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कोरोना वायरस प्रकृति के लिए साबित हो रहा वरदान, प्रदेश की आबो हवा हुई साफ - Lockdown good effect on environment

देश में लॉकडाउन लगने के बाद जहां लोगों को नुकसान हो रहा है. वहीं, अब लॉकडाउन के सकारात्मक नतीजे भी सामने आ रहे प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण काफी कम हो गया है. हिमाचल में नदियों में भी साफ पानी बह रहा है.

Lockdown good effect on environment
लॉकडाउन का प्रदूषण पर असर
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Published : May 2, 2020, 6:29 PM IST

धर्मशाला: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन बढ़ा दिया है. देश मे 3 मई के बाद लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो रहा है. जहां इस लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था से लेकर हर छोटे से बड़े कारोबारी, मजदूर से लेकर उद्योगपति के कार्य पर असर पड़ा है. वहीं, अर्थव्यवस्था का भी नुकसान हो रहा है.

एक तरफ जहां लॉकडाउन से नुकसान सामने आ रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ इसके सकारात्मक पहलू भी सामने आ रहे है. देशभर में इस लॉकडाउन से प्रदूषण कम हो चुका है. बड़े-बड़े शहरों में अब प्रदूषण में कमी आई है.

वीडियो रिपोर्ट

जहां देश में नदियां दूषित थी, वहीं अब उन्हीं नदियों में स्वच्छ पानी बह रहा है. प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण काफी कम हो गया है. प्रदेश की नदियों में भी साफ पानी बह रहा है.

धर्मशाला शहर से पोंग डैम का नजारा पहले से थोड़ा बेहतर दिखने लगा है. हरियाली बढ़ती दिख रही है और पक्षियों की तादाद में बढ़ोतरी हुई है. कोरोना वायरस कहीं ना कही प्रकृति के लिए वरदान साबित हुआ है.

वरिष्ठ पत्रकार और धर्मशाला के स्थानीय निवासी प्रेम सूद बताते हैं कि लॉकडाउन आने के बाद जीवन शैली में बदलाव हुआ है और उसके प्रतिकूल जीवन मे परिवर्तन के नतीजे आने लगे हैं.

प्रेम सूद ने कहा कि जालंधर से धौलाधार की पहाड़ियां दिख रही हैं, नदी नालों का पानी स्वच्छ हो गया है. उन्होंने कहा कि आवजाही के साधन बंद होने से देश मे स्वच्छता अभियान शुरू हो गया है.

ये भी पढ़ें: ऊना में शिकार के लिए लगाई कड़ाकी में फंसा तेंदुआ, वन विभाग ने किया रेस्क्यू

धर्मशाला: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन बढ़ा दिया है. देश मे 3 मई के बाद लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो रहा है. जहां इस लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था से लेकर हर छोटे से बड़े कारोबारी, मजदूर से लेकर उद्योगपति के कार्य पर असर पड़ा है. वहीं, अर्थव्यवस्था का भी नुकसान हो रहा है.

एक तरफ जहां लॉकडाउन से नुकसान सामने आ रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ इसके सकारात्मक पहलू भी सामने आ रहे है. देशभर में इस लॉकडाउन से प्रदूषण कम हो चुका है. बड़े-बड़े शहरों में अब प्रदूषण में कमी आई है.

वीडियो रिपोर्ट

जहां देश में नदियां दूषित थी, वहीं अब उन्हीं नदियों में स्वच्छ पानी बह रहा है. प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण काफी कम हो गया है. प्रदेश की नदियों में भी साफ पानी बह रहा है.

धर्मशाला शहर से पोंग डैम का नजारा पहले से थोड़ा बेहतर दिखने लगा है. हरियाली बढ़ती दिख रही है और पक्षियों की तादाद में बढ़ोतरी हुई है. कोरोना वायरस कहीं ना कही प्रकृति के लिए वरदान साबित हुआ है.

वरिष्ठ पत्रकार और धर्मशाला के स्थानीय निवासी प्रेम सूद बताते हैं कि लॉकडाउन आने के बाद जीवन शैली में बदलाव हुआ है और उसके प्रतिकूल जीवन मे परिवर्तन के नतीजे आने लगे हैं.

प्रेम सूद ने कहा कि जालंधर से धौलाधार की पहाड़ियां दिख रही हैं, नदी नालों का पानी स्वच्छ हो गया है. उन्होंने कहा कि आवजाही के साधन बंद होने से देश मे स्वच्छता अभियान शुरू हो गया है.

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