चंबा: हिमाचल सरकार प्रदेश में अवैध खनन को रोकने की बात तो करती है, लेकिन यह तभी संभव है अगर राज्य में जितने भी खनन विभाग हैं उनमें पूरे स्टाफ की तैनाती हो. जिला चंबा में रावी नदी और अन्य नदियों पर अवैध खनन के मामले लगातार देखने को मिलते हैं.
जिला में रावी और बैरा-स्यूंल ये दो प्रमुख नदियां हैं जिनपर पावर प्रोजेक्ट बनाए गए हैं और इन्हीं नदियों पर सबसे अधिक अवैध खनन किया जाता है. जिला में अवैध खनन पर तभी लगाम लगना संभव हो पाएगी अगर यहां खनन विभाग मुस्तैदी से काम करे, लेकिन यह हो पाना बेहद मुश्किल है.
चंबा में खनन विभाग में कुल 21 से अधिक स्वीकृत पदों में से 17 पद खाली हैं. ऐसे में खनन विभाग को कोई कार्रवाई करनी हो या फिर रेड करनी हो तो टीम की कमी के चलते विभाग कुछ नहीं कर पाता. खनन विभाग को पूरा जिला देखना पड़ता है, लेकिन अवैध तरीके से हो रहे खनन को रोकने के लिए विभाग के पास स्टाफ ही पर्याप्त नहीं है.
खनन अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले काफी समय से स्टाफ की कमी के चलते काम करने में भी बाधा आ रही है. ऐसे में सरकार इस विभाग की ओर ध्यान दें. पिछले साल खनन विभाग ने रॉयल्टी के रूप में सरकार को 4 करोड़ का राजस्व दिया है. इसके अलावा 510 चालान चंबा जिला में किए गए जिसमें से सरकार को 18 लाख रुपये चालान के रूप में दिए गए हैं.
वहीं, जिला खनन अधिकारी एसके ठाकुर का कहना है कि खनन विभाग में खनन गार्ड से लेकर निरीक्षक के पद खाली हैं, जिसके चलते कार्य करने में परेशानी होती है. चंबा जिला काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है, ऐसे में खनन संबंधी कार्य को करने में मुश्किल हो रही है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि चंबा जिला के खनन विभाग में खाली पड़े पदों को जल्द भरने की कृपा करें ताकि कानून संबंधी कार्य को निपटाने में परेशानी ना हो सके.
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