चंबा: जिला चंबा में मानसून सीजन में हर साल बाढ़ आना और बादल फटने से भारी तबाही आम बात है. जिले में हर साल बाढ़ आने से पर्यावरण को भी काफी नुकसान होता है. इस साल नुकसान से बचने के लिए जिला प्रशासन ने पहले ही कमर कस ली (PILOT PROJECT IN CHAMBA) है. जिले में बारिश से होने वाले नुकसान से बचने के लिए जिला प्रशासन ने नीदरलैंड की कंपनी का सहयोग लिया है. नीदरलैंड की कंपनी द्वारा जिले में एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत की जाएगी. जिसके लिए जिले में दो दिन का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया. जिसका आज अंतिम दिन था.
रावी नदी से होगी पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत: प्रोजेक्ट के तहत बाढ़ से निपटने के लिए उत्तम किस्म के उपकरण रावी नदी के किनारे लगाए जाएंगे ताकि जब भी भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात बनने लगे तो उससे पहले ही इसकी जानकारी जिले के लोगों को मिल जाए, ताकि वह अलर्ट हो (NETHERLANDS COMPANY WILL START PILOT PROJECT) सके. मानसून के सीजन में अक्सर पहाड़ों पर भारी बारिश होने से नदी-नालों में पानी का जलस्तर बढ़ जाता है. जलस्तर बढ़ने से पर्यावरण को तो नुकसान होता ही है, लेकिन कई बार लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
पायलट प्रोजेक्ट से चमेरा हाइड्रो प्रोजेक्ट भी बचेगा: पायलट प्रोजेक्ट चमेरा 1, चमेरा 2, चमेरा 3 सहित सभी हाइड्रो प्रोजेक्ट (CHAMERA HYDRO PROJECT) को नुकसान से बचाने में भी कारगर साबित होगा. नीदरलैंड कंपनी सभी हाइड्रो प्रोजेक्ट के मुखिया के साथ चर्चा कर रही है और उन्हें इसके बारे में जानकारी दे रही है. उनका कहना है कि पायलट प्रोजेक्ट से बाढ़ की सूचना पहले ही जिले के लोगों को मिल जाएगी ताकि लोग पहले ही सतर्क हो जाएं और नुकसान से बच सके. इसमें राज्य आपदा प्रबंधन भी सहयोग करेगा.
पायलट प्रोजेक्ट पर क्या बोले डीसी चंबा: डीसी चंबा दुनी चंद राणा ने बताया है कि फ्लड फोरकास्टटिंग पर कार्य हो रहा (DC CHAMBA ON PILOT PROJECT) है. इसे वर्ल्ड बैंक फंडेड कर रहा है. एशियन डिजास्टर प्रिपरेशन सेंटर , बैंकॉक इसे कोऑर्डिनेट कर रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन के सौजन्य से जिला चंबा में यह प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा. नीदरलैंड की एक कंपनी को यह प्रोजेक्ट दिया गया है. जिसके तहत दो दिनों से प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि इस पायलट प्रोजेक्ट से लोगों को काफी राहत मिलेगी.
ये भी पढ़ें: Himachal Weather Update: बारिश और ओलावृष्टि के बाद अब धीरे-धीरे बढ़ेगा पारा