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लर्निंग आउटकम में बच्चे नहीं ले रहे दिलचस्पी, इन जिलों ने किया खराब प्रदर्शन

इस साल की ए और बी ग्रेड कि प्रतिशतता 47.8 फीसदी रही है. पहली से आठवीं तक के बच्चों के लर्निंग आउटकम जानने के लिए उनके परीक्षाओं में प्राप्त ग्रेड को ओएमआर सीट पर लेकर उसे कंपाइल किया गया है, जिसके बाद दो फीसदी बढ़ोतरी लर्निंग आउटकम में हुई है

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Published : Jun 25, 2019, 5:22 PM IST

Updated : Jun 25, 2019, 5:32 PM IST

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में लर्निंग आउटकम को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग कई तरह के प्रयास कर रहा है, लेकिन उसके बाद भी पिछले साल के मुकाबले इस साल दो फीसदी बढ़ोतरी ही छात्रों के लर्निंग आउटकम में हुई है.

इस साल की ए और बी ग्रेड कि प्रतिशतता 47.8 फीसदी रही है. पहली से आठवीं तक के बच्चों के लर्निंग आउटकम जानने के लिए उनके परीक्षाओं में प्राप्त ग्रेड को ओएमआर सीट पर लेकर उसे कंपाइल किया गया है, जिसके बाद दो फीसदी बढ़ोतरी लर्निंग आउटकम में हुई है. लर्निंग आउटकम में अपर प्राइमरी स्कूलों के मुकाबले प्राइमरी स्कूलों में 25 फीसदी बेहतर परफॉर्मेंस दी है. प्रदेश में12 जिलों के स्कूलों में से लाहौलस्पीति में 63 फीसदी ए और बी ग्रेड प्राप्त किए हैं.

जानकारी देते प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक रोहित जम्वालॉ

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वहीं जिस जिला ने सबसे अधिक सुधार किया है, उसमें 54 फीसदी के साथ मंडी का नाम शामिल है. इसके अलावा जिन जिलों ने इस लर्निंग आउटकम में सबसे खराब प्रदर्शन किया है, उसमें चंबा जिला 37.9 फीसदी, सिरमौर जिला 38.3 फीसदी ही परफॉर्मेंस दे पाए हैं.

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक रोहित जम्वाल ने बताया कि इस बार लर्निंग आउटकम में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने बताया कि लर्निंग आउटकम में सबसे बेहतर परफॉर्मेंस देकर लाहौलस्पीति में पहला रैंक हासिल किया है.

बता दें कि लर्निंग आउटकम में जिला की रैंकिंग में लाहौलस्पीति ए,बी ग्रेड की प्रतिशतता 63 फीसदी, हमीरपुर की दूसरे रैंक पर 60 फीसदी, मंडी की तीसरे रैंक पर 54 फीसदी, कांगड़ा की चौथे रैंक पर 54 फीसदी, बिलासपुर पांचवे रैंक पर 53 फीसदी, किन्नौर छठे रैंक पर 50 फीसदी, शिमला सातवें रैंक पर 49 फीसदी, ऊना आठवें रैंक पर 49 फीसदी, कुल्लू नौंवे रैंक के साथ 44 फीसदी, सोलन दसवें रैंक के साथ 43 फीसदी, सिरमौर ग्यारवें रैंक के साथ 38 फीसदी, चंबा 38 फीसदी के साथ बारहवें रैंक पर रहा.

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नए लर्निंग आउटकम प्लान के तहत स्कूलों में पढ़ाई हो रही है जिसके बाद भी इसमें कोई बेहतर रिजल्ट नहीं आ पा रहा हैं. हालांकि शिक्षा विभाग इस बढ़ोतरी से संतुष्ट नजर आ रहा है. वहीं, विभाग का मानना है कि प्रदेश के स्कूलों में 2018-19 के लर्निंग आउटकम में साल 2017-18 के मुकाबले 2 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. ये सुधार छात्रों के विषयों में आए ए और बी ग्रेड में हुआ है.

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में लर्निंग आउटकम को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग कई तरह के प्रयास कर रहा है, लेकिन उसके बाद भी पिछले साल के मुकाबले इस साल दो फीसदी बढ़ोतरी ही छात्रों के लर्निंग आउटकम में हुई है.

इस साल की ए और बी ग्रेड कि प्रतिशतता 47.8 फीसदी रही है. पहली से आठवीं तक के बच्चों के लर्निंग आउटकम जानने के लिए उनके परीक्षाओं में प्राप्त ग्रेड को ओएमआर सीट पर लेकर उसे कंपाइल किया गया है, जिसके बाद दो फीसदी बढ़ोतरी लर्निंग आउटकम में हुई है. लर्निंग आउटकम में अपर प्राइमरी स्कूलों के मुकाबले प्राइमरी स्कूलों में 25 फीसदी बेहतर परफॉर्मेंस दी है. प्रदेश में12 जिलों के स्कूलों में से लाहौलस्पीति में 63 फीसदी ए और बी ग्रेड प्राप्त किए हैं.

जानकारी देते प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक रोहित जम्वालॉ

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वहीं जिस जिला ने सबसे अधिक सुधार किया है, उसमें 54 फीसदी के साथ मंडी का नाम शामिल है. इसके अलावा जिन जिलों ने इस लर्निंग आउटकम में सबसे खराब प्रदर्शन किया है, उसमें चंबा जिला 37.9 फीसदी, सिरमौर जिला 38.3 फीसदी ही परफॉर्मेंस दे पाए हैं.

