर्माण कार्य शुरु भी किया जाएगा या नहीं. लोगों ने कहा कि नई जगह घर बनाने के लिए बैंक से कर्जे लेने और भू-अधिग्रहण की स्थिति स्पष्ट ना होने के कारण वो कर्ज तले दब गये है. प्रभावितों के अनुसार उन्होंने फोरलेन की जद में आने वाली जगहों से मिलने वाले मुआवजे को ध्यान में रखते हुए कर्ज लेकर घर बनवाये हैं, लेकिन ना तो सरकार ने भू-अधिग्रहण किया और ना ही उन्हें कोई मुआवजा मिला है.

इस समस्सयो को लेकर प्रभावितों ने अपनी मांग से जुड़ा एक ज्ञापन भी एसडीएम नूरपुर के माध्यम से केन्द्रीय भूतल मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री को भेजा. प्रभावितों ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर चौदह दिन के अंदर सरकार ने फोरलेन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की तो वो आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे. वहीं, एसडीएम नूरपुर सुरिंदर ठाकुर ने बताया कि उन्हें ज्ञापन मिला है. इस मसले पर उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी.

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पठानकोट मंडी फोरलेन परियोजना तीन साल में शुरू न होने के कारण सड़क किनारे बसे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।लोक बॉडी समिति के सदस्य राजेश पठानिया व जिला परिषद सदस्य उदय पठानिया ने बताया कि 18 मार्च 2016 को तत्कालीन कांगड़ा-चंबा सांसद शांता कुमार ने भू-अधिग्रहण प्रक्रिया जल्द शुरू होने की बात कही थी जिस पर भरोसा कर इन निर्माण कार्यों की जद में आने वाले प्रभावित परिवारों ने बैंकों से कर्जे ले लिए ताकि वो अपने आशियाने कहीं अन्यंत्र बसा लें|लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी इस निर्माण कार्य को लेकर अभी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हुई और प्रभावितों को जहाँ तक भी भरोसा नहीं है कि यह निर्माण कार्य होगा भी या नहीं|नई जगह घर बनाने के लिए बैंक से कर्जे लेने और भू-अधिग्रहण की स्थिति स्पष्ट ना होने के कारण वो कर्ज तले दब गये है|इन प्रभावितों के अनुसार उन्होंने फोरलेन की जड़ में आने वाली जगहों से मिलने वाले मुआवजे को ध्यान में रखते हुए कर्ज लेकर घर बनवाये लेकिन ना तो सरकार ने भू-अधिग्रहण किया और ना ही उन्हें कोई मुआवजा मिला|

एसडीएम नूरपुर के माध्यम से केन्द्रीय भूतल मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री को प्रेषित किये ज्ञापन में इन प्रभावितों ने सरकार को चौदह दिन का अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि अगर चौदह दिन के अंडर सरकार ने फोरलेन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की तो वो आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे|
वहीँ एसडीएम नूरपुर सुरिंदर ठाकुर ने बताया कि उन्हें ज्ञापन मिला है जिसे लेकर वो आगे प्रेषित कर देंगे|

बाइट-राजेश पठानिया लोक बॉडी फ़ॉर लेन
बाइट-सुरिंदर ठाकुर एसडीएम नूरपुर

Conclusion:
Last Updated : Oct 16, 2019, 10:19 AM IST
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