धर्मशाला: निर्वासित तिब्बती सरकार ने शुक्रवार की रात तिब्बत में आए भूकंप को लेकर गहरी चिंता प्रकट की है. साथ ही, भूकंप में घायल हुए लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की है. वहीं तिब्बती संसद के डिप्टी स्पीकर आचार्य यशी फुंस्टोक ने कहा कि चीन द्वारा तिब्बत के पर्यावरण से हमेशा छेड़छाड़ की जाती रहती है जिसकी वजह से तिब्बत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं.
डिप्टी स्पीकर ने कहा कि जानकारी के अनुसार तिब्बती लोगों ने भूकंप के दौरान अपनी व अपने परिवार की जान बचाने का पूरा प्रयास किया. चीन सरकार हमेशा दुनिया को सही जानकारी नहीं देती है. इस भूकंप के दौरान 3 तिब्बती लोगों ने अपनी जान भी गवां दी है. वहीं कुछ गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं.
पर्यावरण से छेड़छाड़ करता है चीन
चीन अपने फायदे के लिए पर्यावरण से छेड़छाड़ करता रहता है, जिसकी वजह से भूकंप आते हैं और इसकी कीमत तिब्बती लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है. आचार्य यशी फुंस्टोक का कहना है कि चीन को भी पर्यवरण के सरंक्षण को लेकर सोचना चाहिए व पर्यावरण को सुरक्षित रखना चाहिए ताकि देश व मानवता को बचाया जा सके.
भूकंप में तीन लोगों की मौत, 27 लोग घायल
गोलोग तिब्बत स्वायत्त प्रांत की मादुओ काउंटी में शुक्रवार रात 11 बजे 5.1 की तीव्रता से अधिक के भूकंप के चार झटके महसूस किए गए जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 27 लोगों के घायल होने की खबर है. इनमें 3 लोगों की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है.
प्रभावित इलाकों में चल रहा बचाव अभियान
स्वायत्त प्रांत की सभी 12 काउंटी और शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, लेकिन यांग्बी सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ. बताया जा रहा है इस भूकंप से 20,192 मकानों में रह रहे करीब 72,317 निवासी प्रभावित हुए. बचाव दलों को भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है और बचाव अभियान चल रहा.
ये भी पढ़ें: मैंगलोर में चक्रवाती तूफान के बाद लापता हुआ कांगड़ा का पवन, परिवार का रो-रोकर बुरा हाल