चंबा: चंबा जिले की खूबसूरती को और हरा-भरा करने के लिए वन विभाग तरह-तरह के कदम उठा रहा है. चंबा मंडल के अंतर्गत 20 से अधिक ऐसी नर्सरी हैं, जहां पर विभिन्न प्रजातियों के पौधे तैयार किए जाते हैं. इन पौधों को मानसून के सीजन में चंबा जिले के अलग-अलग इलाकों में रोपा जाता है ताकि जिला चंबा हरा-भरा रहे.
बता दें कि चंबा मंडल के (Chamba Forest Division) अंतर्गत 20 के करीब ऐसी नर्सरी हैं जहां पर देवदार, कैंथ, वन, धमण, द्रेक, चीड़, आदि कई प्रजातियों के पौधे तैयार किए जा रहे हैं. जब भी मानसून का सीजन शुरू होता है तो पौधों को जिले के अलग-अलग उप मंडलों में क्षेत्र को हरा-भरा रखने के लिए लगाया जाता है. हालांकि इसमें से कई प्रजातियां ऐसी हैं जो लोगों के काम भी आती हैं. खासकर लोग अपने माल मवेशियों को चारे के रूप में इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
हर साल लाखों के हिसाब से पौधे इन नर्सरी में (Plant Nursery in Chamba) तैयार करवाए जाते हैं ताकि जिस तरह से हिमाचल प्रदेश अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया भर में मशहूर है उसी तरह चंबा जिले को भी हरा-भरा रखने में वन विभाग अपना योगदान दे सकें.वन विभाग की टीम नर्सरी में काम करती हैं और जो पौधे तैयार हो जाते हैं उन्हें खाली जगह पर लगाने के लिए भेज दिया जाता है और उसके बाद लगातार अन्य प्रजातियों के पौधे भी तैयार किए जाते हैं.
चंबा वन मंडल अधिकारी अमित शर्मा का कहना है कि चंबा मंडल के अंतर्गत अलग- अलग प्रजाति के पौधे नर्सरी में लगाए जाते हैं ताकि इन्हें मानसून के सीजन में अलग-अलग इलाकों में लगाया जा सके. कई ऐसी प्रजातियां भी हैं जो (Plant Nursery in Chamba) लोगों के माल मवेशियों के चारे के भी काम आती हैं. यहां पर हमारा प्रयास है कि अलग-अलग प्रजाति के पौधे तैयार करें ताकि जहां-जहां जरूरत हो वहां पर पौधों को रोपा जा सके. इसके लिए भी लगातार वन विभाग प्रयास कर रहा है.
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