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक रोहित जम्वाल ने बताया कि इस बार लर्निंग आउटकम में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने बताया कि लर्निंग आउटकम में सबसे बेहतर परफॉर्मेंस देकर लाहौलस्पीति में पहला रैंक हासिल किया है.

बता दें कि लर्निंग आउटकम में जिला की रैंकिंग में लाहौलस्पीति ए,बी ग्रेड की प्रतिशतता 63 फीसदी, हमीरपुर की दूसरे रैंक पर 60 फीसदी, मंडी की तीसरे रैंक पर 54 फीसदी, कांगड़ा की चौथे रैंक पर 54 फीसदी, बिलासपुर पांचवे रैंक पर 53 फीसदी, किन्नौर छठे रैंक पर 50 फीसदी, शिमला सातवें रैंक पर 49 फीसदी, ऊना आठवें रैंक पर 49 फीसदी, कुल्लू नौंवे रैंक के साथ 44 फीसदी, सोलन दसवें रैंक के साथ 43 फीसदी, सिरमौर ग्यारवें रैंक के साथ 38 फीसदी, चंबा 38 फीसदी के साथ बारहवें रैंक पर रहा.

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नए लर्निंग आउटकम प्लान के तहत स्कूलों में पढ़ाई हो रही है जिसके बाद भी इसमें कोई बेहतर रिजल्ट नहीं आ पा रहा हैं. हालांकि शिक्षा विभाग इस बढ़ोतरी से संतुष्ट नजर आ रहा है. वहीं, विभाग का मानना है कि प्रदेश के स्कूलों में 2018-19 के लर्निंग आउटकम में साल 2017-18 के मुकाबले 2 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. ये सुधार छात्रों के विषयों में आए ए और बी ग्रेड में हुआ है.

Intro:प्रदेश के स्कूलों में लर्निंग आउटकम को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग कई तरह के प्रयास कर रहा है,लेकिन उसके बाद भी बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष दो फ़ीसदी बढ़ोतरी ही छात्रों के लर्निंग आउटकम में हो पाई है। नए लर्निंग आउटकम प्लान के तहत स्कूलों में पढ़ाई हो रही है जिसके बाद भी इसमें कोई बेहतर रिजल्ट नहीं आ पा रहा है। हालांकि शिक्षा विभाग इस बढ़ौतरी से संतुष्ट नज़र आ रहा है विभाग का मानना है की लर्निंग आउटकम में यह बढ़ोतरी इस बेहतर संकेत है। प्रदेश के स्कूलों में 2018-19 के लर्निंग आउटकम में वर्ष 2017-18 के मुकाबले 2 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। यह सुधार छात्रों के विषयों में आए ए ओर बी ग्रेड में हुआ है।


Body:ए ओर बी ग्रेड कि इस वर्ष की प्रतिशतता 47.8 फीसदी रही है। पहली से आठवीं तक के बच्चों के लर्निंग आउटकम जानने के लिए उनके परीक्षाओं में प्राप्त ग्रेड को ओएमआर सीट पर ले कर उसे कंपाइल किया गया है जिसके बाद दो फीसदी बढ़ोतरी लर्निंग आउटकम में पाई गई है। लर्निंग आउटकम में अपर प्राइमरी स्कूलों के मुकाबले प्राइमरी स्कूलों में 25 फ़ीसदी बेहतर परफॉर्मेंस दी है। प्रदेश में 12 जिलों के स्कूलों के बच्चों का यह परिणाम है जिसमें जनजातीय क्षेत्र लाहौलस्पीति बेस्ट परफोर्मिंग जिला रहा है। लाहौलस्पीति में 63 फ़ीसदी बच्चों ने ए ओर बी ग्रेड प्राप्त किए है। वहीं जिस जिला ने सबसे अधिक सुधार किया है उसमें 54 फीसदी के साथ मंडी का नाम शामिल है। इसके अलावा जिन जिलों ने इस लर्निंग आउटकम में सबसे खराब प्रदर्शन किया है उसमें चंबा जिला 37.9 फीसदी ओर सिरमौर जिला 38.3 फीसदी ही परफॉर्मेंस दे पाए हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक रोहित जम्वाल ने कहा कि इस बार लर्निंग आउटकम में 2 फीसदी की बढ़ौतरी हुई है। लर्निंग आउटकम में सबसे बेहतर परफॉर्मेंस दे कर लाहौलस्पीति में पहला रैंक हासिल किया है जो कि हैरान करने वाली बात है।


Conclusion:बता दे कि लर्निंग आउटकम में जिला की रैंकिंग में लाहौलस्पीति ए,बी ग्रेड की प्रतिशतता 63 फीसदी,हमीरपुर की दूसरे रैंक पर 60 फ़ीसदी,मंडी की तीसरे रैंक पर 54 फीसदी,कांगड़ा की चौथे रैंक पर 54 फीसदी, बिलासपुर पांचवे रैंक पर 53 फीसदी,किन्नौर छठे रैंक पर 50 फीसदी, शिमला सातवें रैंक पर 49 फीसदी, ऊना आठवें रैंक पर 49 फीसदी,कुल्लू नौंवे रैंक के साथ 44फीसदी,सोलन दसवें रैंक के साथ 43 फीसदी, सिरमौर ग्यारवें रैंक के साथ 38 फीसदी ओर चंबा सबसे लोवेस्ट परफॉर्मेंस के साथ 38 फीसदी के साथ बाहरवें रैंक पर रहा है।
Last Updated : Jun 25, 2019, 5:32 PM IST
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