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चंबा में 108 की खस्ता हालत, बूढ़ी हो चुकी एंबुलेंस गाड़ियों को धक्का मारकर करना पड़ता है स्टार्ट - चंबा में 108 एंबुलेंस की खस्ता हालत न्यूज

जिला में इन दिनों 108 एंबुलेंस की हालत खस्ता है. आलम ये है कि मरीजों को ले जाने के लिए एंबुलेंस को स्टार्ट करने के लिए किसी चाबी की नहीं, बल्कि लोगों की मदद लेनी पड़ती है. जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा लेने के लिए कई बार सोचना पड़ रहा है.

एंबुलेंस को धक्का देते लोग
Ambulance problem in chamba
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Published : Jan 3, 2020, 11:17 PM IST

चंबा: जिला में इन दिनों 108 एंबुलेंस की हालत खस्ता है. आलम ये है कि एंबुलेंस को स्टार्ट करने के लिए लोगों धक्का मरवाया जा रहा है. जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा लेने के लिए कई बार सोचना पड़ रहा है. सलूणी अस्पताल की 18 एम्बुलेंस में से 15 चल रही हैं और और ये सभी अपनी औसतन आयु पूरी कर चुकी हैं.

बता दें कि जिला के उपमंडल सलूणी के अस्पताल की 108 एंबुलेंस स्टार्ट नहीं हुई तो चालक ने लोगों से धक्का मरवाकर इसे स्टार्ट करने का प्रयास किया, लेकिन गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई. जिससे मजबूर होकर पथ परिवहन निगम की गाड़ी से बांधकर एंबुलेंस को खींचना पड़ा . ऐसे में लोगों ने प्रशासन से एम्बुलेंस की मरम्मत करवाने की मांग की है.

वीडियो

सीमओ डॉ. राजेश गुलेरी ने बताया कि हमारे पास 18 एम्बुलेंस हैं, जिसमें से 15 चल रही है और और ये सभी अपनी औसतन आयु पूरी कर चुकी हैं. उन्होंने बताया कि बार कंपनी को कहा गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. हालांकि सलूणी अस्पताल को 13 एम्बुलेंस मिलने वाली हैं

चंबा: जिला में इन दिनों 108 एंबुलेंस की हालत खस्ता है. आलम ये है कि एंबुलेंस को स्टार्ट करने के लिए लोगों धक्का मरवाया जा रहा है. जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा लेने के लिए कई बार सोचना पड़ रहा है. सलूणी अस्पताल की 18 एम्बुलेंस में से 15 चल रही हैं और और ये सभी अपनी औसतन आयु पूरी कर चुकी हैं.

बता दें कि जिला के उपमंडल सलूणी के अस्पताल की 108 एंबुलेंस स्टार्ट नहीं हुई तो चालक ने लोगों से धक्का मरवाकर इसे स्टार्ट करने का प्रयास किया, लेकिन गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई. जिससे मजबूर होकर पथ परिवहन निगम की गाड़ी से बांधकर एंबुलेंस को खींचना पड़ा . ऐसे में लोगों ने प्रशासन से एम्बुलेंस की मरम्मत करवाने की मांग की है.

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सीमओ डॉ. राजेश गुलेरी ने बताया कि हमारे पास 18 एम्बुलेंस हैं, जिसमें से 15 चल रही है और और ये सभी अपनी औसतन आयु पूरी कर चुकी हैं. उन्होंने बताया कि बार कंपनी को कहा गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. हालांकि सलूणी अस्पताल को 13 एम्बुलेंस मिलने वाली हैं

Intro:सलूणी सीएचसी की धका स्टार्ट एम्बुलेंस।सरकार के दाबे हुए फेल। अभी कुछ दिन पहले सरकार ने मनाया 2 साल का जश्न।धरातल की सरकार की पोल खोलती कुछ तस्वीरे।

स्पेशल रिपोर्ट
मरीजों को अपातकाल के दौरान 108 एंबुलेंस गाड़ी सुविधा चाहिए तो पहले एंबुलेंस चालक व कर्मचारियों को कोल कर कनफर्म कर लें अन्यथा गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई तो आपको घोखा लग सकता है क्योंकि एंबुलेंस गाड़ियों की इस दौरान इतनी खस्ता हालत है कि सुबह एंबुलेंस के चालकों को गाड़ी को स्टार्ट करने के लिए पहले लोगों से धक्का लगवाना पड़ता है अगर फिर भी स्टार्ट नहीं हुई तो अन्य गाड़ियों से बंधा कर खींच कर स्टार्ट करना पड़ता उसके बाद मरीजों कि सेवा के लायक बनाया जाता है , इतना कुछ करने के बावजूद भी गाड़ी स्टार्ट नहीं होती तो ऐसी सूरत में मरीज को अस्पताल लेने के लिए तीमारदारों के पास निजी गाड़ी करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचता है और उन्हें सरकार की निशुल्क सेवा के बदले में अपनी जेबें ढीली कर निजी गाड़ियों के माध्यम से अस्पताल पहुंचा कर उपचार करवा सकते हैं।ऐसा ही मंजर आज कल जिला के विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध एंबुलेंस देखने को मिल रहा हैBody:इन एम्बुलेंसों की इतनी खस्ता हालत बनी है कि चालकों को गाड़ियों को मरीजों की सेवा लायक बनाने के लिए पहले हर दिन गाड़ी को स्टार्ट करने के लिए लोगों की मिनातें करनी पड़ती है अस्पताल के पास सुबह सुबह लोग उपलब्ध होंगे तो उन्हें आसानी रहती है गाड़ी को लोगों से धाक्का लगवाने में अन्यथा फिर लोगों के आने का इंतजार करना पड़तालोगों द्वारा धक्का लगने के बावजूद भी कई बार गाड़ी स्टार्ट नहीं होती है तो फिर अन्य गाड़ी से बंधा कर स्टार्ट करवाना पड़ता है ।यह किसी एक अस्पताल में उपलब्ध एंबुलेंस का नहीं सभी अस्पतालों में मौजूद गाड़ियों का हाल है।Conclusion:सलूणी अस्पताल में मौजूद एंबुलेंस स्टार्ट नहीं हुई तो चालक ने लोगों का सहारा लेकर स्टार्ट करने का प्रयास लिए मगर गाड़ी स्टार्ट नही हुई नहीं हुए तो उसे मजबूर होकर पथ परिवहन निगम की गाड़ी से बंधा कर स्टार्ट करना पड़ा यह सिलसिला एक दिन नहीं है हर दिन सुबह चालकों को ऐसी ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है मगर प्रबन्धन की ओर से गाड़ियों कि खस्ता हालत में सुधार लाने के लिए कोई व्यवस्था न करने से चालक के साथ मरीजों को भी असुविधा हो रही है । लोगों ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि जिला में मरीजोंके लिए अपातकालीन सेवा के लिए एम्बुलेंसों की मुरम्मत करवाई जाए ताकि लोगों असुविधा का सामना न करना पड़े।

क्या कहते है चंबा के सीएमओ डॉ राजेश गुलेरी
वहीँ दूसरी और चंबा के सीएमओ डॉ राजेश गुलेरी का कहना है की हमारे पास 18 एम्बुलेंस है जिनमे पंद्रह चल रही है और और ये सभी अपनी ओसतन आयु पूरी कर चुकी है जिसके चलते कई बार कम्पनी को कहा गया है रही बात सलूनी की तो उन एम्बुलेंस के बारे में हमने कई बार पत्राचार किया है और जल्द हमें 13 के करीब नै एम्बुलेंस मिलने वाली है
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