चंबा: जिले में सबसे अधिक सेब उत्पादन करने वाले भरमौर क्षेत्र में बागवानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. स्कैब की रोकथाम के बीच ही अब वूलीएफिड नामक बीमारी ने पौधों को जकड़ना शुरू कर दिया है.
बता दें कि वूलीएफिड नामक बीमारी की चपेट में आने से पौधों के सूखने का क्रम शुरू हो जाता है.ऐसे में समय रहते इसकी रोकथाम ना हो, तो ये बीमारी पौधे को पूरी तरह से खत्म कर देती है.
जनजातीय क्षेत्र भरमौर में सेब की फसल पर स्कैब का कहर टूट पड़ा है. मांग के बावजूद क्षेत्र के कई हिस्सों में बागवानों को सरकारी विक्रय केंद्रों में दवाईयां तक नहीं मिल रही हैं. ऐसे में बागवान मंहगें दामों पर बाजार से इन्हें खरीदने के लिए मजबूर हो है.
क्षेत्र के बागवानों का कहना है कि इस बार क्षेत्र में सेब की बंपर फसल है, लेकिन फसल पर बीमारियों के लगातार प्रहार होने से सीजन में उन्हें बेहतर दाम भी नहीं मिल पाएगा. उन्होंने सरकार से मांग की कि बगीचों में विशेषज्ञों को भेज कर बीमारी लगने के कारणों का पता लगाया जाए, ताकि स्थाई रूप से बीमारी का खात्मा हो सकें.