चंबाः मणिमहेश यात्रा के बहाल होने के बाद मंगलवार शाम तक करीब दस हजार यात्रियों डल झील की ओर रवाना हुए. जिनमें भरमौर से ही करीब तीन हजार और कलसूई में रोके गए छह हजार से अधिक यात्री शामिल हैं जबकि अब भी यात्रियों के डल झील की ओर रूख करने का क्रम जारी है.
मणिमहेश यात्रा के बीच में मौसम खराब होने के बावजूद शिवभक्तों का हौसला देखते ही बन रहा है. इन दिनों पूरा चंबा जिला भोलेनाथ के जयघोष से गूंज रहा है. मंगलवार को चौरासी मंदिर परिसर के मुख्य शिव मंदिर में यात्रियों की कतारें लगी रही. वहीं, यात्रा पूरी करके लौट रहे यात्रियों ने चौरासी में माथा टेक घर की ओर प्रस्थान किया.
बता दें कि सोमवार को हड़सर मार्ग पर थनाडी नाला में पुली और सड़क के बह जाने से प्रशासन ने यात्रा को स्थगित कर दिया था. जिस कारण डल में आस्था की डुबकी लगाकर लौट रहे यात्रियों को हड़सर और झील की तरफ निकल रहे यात्रियों को जिले के तुन्नूहट्टी, कलसूई तथा भरमौर समेत कई जगह पर रोक लिया गया था. सोमवार देर शाम क्षतिग्रस्त सड़क के हिस्से से वैकल्पिक रास्ता बना हड़सर में फंसे दो हजार के करीब यात्रियों को पैदल निकाला गया.
वहीं मंगलवार सुबह छोटे वाहनों के लिए सड़क बहाल होते ही सैकड़ों यात्रियों को वाहनों समेत प्राथमिकता पर हड़सर से निकाला गया. जिसके बाद डल झील की ओर जाने वाले यात्रियों की आवाजाही शुरू कर दी गई.
यात्री रवाना होने से पहले भरमाणी माता मंदिर होते हुए चौरासी में माथा टेक कर आगे बढ़े. इस दौरान चौरासी में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ आया. बहरहाल अब खड़ामुख में डंगा गिरने से सड़क बहाल न होने तक यात्रियों से आगे न जाने की अपील की गई है. प्रशासन ने बताया कि सड़क बहाल होने के बाद यात्रा फिर शुरु कर दी जाएगी.
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