कांगड़ा/नूरपुर: तेजी से बदलते समय में शिक्षक एक तय समय तक ही अपनी सेवाएं देना मुनासिब समझने लगे हैं. इस तय समय में भी सेवा में लापरवाही की खबरें अक्सर सुनने को मिलती है. भारी वेतन के बाद भी शिक्षक संतुष्ट ना होने के कारण ट्यूशन के जरिये कमाई के साधन ढूंढते हैं, लेकिन वर्तमान समय में कुछ ऐसे भी शिक्षक हैं जो असल में शिक्षा देने के लिए हर बाधा को पार कर रहे हैं.
नूरपुर उपमंडल के राजकीय वरिष्ठ विद्यालय धनेटी के शिक्षक अमरनाथ रिटायरमेंट होने के बाद भी स्कूल में अपनी सेवा को जारी रखे हुए हैं. अमरनाथ ड्राइंग के शिक्षक हैं. उन्हें सेवानिवृत्त हुए तीन साल हो गए हैं. इसके बाद भी बिना किसी वेतन के स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
अमरनाथ की मानें तो उन्होंने 39 वर्ष शिक्षा विभाग को दिए हैं और इसी स्कूल से सेवानिवृत्त हुए थे. सेवानिवृत्ति के बाद विद्यालय में ड्राइंग विषय का कोई भी अध्यापक नहीं आया. विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित ना हो इसलिए उन्होंने स्कूल में लगातार अपनी सेवाएं देना जारी रखा.
अमरनाथ सिर्फ ड्राइंग विषय ही नहीं, बल्कि किसी अन्य शिक्षक की अनुपस्थिति होने पर वो अन्य विषय को भी पढ़ाते हैं. स्कूल में कोई भी डीपी अध्यापक ना होने के कारण उनकी पूर्ति भी अमरनाथ ही करते हैं. अमरनाथ का कहना है शिक्षक एक राष्ट्रीय निर्माता है और जब उन्होंने शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं देनी शुरू की थी तो उन्होंने शपथ ली थी कि जब तक उनका स्वास्थ्य इजाजत देगा वो अपनी सेवाएं जारी रखेंगे. यही वजह है कि स्कूल में पढ़ने वाले हर छात्र शिक्षक अमरनाथ का सम्मान करते हैं.
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