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शक्तिपीठ ज्वालाजी में सूर्य ग्रहण पर भी खुले रहे मंदिर के कपाट, दर्शनों के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

मां ज्वालाजी का मंदिर गुरुवार को सूर्य ग्रहण के दिन भी भक्तों के दर्शन के लिए खुला रहा. सूर्य ग्रहण के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां ज्वाला के दर्शनों के लिए पहुंचे.

Jwalaji temple open in solar eclipse
Jwalaji temple open in solar eclipse
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Published : Dec 26, 2019, 3:33 PM IST

ज्वालामुखीः जिला कांगड़ा के ज्वाालामुखी स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां ज्वालाजी का मंदिर गुरुवार को सूर्य ग्रहण के दिन भी भक्तों के दर्शन के लिए खुला रहा. हर दिन की तरह आरती के दौरान ही मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनों के लिए बंद किए गए.

सूर्य ग्रहण के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां ज्वाला के दर्शनों के लिए पहुंचे और उन्होंने अपने घर-परिवार की समृद्धि के लिए मां से प्रार्थना की. मंदिर के पुजारी अनिवेन्द्र ने बताया कि सुबह 8 बजकर 18 मिनट से ग्रहण की शुरुआत हो गई थी.

वीडियो.

मंदिर के पुजारी ने बताया कि साल 2019 के इस अंतिम सूर्य ग्रहण के दिन ज्वालाजी मंदिर में भक्तों ने पूजा-अर्चना कर मां ज्वाला का आशीर्वाद प्राप्त किया. उन्होंने कहा कि ग्रहण के दिन अन्य मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन मां जवालाजी मंदिर के कपाट खुले रहते हैं.

ग्रहण होने पर भी मंदिर मां के भक्तों के लिए खुला रहता है और भक्त मां के दर्शन भी करते हैं और मां को अपने द्वारा घरों व बाजारों की दुकानों से लाया गया प्रसाद भी चढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि अग्नि के आगे सब वस्तु पवित्र होती है और मां ज्वालाजी मंदिर में ज्योति रूप में विराजमान हैं. उन्होंने बताया कि सुबह 11 बजे सूर्य ग्रहण खत्म हो गया.

ये भी पढ़ें- ETV BHARAT से बोले सीएम जयराम: कैबिनेट में होगा फेरबदल, दो साल का कार्यकाल रहा शानदार

ज्वालामुखीः जिला कांगड़ा के ज्वाालामुखी स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां ज्वालाजी का मंदिर गुरुवार को सूर्य ग्रहण के दिन भी भक्तों के दर्शन के लिए खुला रहा. हर दिन की तरह आरती के दौरान ही मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनों के लिए बंद किए गए.

सूर्य ग्रहण के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां ज्वाला के दर्शनों के लिए पहुंचे और उन्होंने अपने घर-परिवार की समृद्धि के लिए मां से प्रार्थना की. मंदिर के पुजारी अनिवेन्द्र ने बताया कि सुबह 8 बजकर 18 मिनट से ग्रहण की शुरुआत हो गई थी.

वीडियो.

मंदिर के पुजारी ने बताया कि साल 2019 के इस अंतिम सूर्य ग्रहण के दिन ज्वालाजी मंदिर में भक्तों ने पूजा-अर्चना कर मां ज्वाला का आशीर्वाद प्राप्त किया. उन्होंने कहा कि ग्रहण के दिन अन्य मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन मां जवालाजी मंदिर के कपाट खुले रहते हैं.

ग्रहण होने पर भी मंदिर मां के भक्तों के लिए खुला रहता है और भक्त मां के दर्शन भी करते हैं और मां को अपने द्वारा घरों व बाजारों की दुकानों से लाया गया प्रसाद भी चढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि अग्नि के आगे सब वस्तु पवित्र होती है और मां ज्वालाजी मंदिर में ज्योति रूप में विराजमान हैं. उन्होंने बताया कि सुबह 11 बजे सूर्य ग्रहण खत्म हो गया.

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Intro:शक्तिपीठ ज्वालाजी में सूर्यग्रहण पर भी खुले रहे मन्दिर के कपाट

एक ऐसा प्रसिद्ध शक्तिपीठ जहां ज्योतिरूप में विद्वान है माँ ज्वालाजी, जिसके चलते खुले रहता है मन्दिर
मां ज्वाला के दरबार मे काफी संख्या में पहुँचे श्रद्धालु, किया जप तप, सुख समृद्धि की मांगी कामनाBody:
ज्वालामुखी, 26 दिसम्बर (नितेश) : प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालाजी मां का मन्दिर आज सूर्य ग्रहण के दिन भी पूरा दिन भक्तों के दर्शन के लिए खुला रहा। रोजाना की तरह ही आरती के दौरान ही मां के कपाट भक्तों के दर्शनों के लिए बन्द किये गए। सूर्य ग्रहण के दिन काफी संख्या में श्रद्धालु मां ज्वाला के दर्शनों के लिए पहुंचे और उन्होंने अपने घर परिवार की सुख समृद्धि के लिए हवन यज्ञ कर जप तप पाठ किया। मन्दिर के पुजारी अनिवेन्द्र ने बताया कि सुबह 8 बजकर 18 मिंट से ग्रहण की शुरुआत हो गई थी। उन्होंने कहा कि साल 2019 के इस अंतिम सूर्य ग्रहण के दिन ज्वालाजी मन्दिर में भक्तों ने पूजा अर्चना कर मां ज्वाला का आशीर्वाद प्राप्त क़िया। उन्होंने कहा कि ग्रहण के दिन अन्य मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं लेकिन जवालाजी में स्तिथ विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ एक ऐसा मन्दिर है जहां ग्रहण होने पर भी मन्दिर मां के भक्तों के लिए खुला रहता है ओर भक्त जहां मां के दर्शन करते हैं वही मां को अपने द्वारा घरों व बाजारों की दुकानों से लाया गया प्रशाद भी चढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि अग्नि के आगे सब वस्तु पवित्र होती है और मां ज्वाला के मन्दिर में ज्योति रूप में मां ज्वाला स्वयं विद्वान रहती है ऐसे में अग्नि के आगे सब वस्तु पवित्र है इसी के चलते ग्रहण में भी ज्वालाजी मन्दिर भक्तों के लिए खुला रहता है। उन्होंने बताया कि 11 बजे तक ही ग्रहण था और इसके बाद ये खत्म हो गया। Conclusion:
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